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Monday 1 July 2024 05:53:28 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के पदपर तैनात 2022 बैच के आईएएस अधिकारियों के समूह ने आज राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त की और उनसे बातचीत करते हुए कहाकि हमारे देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा एक बेहतरीन करियर माना जाता है। उन्होंने कहाकि लाखों महत्वाकांक्षी युवा आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं, उनमें से कई इस सेवा में चयन केलिए कड़ी मेहनत करते हैं और ऐसे युवाओं में से आपही हैं, जिन्हें इस सेवा के माध्यम से नागरिक कल्याण केलिए कार्य करने का अवसर मिला है। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रशिक्षण केदौरान उनको देश, समाज तथा प्रशासन से जुड़ा जो ज्ञान और अनुभव मिला है, वह उनके पूरे करियर के दौरान उनके लिए सहायक सिद्ध होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को इस अवसर पर बताया गयाकि सहायक सचिव कार्यक्रम के जरिए इन सबको करियर के शुरुआती दौर मेंही भारत सरकार के कामकाज से अवगत कराया जा रहा है, इनको अत्यंत वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारियों के मार्गदर्शन में काम करने का अवसर मिल रहा है और यह संपर्क इनको देशव्यापी दृष्टिकोण प्रदान करेगा। उन्होंने कहाकि जब उनकी पोस्टिंग किसी क्षेत्रमें होगी, तब नीति निर्धारण और निर्णय लेने में राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य का यह ज्ञान और अनुभव का लाभ उन सबको मिलेगा। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि स्वाधीन भारत में आईएएस की भूमिका को परिभाषित करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा थाकि सिविल सेवक को 'सेवा की भावना' केसाथ काम करना चाहिए। उनका यह भी कहना थाकि देश के सामान्य लोगों केसाथ अपनेपन का व्यवहार करना हर अधिकारी का कर्तव्य है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि आप जहांभी काम करें, वहां संवेदनशीलता, ईमानदारी तथा कार्यकुशलता की छाप छोड़ें, ताकि वहां के लोग आपके जाने केबाद भी आपके योगदान को सदा याद रखें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि आज भारत दुनिया के विकसित देशों केसाथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहता है, अनेक क्षेत्रों में हम नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि उच्च प्रौद्योगिकी युग में जब लोगों को देश-दुनिया की जानकारी वास्तविक समय में मिल रही है, तब उनकी चुनौतियां और बढ़ गई हैं, जबतक वे किसी योजना के सामाजिक या आर्थिक लक्ष्य को प्राप्त करते हैं, तबतक लोगों की ज़रूरतें, जागरुकता, आकांक्षाएं और बढ़ चुकी होती हैं, इसलिए उन्हें ऐसी व्यवस्थाएं बनानी चाहिएं, जो उन्हें भविष्य केलिए तैयार रहने में सक्षम बनाएं। राष्ट्रपति ने कहाकि समावेशी और सतत विकास तथा हरवर्ग के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हेतु बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने केलिए प्रशासन की कार्य संस्कृति जनभागीदारी पर आधारित होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि आजके संदर्भ में अधिकारियों को न केवल प्रशासक, बल्कि सुविधा प्रदाता और प्रबंधक की भूमिका भी निभानी होगी, उनकी सफलता इस बातपर निर्भर करेगीकि वे सबको साथ लेकर कैसे जवाबदेह, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासन प्रदान कर पाते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि प्रशासक केलिए सबसे महत्वपूर्ण बात लोगों का विश्वास जीतना और उसे बनाए रखना है। उन्होंने अधिकारियों को लोगों केलिए अपनी सुलभता, पारदर्शिता और विश्वास निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की सलाह दी। हालांकि उन्होंने अधिकारियों को आत्म प्रचार केलिए प्रौद्योगिकी विशेष रूपसे सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचने की सलाह भी दी। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि उन्हें नैतिकता के मामले में कोई समझौता नहीं करना चाहिए और ऐसी स्थिति से निपटने केलिए उन्हें शुरू से ही सतर्क और सक्रिय रहना होगा। उन्होंने विश्वास जतायाकि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने केसाथ-साथ अधिकारी अपने व्यक्तिगत आचरण में ईमानदारी, धार्मिकता और स्थिरता को भी बढ़ावा देंगे। उन्होंने आईएएस अधिकारियों से कहाकि विकसित भारत के निर्माण केलिए विकसित मानसिकता आवश्यक है और उन्हें विश्वास हैकि वे नई सोच और नए समाधानों केसाथ देश के विकास को और भी ज्यादा तेजीसे आगे बढ़ाएंगे।