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Tuesday 16 July 2024 02:56:42 PM
नई दिल्ली। भारत में पहलीबार 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की बैठक होने जा रही है। भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र के अभिन्न अंग के रूपमें विश्व धरोहर शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व धरोहर युवा पेशेवर मंच की मेज़बानी कर रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का एक उप कार्यालय पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान 14 जुलाई से नई दिल्ली में 21वीं सदी में ‘विश्व धरोहर: युवाओं का क्षमता निर्माण और अवसरों की खोज’ विषय पर युवा पेशेवर मंच की मेजबानी कर रहा है। यह कार्यक्रम 23 जुलाई तक चलेगा। मंच के समापन पर युवा पेशेवर विश्व विरासत समिति के 46वें सत्र केलिए अपना घोषणापत्र प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम के उद्घाटन पर मुख्य अतिथि और संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक यदुवीर सिंह रावत, यूनेस्को के राजदूत विशाल शर्मा, एएसआई के अपर महानिदेशक (पुरातत्व) आलोक त्रिपाठी, एएसआई के अपर महानिदेशक जान्हवीज शर्मा, यूनेस्को की परियोजना अधिकारी इनेस यूसुफी भी उपस्थित थीं।
विश्व धरोहर युवा पेशेवर मंच पर विश्वभर से 50 युवा पेशेवर जिनमें भारत से 20 और भारत के बाहर से 30 युवा पेशेवर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। यह कार्यक्रम भारत की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विश्व विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन में युवा पेशेवरों की विशेषज्ञता, कौशल और क्षमताओं को बढ़ाएगा। वे विश्व विरासत और सतत विकास की वैश्विक अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे और विषय की गहनता को जानेंगे। वे स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों केसाथ स्थानीय भारतीय विरासत और उसके प्रबंधन से स्वयं को परिचित करने का अवसर भी प्राप्त करेंगे। इस वर्ष जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने केसाथ-साथ सतत विकास की गति को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित होगा। यह आशावादी रूपसे सराहनीय हैकि इसमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए नवीनतम तकनीकी नवाचारों, प्रबंधकीय प्रथाओं और सामुदायिक भागीदारी केसाथ एक एकीकृत वैज्ञानिक और मानव केंद्रित दृष्टिकोण शामिल है। अपने सैद्धांतिक ज्ञानवर्धन केलिए युवा प्रतिभागी कार्यक्रम के दौरान विश्व धरोहर स्थलों का दौरा करेंगे, जिनमें दिल्ली में कुतुब मीनार परिसर, लालकिला और हुमायूं का मकबरा तथा आगरा में ताजमहल शामिल हैं। ये पेशेवर अपने-अपने क्षेत्रों में निर्णायक व्यक्ति के रूपमें युवा पेशेवर आधुनिक युग में विश्व विरासत सम्मेलन को प्रभावी ढंग से लागू करने केलिए सहयोगी माध्यम से मार्ग खोजेंगे। चर्चाओं के माध्यम से वे विश्व विरासत और सतत विकास के वैश्विक सिद्धांतों में गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त करेंगे, साथ ही भारत की स्थानीय विरासत के प्रबंधन से परिचित होंगे।
विश्व धरोहर युवा पेशेवर मंच के समापन दिवस 22 जुलाई को ये युवा पेशेवर विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में अपना 'घोषणापत्र' प्रस्तुत करेंगे, जो भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। यह मंच युवाओं और विरासत विशेषज्ञों को एकसाथ लाकर अंतर सांस्कृतिक शिक्षा और आदान प्रदान को बढ़ावा देने केलिए एक मंच के रूपमें कार्य करता है। यह युवाओं को एक दूसरे की विरासत के बारेमें जानने समझने और संरक्षण में आम चिंताओं पर चर्चा करने और विरासत संरक्षण में अपने लिए नई भूमिकाएं खोजने का अवसर भी प्रदान करता है। प्रत्येक मंच विश्व विरासत से जुड़े एक विशिष्ट विषय पर केंद्रित होता है। स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों केसाथ मिलकर ये युवा पेशेवर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेंगे जैसे-प्रस्तुतियां, गोलमेज चर्चाएं और विरासत स्थलों का दौरा। वे विरासत प्रबंधन की संभावनाओं पर गहनता से विचार करेंगे, सामुदायिक भागीदारी और साझा भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इस सहयोगात्मक दृष्टिकोण का उद्देश्य विभिन्न उपविषयों से निपटना है, जो हैं-विश्व धरोहर सम्मेलन की उपलब्धियों और चुनौतियों को समझना, जलवायु परिवर्तन और विश्व धरोहर स्थलों पर इसका प्रभाव, विश्व धरोहर के संवर्धन केलिए नवीन प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना, समुदायों के साथ सहभागितापूर्ण दृष्टिकोण के रूपमें विश्व धरोहर संरक्षण का लाभ उठाना और युवा उद्यमिता के माध्यम से टिकाऊ पर्यटन और विकास को सुदृढ़ करना।