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'जलमार्गों से पूर्वोत्तर में होगा आर्थिक विकास'

दीमापुर में हितधारक सम्मेलन में बोले जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल

आईडब्ल्यूएआई व नागालैंड सरकार करेगी नौवहन व्यवहार्यता का अध्ययन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 16 July 2024 05:04:14 PM

stakeholders conference for development of inland waterways held in dimapur

दीमापुर। केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दीमापुर में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास केलिए हितधारक सम्मेलन में पूर्वोत्तर में एक मजबूत जलमार्ग बुनियादी ढांचे को विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा हैकि तिजु जुनकी नदी का उपयोग नागालैंड के आर्थिक विकास केलिए किया जाएगा, जिससे माल वहन और यात्री परिवहन औरभी अधिक कुशल हो जाएगा। उन्होंने कहाकि पर्यटन को प्रोत्साहन देने केलिए सामुदायिक जेटी और रो पैक्स फेरी केसाथ दोयांग नदी झील का भी विकास किया जाएगा। उन्होंने कहाकि भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण और नागालैंड सरकार का परिवहन विभाग तिजु जुनकी नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग 101) के विकास केलिए विस्तृत व्यवहारिक अध्ययन और तकनीकी सहायता का आदान प्रदान करेगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि जलमार्गों के जरिए पूर्वोत्तर में अंतर क्षेत्रीय संपर्क को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि जलमार्ग परिवहन का सबसे किफायती, टिकाऊ और कुशल माध्यम है और व्यवहारिक विकल्प के रूपमें देश में अंतर्देशीय जलमार्गों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार देश के समृद्ध संसाधन पूल को सक्षम करने की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने कहाकि भारत के विकास इंजन के रूपमें पूर्वोत्तर की उल्लेखनीय भूमिका है, पूर्वोत्तर के जलमार्गों का जटिल और गतिशील मिश्रण हमें राष्ट्रनिर्माण की गति को आगे बढ़ाने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि हम क्षेत्र के जलमार्गों के विकास को गति प्रदान करने केलिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने हितधारक जैसे-ट्रांसपोर्टरों, आयात-निर्यात व्यापारियों, व्यापारिक हितों और जहाज मालिकों का जलमार्गों में प्रदान किए गए अवसरों का लाभ उठाने का आह्वान किया। इस अवसर पर उपस्थित नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने टिकाऊ परिवहन केलिए नागालैंड की प्राचीन नदियों और झीलों की क्षमताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कनेक्टिविटी केलिए एक रणनीतिक योजना की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्र के युवाओं का समुद्री कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षण लेने का आह्वान किया, ताकि समुद्री क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों का लाभ उन्हें भी प्राप्त हो सके। गौरतलब हैकि नागालैंड में राष्ट्रीय जलमार्ग 101 लॉन्गमात्रा नागालैंड से अवंग्खु की ओर बहती है, जहां भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकारण, अंतर्देशीय जल परिवहन की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा। यह फेयरवे विकास, नौवहन सहायता और न्यूनतम बुनियादी ढांचे वाले टर्मिनल, कौशल विकास और पोत खरीद के दृष्टिकोण से जांच करेगा। जलमार्ग मंत्रालय भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकारण के जरिए इस क्षेत्रके जलमार्गों को और सशक्त बनाने की दिशा में काम कररहा है। इसमें कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडबल्यू-2) और राष्ट्रीय जलमार्ग (एनडबल्यू-16) जैसे कई राष्ट्रीय जलमार्गों को भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट से जोड़ना, भारत बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूटपर फेयरवे का विकास और पोर्ट ऑफ कॉल आदि शामिल हैं।
नागालैंड में टीज़ू नदी म्यांमार के हटमंथी में चिंडौन नदी (इरावदी नदी की तीसरी सबसे बड़ी सहायक नदी) में मिलती है, जिसे म्यांमार में निंगथी नदी के नाम सेभी जाना जाता है। चिंडौन नदी म्यांमार की सबसे बड़ी नदी इरावदी नदी में मिल जाती है। इरावदी नदी मांडले चौक, प्रोम और हिंथदा जैसे नदी बंदरगाहों से गुज़रने केबाद इरावदी डेल्टा के ज़रिए अंडमान सागर में गिरती है, जो पूर्वोत्तर से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों तक माल की आवाजाही केलिए जलमार्गों का उपयोग करने का एक वैकल्पिक अवसर प्रदान करती है। हितधारक सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन, नागालैंड के पर्यटन मंत्री तेमजेन इमना अलोंग, लोकसभा सांसद एसएस जमीर, राज्यसभा सांसद फंगनोन कोन्याक, नागालैंड के विधानसभा सदस्य और सलाहकार एम यानथन, विधायक और परिवहन एवं तकनीकी शिक्षा सलाहकार तेमजेनमेंबा, विधायक और सलाहकार एसके यिमचुंगर नागालैंड के विधायक जेड एन न्युथे, नागालैंड के विधायक सीके संतम, आईडब्ल्यूएआई के उपाध्यक्ष सुनील सिंह, नागालैंड सरकार के परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव तथा भारत सरकार और नागालैंड सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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