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Tuesday 9 July 2024 04:59:38 PM
मास्को/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और रूस में दशकों पुरानी गहरी अभिन्न मित्रता को पूरे विश्वास केसाथ और वचनबद्ध होकर दोहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय रूस के दौरे पर हैं और वे मास्को में आयोजित भारतीय समुदाय के गर्मजोशीभरे स्वागत कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर प्रवासी भारतीयों ने उनका स्नेहपूर्वक गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से प्रवासी भारतीयों का अभिवादन स्वीकार करते हुए उनको धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका और चीन सहित सारी दुनिया की नज़र है, जिसमें प्रधानमंत्री ने भारत-रूस के आर्थिक, रक्षा रणनीति और सुरक्षापूर्ण अनुकरणीय संबंधों और एकदूसरे केलिए सदैव दिनरात साथ खड़े रहने की जोरदार सराहना की। उन्होंने कहाकि मैं अपने साथ हिंदुस्तान की मिट्टी की महक लेकर आया हूं, मैं 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर आया हूं, उनकी शुभकामनाएं लेकर आया हूं और ये बहुत सुखद हैकि तीसरी बार सरकार में आने केबाद भारतीयों से उनका पहला संवाद यहां मास्को में हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज 9 जुलाई है और आजही उन्हें शपथ लिए पूरा 1 महीना हुआ है, एक महीने पहले 9 जून को उन्होंने तीसरी बार भारत के पीएम पद की शपथ ली। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसी दिन उन्होंने एक प्रण किया थाकि वे तीन गुनी ताकत से काम करेंगे और ये भी एक संयोग हैकि सरकार के कई लक्ष्यों में भी तीन का अंक छाया हुआ है। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार का लक्ष्य तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है और इसके साथ ही देशके ग़रीबों की समृद्धि केलिए उनके कल्याणकारी कार्यक्रमों के अंतर्गत तीन करोड़ आवास बनाना, तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना है, शायद अप्रवासियों के लिए लखपति दीदी शब्द नया होगा। नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को बतायाकि भारत के गांवों में जो महिला स्वयं सहायता समूह हैं, हम उनको इतना सशक्त, कौशलपूर्ण, विविधतापूर्ण करना चाहते हैंकि गावों की ग़रीब महिलाएं लखपति दीदी बनें यानि उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से ज्यादा हो और हमेशा केलिए हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दस वर्ष में भारत में हुए प्रत्यक्ष परिवर्तन और उपलब्धियां गिनाते हुए कहाकि आज भारत वो देश है, जो चंद्रयान को चंद्रमा पर पहुंचाता है, जहां दुनिया का कोई भी देश अबतक नहीं पहुंच सका, भारत डिजिटल लेनदेन का सबसे विश्वसनीय मॉडल दुनिया को दे रहा है, सामाजिक क्षेत्र की बेहतरीन योजनाओं से अपने नागरिकों को सशक्त कर रहा है, यहां दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट फ़ाइल कर रहा है, रिसर्च पेपर पब्लिश कर रहा है और यही भारतीय युवाओं की पावर है, दुनिया हिंदुस्तान के नौजवानों के टैलेंट को देखकर अचंभित है। उन्होंने कहाकि बीते दस वर्ष में भारत ने विकास की जो रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर भी दुनिया हैरान है, दुनिया के लोग जब भारत आते हैं तो कहते हैंकि भारत बदल रहा है, वो भारत का कायाकल्प और भारत का नवनिर्माण देख रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य पर भरोसा करता है, विश्वभर में फैले भारतीयों के सामर्थ्य पर गर्व करता है, हम 140 करोड़ भारतीयों के विकसित भारत का संकल्प पूरा करना चाहते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत में ये बदलाव सिर्फ सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर काही नहीं है, ये बदलाव देशके हर नागरिक, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है। उन्होंने भारतीयों से कहाकि आपने भी हाल में टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप विक्टरी को सेलिब्रेट किया, गर्व हो रहा था, आजका युवा और युवा भारत, आखिरी बॉल और आखिर पलतक हार नहीं मानता है और विजय उन्हीं के चरण चूमती है जो हार मानने को तैयार नहीं होते, ये भावना सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि दूसरे खेलों में भी दिख रही है। उन्होंने कहाकि बीते सालों में हर इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में हमारे एथलीट्स ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किए हैं, इसबार पेरिस ओलंपिक्स में भी भारत की तरफ से एक शानदार टीम भेजी जा रही है, आप देखिएगा कि सारे एथलीट्स कैसे अपना दम दिखाएंगे, भारत की युवाशक्ति का यही आत्मविश्वास भारत की असली पूंजी है और यही युवाशक्ति भारत को 21वीं सदी की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीते 