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'स्वदेशी साधनों से युद्ध क्षमता का विकास'

कारगिल युद्ध भारत का पहला टेलीविजन युद्ध-सेनाध्यक्ष चौहान

युद्ध के सिद्धांतों, रणनीति और अवधारणाओं में सुधार किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 July 2024 03:06:59 PM

chief of defence staff general anil chauhan

नई दिल्ली। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कारगिल विजय दिवस के 25 वर्ष पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहाकि अपने विरोधियों पर बढ़त बनाए रखने केलिए भारतीय सशस्त्र बलों ने अनेक पहलें की हैं तथा संभावित ख़तरे के अनुरूप युद्ध लड़ने के सिद्धांतों, रणनीति और अवधारणाओं में सुधार किया गया है। कारगिल सम्मान प्रदान करते हुए सीडीएस ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने अपार योगदान और बलिदान केलिए पूर्व सैन्यकर्मियों और वीर नारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने राष्ट्रीय प्रयास का समर्थन करने केलिए भारतीय रक्षा उद्योग की भी सराहना की।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहाकि भविष्य केलिए तैयार सशस्त्र बलों के निर्माण केलिए स्वदेशी साधनों के जरिये प्रगतिशील तरीके से क्षमता विकास का प्रयास किया जारहा है, जिसमें अवसंरचना और मजबूत परिचालन लॉजिस्टिक्स शामिल हैं। उन्होंने कहाकि युद्ध लड़ने की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने केलिए पुनर्गठन और पुनर्संरचना से जुड़ी कई पहल चल रही हैं। सीडीएस ने इस बात पर प्रकाश डालाकि भविष्य की सैन्य और गैर-सैन्य सुरक्षा चुनौतियों की प्रकृति, सशस्त्र बलों केलिए बहुक्षेत्रीय और बहुआयामी चुनौतियों केप्रति तैयार रहने की अनिवार्य आवश्यकता को सामने लाती है। उन्होंने कहाकि भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष, सूचना और साइबरस्पेस जैसे सभी क्षेत्रों में निर्बाध एकीकरण और सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं केबीच अंतर-संचालन योग्य प्रणालियों को शामिल किए जाने की अपरिहार्य आवश्यकता है।
सीडीएस ने कहाकि कारगिल एक ऐसा संघर्ष था, जिसने एक मजबूत और जवाबी रक्षा रणनीति की आवश्यकता को रेखांकित किया। सीडीएस ने कहाकि कारगिल संघर्ष ने हमारी सीमाओं की सुरक्षा केलिए सतर्कता और तैयारी बनाए रखने के महत्व को उजागर किया। इसने सार्वजनिक और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति के महत्व पर भी जोर दिया, एक ऐसी रणनीति, जिसका उपयोग शत्रु देशों की तटस्थता बनाए रखने और वैश्विक समर्थन हासिल करने केलिए प्रभावी ढंग से किया गया। सशस्त्र बलों के एकीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहाकि संयुक्त होनेसे आगे बढ़ते हुए तीनों सेवाएं अब संयुक्त संस्कृति को बढ़ावा देने और कई क्षेत्रों में खुदको एकीकृत करने की दिशा में काम कर रही हैं।
कारगिल युद्ध को भारत में पहला टेलीविजन युद्ध बताते हुए जहां स्वतंत्र और खुला मीडिया मौजूद था सीडीएस ने इस बात पर ज़ोर दियाकि दुनियाभर में धारणाओं को आकार देने की कोशिश करनेवाले आख्यानों केबीच निरंतर लड़ाई के साथ 'सूचना क्षेत्र' एक और प्रमुख युद्ध क्षेत्र के रूपमें उभरा है। जनरल अनिल चौहान ने कहाकि कारगिल युद्ध हमारे सशस्त्र बलों की दृढ़ता, निस्वार्थ भावना, प्रचंड साहस और दृढ़ संकल्प का पर्याय बन गया है और यह राष्ट्र को भविष्य के खतरों और चुनौतियों पर सामूहिक रूपसे ध्यान केंद्रित करने केलिए प्रेरित करता है।

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