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साइबर अपराध में वृद्धि से उपराष्ट्रपति चिंतित!

'साइबर अपराध के शिकार लोगों को शीघ्र क़ानूनी सहायता मिले'

वैश्विक आतंकवाद निरोधक परिषद का साइबर सुरक्षा सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 15 July 2024 04:16:28 PM

vice president concerned over rise in cyber crime

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ देशमें साइबर अपराधों की घटनाओं में वृद्धि से चिंतित हैं। दिल्ली में वैश्विक आतंकवाद निरोधक परिषद के साइबर सुरक्षा सम्मेलन में उन्होंने साइबर अपराधों की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए साइबर अपराध के शिकार लोगों और विशेषकर देश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इसके शिकार लोगों को त्वरित क़ानूनी सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहाकि साइबर अपराध सुरक्षा एजेंसियों, जांचकर्ताओं, नियामकों और कानूनी समुदाय केलिए चिंता का एक नया क्षेत्र है। उन्होंने इससे निपटने केलिए तकनीकी और मानवीय विशेषज्ञता विकसित करने का आह्वान किया। विज्ञान भवन दिल्ली में तीसरे साइबर सुरक्षा सम्मेलन के समापन सत्र में उपराष्ट्रपति ने कहाकि धोखेबाज तत्व निर्दोष लोगों को ठग रहे हैं। उन्होंने डेटा सुरक्षा और वैश्विक स्तरपर सबसे बड़ी डिजिटल सोसाइटियों में से एक भारत की प्रमुख स्थिति पर कहाकि भारत में 820 मिलियन से अधिक सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं और इसने 500 मिलियन से अधिक व्यक्तियों केलिए बैंकिंग समावेशन हासिल किया है। उन्होंने इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित कियाकि वर्ष 2023 तक वैश्विक डिजिटल लेन-देन में देश की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत पहुंच जाएगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि दुनिया भारत में सेवा वितरण में प्रौद्योगिकी के बड़े पैमाने पर उपयोग को देखकर दंग है, नि:संदेह गांव स्तर तक भी। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी आम आदमी केबीच एक प्रचलित शब्द बन रहा है, वह अपने लेन-देन के डिजिटल होने का आनंद लेता है। बाधाकारी प्रौद्योगिकियों की अपार संभावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि ऐसी प्रौद्योगिकियों से न केवल अर्थव्यवस्था, व्यवसाय या व्यक्तिगत उत्पादकता पर बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यह कहते हुएकि उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न चुनौतियों को अवसरों में बदला जाना चाहिए, जगदीप धनखड़ ने उनकी सकारात्मक क्षमता का दोहन करने केलिए प्रणालियों को अद्यतन करने का आह्वान किया। उन्होंने देशके लाभ केलिए इन प्रगतियों को एकीकृत करने केलिए सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जगदीप धनखड़ ने कहाकि युद्ध पारंपरिक सीमाओं को पार कर गया है, जो भूमि अंतरिक्ष और समुद्र से भी आगे बढ़कर नए तकनीकी क्षेत्रों में फैल गया है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि उन्नत प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में किसी राष्ट्र की तैयारी उसकी वैश्विक क्षमता और रणनीतिक ताकत को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण होगी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बतायाकि नरम कूटनीतिक शक्ति तेजी से किसी राष्ट्र की तकनीकी क्षमता पर निर्भर करती है। भारत की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने केलिए सरकार के सक्रिय उपायों पर जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम की स्थापना और सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 को अपडेट करने सहित महत्वपूर्ण पहलों के कार्यांवयन का उल्लेख किया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि ये पहल बढ़ी हुई सार्वजनिक-निजी भागीदारी केसाथ देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत देती हैं। इस अवसर पर जीसीटीसी के सलाहकार प्रोफेसर वीएम बंसल, जीसीटीसी के कार्यकारी परिषद सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह, नीरू अबरोल और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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