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Friday 19 July 2024 02:03:18 PM
जयपुर। राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे पद्मभूषण राम नाईक ने जयपुर के ‘सार्थक मानव कुष्ठाश्रम’ के राष्ट्रीय अधिवेशन में कुष्ठपीड़ा के संदर्भ में जनजागृती और कुष्ठ पीड़ितों के सबलीकरण हेतु फिर एकबार संसद में विशेष याचिका दर्ज करने का संकल्प लिया है। राम नाईक ने याद दिलायाकि वर्ष 2008 में भी उन्होंने देशके विभिन्न कुष्ठ पीड़ित संगठनों केसाथ मिलकर कुष्ठ पीड़ितों के सबलीकरण हेतु राज्यसभा में विशेष याचिका दर्ज की थी। राज्यसभा की याचिका समिति ने देशकी विभिन्न कुष्ठ पीड़ित बस्तियों की यात्राकर अपनी रिपोर्ट बनाई और वर्ष 2010 में उसकी ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ भी आई। रिपोर्ट में विश्व आरोग्य संगठन और आरोग्य मंत्रालय के अनुसार कुष्ठ पीड़ितों की विद्यमान वैद्यकीय स्थिति के मद्देनज़र लगभग 16 कानूनों में सुधार लाने की आवश्यकता कही गई थी। रिपोर्ट में तलाक संदर्भ में सभी धर्मों के कानूनों के साथ-साथ रेल यात्रा अनुमति, चुनाव लड़ने के अधिकार संबंधी कानूनी प्रावधानों की बात है।
राम नाईक ने उल्लेख कियाकि उस रिपोर्ट में कुष्ठ पीड़ितों के जीविका भत्ते पर भी सहमति बनी थी, मगर रिपोर्ट में लिखी कई बातों पर अभीभी कार्रवाई नहीं हुई है, इतनाही नहीं कई राज्यों में अभी भी कुष्ठ पीड़ितों को जीविका भत्ता नहीं मिलता है। राम नाईक ने फिर एकबार राज्यसभा में विशेष याचिका दर्ज करने का संकल्प लिया और अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न कुष्ठ संस्थाओं का इसमें शामिल होने का आह्वान किया। राम नाईक ने कहाकि राजस्थान में अभीभी कुष्ठ पीड़ितों को जीविका भत्ता नहीं मिल रहा है, उन्होंने उत्तर प्रदेश का राज्यपाल रहते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री से विशेष अनुरोधकर कुष्ठ पीड़ितों को प्रतिमाह 2500 जीविका भत्ता शुरू करवाया था, उसी तरह राजस्थान में भी कुष्ठ पीड़ितों को जीविका भत्ता मिले, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसका वादा किया है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित राजस्थान की सामाजिक संस्थाओं और आयोजकों से कहाकि वे आवेदन तैयार करें, वे आवेदनों को राजस्थान के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को देने जाएंगे। राम नाईक तथा राज्यपाल कलराज मिश्र के उद्बोधन से अधिवेशन में कुष्ठ पीड़ितों केलिए नवचेतना निर्माण हुआ।
गौरतलब हैकि अभीभी दुनिया में अज्ञानता के कारण लोग कुष्ठरोग को कलंक मानते हैं, उस कारण तथा बीमारी पर व्यंग ये कुष्ठ पीड़ित प्रताड़ित हैं। कुष्ठ पीड़ा के विषय में लोगों को सजग करने हेतु तथा कुष्ठ पीड़ितों के सबलीकरण हेतु यह राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के 18 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए। दुनिया के कुष्ठ पीड़ितों में से 60 प्रतिशत भारत में है, ऐसी चौंका देनेवाली जानकारी अधिवेशन में सामने आई। अलग-अलग 800 बस्तियों में तथा संस्थाओं में कुष्ठ पीड़ित निवास करते हैं, उनका प्रतिनिधित्व इस अधिवेशन में किया गया। सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के संरक्षक डॉ केएल जैन, अध्यक्ष सुरेश कौल, भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक डीआर मेहता, राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ विजयलक्ष्मी गोदारा, ‘अपाल’ की अध्यक्ष माया रणावरे, आयएलपी इंडिया के डॉ श्रीलेखा पेना, इंटरनैशनल लेप्रसी यूनियन के शरद भोसले, स्पार्क के डॉ अमिताभ मेहरोत्रा आदि ने अधिवेशन में विचार रखे। सार्थक मानव कुष्ठाश्रम के आयसी श्रीवास्तव ने धन्यवाद दिया।