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बंदरगाह के क्षेत्र में नया युग शुरू-सोनोवाल

विझिंजम में गहरे पानी में उतरा मदरशिप 'एमवी सैन फर्नांडो'

समुद्री व्यापार के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण बिंदु है विझिंजम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 July 2024 03:26:51 PM

mother ship 'mv san fernando' landed in deep waters in vizhinjam

विझिंजम (केरल)। केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने केरल के विझिंजम में भारत के पहले गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह पर पहला मदर शिप 'एमवी सैन फर्नांडो' प्राप्त किया है। नौ हज़ार टीईयू तक की क्षमता वाला यह जहाज भारत के पहले स्वचालित बंदरगाह पर डॉक हुआ, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाएं हैं और जो मेगामैक्स कंटेनरशिप को संभालने की क्षमता रखता है। यह जहाजों को त्वरित बदलाव केलिए भी बड़े पैमाने पर स्वचालन प्रदान करता है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इस अवसर पर यह अद्भुत उपलब्धि देश के बंदरगाह क्षेत्र में नए युग की शुरुआत है और देश में विश्वस्तरीय बंदरगाह अवसंरचना का निर्माण करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि भारत के समुद्री क्षेत्र केलिए यह ऐतिहासिक दिन है, भारत का पहला मदरशिप डॉक विझिंजम में है, जो भारत का सही मायने में गहरे पानी वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल है। उन्होंने कहाकि यह 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण का प्रमाण है, जहां केरल सरकार, भारत सरकार और अदानी पोर्ट सेज केबीच पीपीपी सहयोग से भारत के समुद्री क्षेत्र के विकास केलिए एक अद्भुत संपत्ति तैयार की है।
भारत के जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि भारत उद्यमशील उद्यमों को सुसज्जित और सक्षम बना रहा है और राष्ट्र निर्माण हेतु क्षमता निर्माण करने केलिए आवश्यकतानुसार सहयोग कर रहा है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि राष्ट्र निर्माण की इसी भावना केसाथ जलमार्ग मंत्रालय मेगा पोर्ट परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसमें महाराष्ट्र के वधावन में ऑल वेदर डीप ड्राफ्ट पोर्ट और गैलाथिया बे में इंटरनेशनल कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल शामिल हैं। उन्होंने बतायाकि विझिंजम बंदरगाह तिरुवनंतपुरम केपास एक रणनीतिक समुद्री परियोजना है, यह भारत में पहली ग्रीनफील्ड बंदरगाह परियोजना है, जिसे राज्य सरकार ने 18000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश केसाथ शुरू किया है। उन्होंने कहाकि सार्वजनिक निजी भागीदारी मोड के अंतर्गत विकसित यह बंदरगाह देशके बंदरगाह क्षेत्रमें सबसे बड़ी पहलों में से एक है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों केपास विझिंजम का रणनीतिक स्थान जहाजों केलिए पारगमन समय को बहुत कम कर देता है, जिससे यह समुद्री व्यापार केलिए एक महत्वपूर्ण बिंदु बन जाता है। भारत के कुछ प्राकृतिक गहरे पानी के बंदरगाहों में से एकके रूपमें यह कुशलतापूर्वक बड़े कार्गो और कंटेनर जहाजों को समायोजित कर सकता है। विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह का विकास रोज़गार, व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करके केरल की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने केलिए तैयार है। वर्तमान अवसंरचना परियोजनाओं का उद्देश्य बंदरगाह को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करना है, जिसमें आधुनिक कंटेनर टर्मिनल, गोदाम और रसद पार्क शामिल हैं।
विझिंजम क्षेत्रीय व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने केलिए तैयार है, संभावित रूपसे दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका केबीच वाणिज्य केलिए प्रवेश द्वार के रूपमें काम कर रहा है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि देश में बंदरगाह क्षेत्र में तेजीसे विकास किया है, हमारा लक्ष्य आनेवाले वर्ष में शीर्ष समुद्री वैश्विक शक्ति बनने का है। विझिंजम बंदरगाह के परिचालन केसाथ भारत इस क्षेत्र में व्याप्त अवसरों का लाभ उठाने और कोलंबो और सिंगापुर ट्रांसशिपमेंट हब केसाथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करने केलिए तैयार है। सरकार देश के समुद्री क्षेत्र को सक्षम बनाने और सुसज्जित करने केलिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि सागरमाला परियोजना के अंतर्गत केरल में 24000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं लागू की जा रही हैं-पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम। समुद्री क्षेत्र को प्रभावित करनेवाले गतिशील वैश्विक परिदृश्य केसाथ यह बंदरगाह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उत्पन्न होनेवाले व्यवधानों को कम करने केलिए एक व्यवहार्य विकल्प और प्रमुख शिपिंग लाइनों का विकल्प प्रदान करता है। इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी उपस्थित थे।

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