स्वतंत्र आवाज़
word map

क्षेत्रीय पशुधन गणना केलिए पुरी में कार्यशाला

अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा केलिए पशुधन का बड़ा महत्व-बघेल

बंगाल बिहार छत्तीसगढ़ और झारखंड के अधिकारियों को प्रशिक्षण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 July 2024 12:34:04 PM

workshop in puri for regional livestock census

पुरी (ओडिशा)। ओडिशा पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्य में पशुधन गणना होनी है, इसके प्रशिक्षण की कार्यशाला का केंद्रीय मत्स्यपालन पशुपालन और डेयरी विकास राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने उद्घाटन किया। केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने इस अवसर पर कहाकि भारत की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा केलिए पशुधन क्षेत्र का बड़ा महत्व है, पशुधन गणना के डेटा भविष्य की पहल को आकार देने और क्षेत्रमें पशुधन की चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। कार्यशाला का मेजबान ओडिशा है, जिसने पुरी में पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग (डीएएचडी), मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार, पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड के राज्य और जिला नोडल अधिकारियों केलिए सॉफ्टवेयर (मोबाइल और वेब एप्लिकेशन/ डैशबोर्ड) और नस्लों के बारेमें 21वीं पशुधन गणना का क्षेत्रीय प्रशिक्षण आयोजित किया। कार्यशाला में अधिकारियों को 21वीं पशुधन गणना कराने केलिए नए मोबाइल और वेब एप्लिकेशन पर प्रशिक्षण दिया गया। पशुधन जनगणना सितंबर-दिसंबर 2024 के दौरान निर्धारित है।
केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने जनगणना की सावधानीपूर्वक योजना बनाने और उसे क्रियांवित करने का आह्वान किया। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कार्यशाला में जमीनी स्तरपर व्यापक प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि भारत में ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्य में सबसे अधिक पशुधन है, जो इन राज्यों की अर्थव्यवस्था और जनजीवन केलिए वरदान है। इस अवसर पर अलका उपाध्याय ने 21वीं पशुधन गणना केलिए वर्चुअल माध्यम से शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था पर पशुधन क्षेत्रके प्रभाव और पशुधन क्षेत्रके उत्पादों के वैश्विक व्यापार के संदर्भ में भारत की स्थिति की जानकारी साझा की। ओडिशा के एफ एंड एआरडी राज्यमंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने पशुधन क्षेत्रमें स्‍थायी कार्य प्रणालियों को जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि पशुधन गणना केबाद प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण और तार्किक उपयोग से भविष्य की विभागीय नीतियों के निर्माण और कार्यक्रमों के क्रियांवयन का मार्ग प्रशस्त होगा, साथही पशुपालकों के लाभ केलिए पशुपालन के क्षेत्रमें नई योजनाएं बनाने और रोज़गार सृजन का मार्ग खुलेगा।
सुरेश कुमार वशिष्ठ प्रधान सचिव एएच एंड वीएस ओडिशा ने पशुधन को धन और संपत्ति के समान बताया, जिसे आमतौर पर पशुधन कहा जाता है। उन्होंने हाल ही में अपने विभाग का नाम बदलकर पशु संसाधन विकास करने पर भी जोर दिया, ताकि मानव संसाधन विकास के समान इसका महत्व दर्शाया जा सके। उन्होंने ओडिशा सरकार द्वारा बिहार से दूध उत्पादन में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने पर प्रकाश डाला और बताया कि पशुधन किस तरह किसानों के वित्तीय सशक्तिकरण में योगदान देता है, जिससे उनकी नकदी की ज़रूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकता है। सुरेश कुमार वशिष्ठ ने पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) द्वारा विकसित नवीनतम तकनीकों के बारेमें भी बात की, जैसेकि सेक्स-सॉर्टेड वीर्य का उपयोग। उन्होंने राज्यों से आए प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें सफल प्रशिक्षण सत्र की शुभकामनाएं दीं।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के सलाहकार (सांख्यिकी) जगत हजारिका ने कार्यशाला के महत्व पर प्रकाश डाला तथा सटीक एवं कुशल डेटा संग्रह हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने केलिए विभाग की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने 21वीं पशुधन गणना की सफलता सुनिश्चित करने केलिए हितधारकों की सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया, जो पशुपालन क्षेत्रकी भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने उनसे पशुधन गणना की सफलता सुनिश्चित करने केलिए नवीनतम तकनीकों का लाभ उठाने का आग्रह किया। कार्यशाला में पशुपालन सांख्यिकी प्रभाग द्वारा 21वीं पशुधन गणना के संक्षिप्त विवरण केसाथ कई सत्र आयोजित किए गए, जिसके बाद बीपी मिश्रा और आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) की टीम ने पशुधन गणना में शामिल की जाने वाली प्रजातियों की नस्लों के विवरण पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
पशुधन गणना कार्यशाला में सटीक नस्ल की पहचान के महत्व पर जोर दिया गया, जो विभिन्न पशुधन क्षेत्र कार्यक्रमों में उपयोग किए जाने वाले सटीक आंकड़े तैयार करने और स्‍थायी विकास लक्ष्यों के राष्ट्रीय संकेतक ढांचे (एनआईएफ) केलिए महत्वपूर्ण है। कार्यशाला में भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सॉफ्टवेयर टीम ने 21वीं पशुधन गणना के सॉफ्टवेयर के तरीकों और लाइव एप्लीकेशन पर विस्तृत सत्र आयोजित किए। सॉफ्टवेयर टीम को राज्य और जिला नोडल अधिकारियों केलिए मोबाइल एप्लीकेशन और डैशबोर्ड सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षण दिया गया। नोडल अधिकारी अपने-अपने जिला मुख्यालयों पर पशुधन गणनाकर्ताओं केलिए प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। कार्यशाला में पुरी विधानसभा क्षेत्र के सदस्य सुनील कुमार मोहंती, रामाशीष हाजरा निदेशक पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान ओडिशा उपस्थित थे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के पशुपालन सांख्यिकी प्रभाग के निदेशक वीपी सिंह ने गणमान्य व्यक्तियों और हितधारकों की कार्यशाला में उपस्थिति केलिए आभार व्यक्त किया तथा आशा व्यक्त कीकि पशुधन गणना कार्य सफल होगा।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]