10 साल में भारत ने जो विकास किया, वो तो सिर्फ एक ट्रेलर है, आनेवाले 10 साल और भी तेजीसे विकास के साल होने वाले हैं, सेमीकंडक्टर से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग तक, ग्रीन हाइड्रोजन से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तक और वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तक भारत की नई गति दुनिया के विकास का अध्याय लिखेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज ग्लोबल इकॉनॉमी की ग्रोथ में 15 प्रतिशत भारत कंट्रीब्यूट कर रहा है, इसका और ज्यादा विस्तार होना तय है। उन्होंने खुशी जताईकि वैश्विक समृद्धि को नई ऊर्जा देने केलिए भारत और रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, आपने अपनी मेहनत, अपनी ईमानदारी से रूसके समाज में अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि दशकों से भारत और रूस में जो अनोखा रिश्ता है, मैं उसका कायल हूं। उन्होंने कहाकि रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है, भारत के सुख-दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त। उन्होंने जिक्र कियाकि हमारे रूसी मित्र इसे द्रुजबा कहते हैं और हम हिंदी में इसे दोस्ती, ये रिश्ता आपसी विश्वास और आपसी सम्मान की मज़बूत नींव पर खड़ा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे रिश्तों की दृढ़ता अनेक बार परखी गई है और हरबार हमारी दोस्ती बहुत मजबूत होकरके उभरी है। उन्होंने भारत-रूस की प्रगाढ़ दोस्ती केलिए विशेष रूपसे राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन की सराहना की और कहाकि उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस साझेदारी को मज़बूती देने केलिए शानदार काम किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते 10 साल में मैं छठीं बार रूस आया हूं और हम एकदूसरे से 17 बार मिले हैं, ये सारी मीटिंग्स, विश्वास और सम्मान को बढ़ाने वाली रही हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि जब हमारे विद्यार्थी संघर्ष केबीच फंसे थे तो राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने उन्हें वापस भारत पहुंचाने में हमारी मदद की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज बड़ी संख्या में नौजवान रूस में पढ़ाई केलिए आते हैं और यहां अलग-अलग राज्यों की एसोसिएशंस भी हैं, इससे हर राज्य के त्योहारों, खान-पान, भाषा-बोली, गीत-संगीत की विविधता भी यहां बनी रहती है। उन्होंने कहाकि यहां होली-दीवाली से लेकर हर त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं, भारत के स्वतंत्रता दिवस को भी यहां उत्साह और उमंग से मनाया जाता है और मैं आशा करूंगा इसबार 15 अगस्त उत्सव तो और भी शानदार होना चाहिए, पिछले महीने इंटरनेशनल योग डे पर भी हज़ारों लोगों ने यहां पार्टिसिपेट किया। उन्होंने भारतीयों को बतायाकि कजान और यिकातेरिन बुर्ग में दो नए काउंसुलेट खोलने का निर्णय लिया गया है, इससे भारत-रूस केबीच आना-जाना और व्यापार-कारोबार और आसान होगा। उन्होंने कहाकि हमारे संबंधों का एक प्रतीक आस्ट्राखान का इंडिया हाउस भी है, 17वीं शताब्दी में गुजरात के व्यापारी वहां बसे थे, जब मैं गुजरात का नया-नया मुख्यमंत्री बना था, तब मैं वहां गया था। उन्होंने कहाकि दो साल पहले उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर से पहला वाणिज्यिक कन्साइनमेंट भी यहां पहुंचा, ये कॉरिडोर मुंबई और आस्त्राखान की पोर्ट सिटी को आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहाकि अब हम चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारा पर भी काम कर रहे हैं, हम दोनों देश गंगा-वोल्गा सभ्यता के संवाद से एक दूसरे को पुनः खोज रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज दुनिया कहरही है 21वी सदी भारत की सदी है, आज विश्व बंधु के रूपमें भारत दुनिया को नया भरोसा दे रहा है, भारत की बढ़ती क्षमताओं ने पूरी दुनिया को स्थिरता और समृद्धि की उम्मीद दी है। उन्होंने कहाकि नई उभरती बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में भारत को एक मजबूत पिलर के रूपमें देखा जा रहा है, जब भारत शांति, संवाद और कूटनीति की बात कहता हैतो पूरी दुनिया सुनती है, जबभी दुनिया पर संकट आता है तो भारत सबसे पहले पहुंचने वाला देश बनता है। उन्होंने कहाकि भारत, दुनिया की उम्मीदों को पूरा करने केलिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा, लंबे समय तक दुनिया ने एक प्रभावोन्मुख वैश्विक व्यवस्था देखा है। उन्होंने कहाकि आज की दुनिया को प्रभाव की नहीं संगम की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने भारतीयों से कहाकि वे सभी रूस में भारत के ब्रैंड एंबेसेडर्स हैं, वे ऐसेही रूस और भारत के रिश्तों को मज़बूत बनाते रहें।