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भारत की दो कोयला खानों को वैश्विक रैंक

छत्तीसगढ़ की एसईसीएल की कोयला खानों को दूसरी चौथी रैंक

गेवरा और कुसमुंडा में 100 मिलियन टन सालाना कोयला उत्‍पादन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 July 2024 05:48:55 PM

drone shot of operations at the kusmunda megaproject

नई दिल्ली। वर्ल्डएटलस डॉट कॉम की ओर से जारी की गई विश्‍व की 10 सबसे बड़ी कोयला खानों की सूची में छत्तीसगढ़ में कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की गेवरा और कुसमुंडा कोयला खानों को क्रमश: दूसरा और चौथा स्थान दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में ये दोनों खानें प्रतिवर्ष 100 मिलियन टन से अधिक कोयला का उत्‍पादन करती हैं, जो भारत के कुल कोयला उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत है। गेवरा ओपनकास्ट खान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 70 मिलियन टन है। इसने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 59 मिलियन टन कोयले का उत्‍पादन किया। इस खान ने वर्ष 1981 में कार्य शुरू था। आज इसमें देश की अगले 10 वर्ष की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए पर्याप्त कोयला भंडार मौजूद है।
कुसमुंडा ओपनकास्‍ट खान ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 50 मिलियन टन से अधिक कोयला उत्पादन किया, जो गेवरा केबाद ऐसी महत्‍वपूर्ण उपलब्धि हासिल करनेवाली भारत की दूसरी खान है। इन खानों में विश्‍व की कुछ सबसे बड़ी और अधिक उन्नत खनन मशीनें तैनात हैं। ऐसी ही मशीन सरफेस माइनर है, जो पर्यावरण अनुकूल खनन कार्यों केलिए विस्फोट किए बिना ही कोयला निकालती और काटती है। कोयला परत को उजागर करने हेतु मिट्टी, पत्थर आदि की परतों को हटाने की प्रक्रिया से ओवरबर्डन हटाने हेतु खानों में पर्यावरण अनुकूल और विस्फोट मुक्त ओबी हटाने केलिए दुनिया की कुछ सबसे बड़ी एचईएमएम (भारी पृथ्वी मूविंग मशीनरी) जैसे 240 टन डंपर, 42 घन मीटर शॉवल और वर्टिकल रिपर्स का उपयोग भी किया जाता है।
एसईसीएल के अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने इस अवसर पर कहाकि छत्तीसगढ़ केलिए यह बहुत गर्व की बात हैकि विश्‍व की पांच सबसे बड़ी कोयला खानों में से दो छत्तीसगढ़ में हैं। डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कोयला मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राज्य सरकार, कोल इंडिया, रेलवे, विभिन्न हितधारकों और सबसे महत्वपूर्ण रूपसे कोयला योद्धाओं केप्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करने केलिए अथक रूपसे कार्य किया है। भारत के कोयला खनन मंत्री ने भी इस उपलब्धि केलिए कोल श्रमिकों और छत्तीसगढ़ को बधाई दी है।

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