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कैंसर की दवाओं पर सीमा शुल्क से छूट

ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब सस्ती

उन्नत चिकित्सा इमेजिंग अधिक सुलभ और सस्ती हो जाएगी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 July 2024 06:50:40 PM

exemption from customs duty on cancer drugs

नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2024-25 में कैंसर की तीन अतिरिक्त दवाओं- ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब को सीमा शुल्क से छूट देने की घोषणा की गई है। गौरतलब हैकि देश में 27 लाख कैंसर रोगियों को देखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कैंसर की तीन दवाओं पर सीमा शुल्क से छूट देने का वित्त मंत्रालय को अनुरोध भेजा था। लोगों को कैंसर की दवाएं सस्‍ती दरों पर उपलब्‍ध कराने केलिए वित्त मंत्रालय ने सीमा शुल्क से छूट दी है। तीन कैंसर दवाएं अर्थात ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुरवालुमैब का उपयोग विभिन्न ट्यूमर प्रकारों केलिए किया जाता है। ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन-स्तन कैंसर केलिए, ओसिमेरटिनिब-फेफड़ों के कैंसर और डुरवालुमाब-फेफड़ों और पित्त नली के कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाती है। एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों पर सीमा शुल्क दरों में भी संशोधन किया गया है। इसका एक्स-रे मशीन उद्योग की कीमतों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा, क्‍योंकि इससे कम लागत पर घटक उपलब्धता बढ़ेगी। इस परिवर्तन से घरेलू चिकित्सा उपकरण क्षेत्रको बढ़ावा मिलने, कम लागत पर घटक उपलब्धता में योगदान देने और स्वास्थ्य सेवा लागत में कमी आने की उम्मीद है।
इस निर्णय से उन्नत चिकित्सा इमेजिंग अधिक सुलभ और सस्ती हो जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 केलिए बजट व्यय में लगभग 4000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है, जो 31,550 करोड़ रुपये से बढ़कर 36000 करोड़ रुपये हो गई है। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन केंद्र प्रायोजित योजना है, जो मुख्य रूपसे राष्ट्रमें प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्‍ध कराती है। सरकार का ध्यान स्वास्थ्य के निवारक और उपचारात्मक पहलुओं को लागू करने केलिए प्राथमिक और माध्यमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निवेश करना है, ताकि बड़े पैमाने पर जनता के खर्च को कम किया जा सके। निजी क्षेत्र द्वारा उत्पादकता लाभ, व्यावसायिक अवसरों और नवाचार को बढ़ावा देने केलिए बजट में जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना अनुप्रयोगों के विकास का प्रस्ताव है। इन पहलों का उद्देश्य क्रेडिट ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई सेवाएं, वितरण और शहरी शासन सहित विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा देना है। केंद्रीय बजट 2024-25 में कुछ चयनित शहरों में 100 साप्ताहिक हाट या स्ट्रीट फ़ूड हब विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है, इस पहल का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना और स्ट्रीट फ़ूड के अनुभव को बढ़ाना है, जिससे शहरी विकास और सामुदायिक जुड़ाव में और अधिक योगदान मिलेगा।
कैंसर की दवा ट्रैस्टुजुमाब इंजेक्शन 440 मिलीग्राम/ 50 मिलीलीटर आवश्यक दवाओं की नई राष्ट्रीय सूची-2022 केतहत एक शेड्यूल दवा है, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने इसकी अधिकतम कीमत तय कर दी है। वर्तमान में लागू अधिकतम कीमत 54725.21 रुपये प्रति शीशी है, जोकि एसओ1547 (ई) दिनांक 26.03.2024 के अनुसार है। हालाकि इसका अन्य वेरिएंट शेड्यूल सूची में नहीं हैं। ट्रैस्टुजुमाब अलग-अलग क्षमता और खुराक में आता है और इसका संयुक्त वार्षिक कारोबार 276 करोड़ रुपये से अधिक है। अन्य दो दवाएं यानी ओसिमर्टिनिब और डर्वालुमैब डीपीसीओ-2013 केतहत गैर अनुसूचित दवाएं हैं, इसलिए एनपीपीए गैर शेड्यूल फॉर्मूलेशन के अधिकतम खुदरा मूल्य की निगरानी करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकेकि बीते बारह महीने के दौरान इसमें एमआरपी से 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि न हो। वर्ष 2023-24 केलिए डर्वालुमैब का वार्षिक कारोबार 28.8 करोड़ रुपये था। ओसिमर्टिनिब 42 कैंसर रोधी दवाओं की सूची में शामिल है, जिसके लिए व्यापार मार्जिन को एसओ 1041 (ई) दिनांक 27.02.2019 केतहत व्यापार मार्जिन अवलोकन हेतु विनियमित किया गया था। एनपीपीए केपास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 केलिए ओसिमर्टिनिब का वार्षिक कारोबार 52.26 करोड़ रुपये था।
मेडिकल एक्स-रे मशीनों और निर्दिष्ट उप-असेंबली, भागों, उपभागों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने केलिए 22 जनवरी 2021 को डीओपी द्वारा एक चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम अधिसूचित किया गया था।इसमें मेडिकल एक्स-रे मशीनों और एक्स-रे मशीनों के विनिर्माण में उपयोग किए जानेवाले निर्दिष्ट उप-असेंबली/ भागों/ उप-भागों पर चरणबद्ध तरीके से बढ़ती दर पर टैरिफ परिवर्तन प्रस्तावित किए गए थे। चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) का उद्देश्य मेडिकल एक्स-रे मशीन और संबंधित सब-असेंबली/ पार्ट्स/ सब पार्ट्स उद्योग को इस क्षेत्रमें अपने निवेश की योजना बनाने और एक्स-रे मशीन और संबंधित सब-असेंबली/ पार्ट्स/ सब-पार्ट्स पर बढ़ते शुल्क ढांचे को ध्यान में रखते हुए घरेलू उत्पादन बढ़ाने में सक्षम बनाना था। इससे घरेलू मूल्य संवर्धन में वृद्धि होने और भारत में एक मजबूत मेडिकल एक्स-रे मशीन विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित होने की उम्मीद थी। हालॉकि फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने कहा थाकि देशमें एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों केलिए विनिर्माण क्षमता अभीतक विकसित नहीं हुई है और इन वस्तुओं से संबंधित चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) अनुसूची में संशोधन केलिए अनुरोध किया है। इस संबंध में जांच केबाद यह पाया गयाकि घरेलू जरूरत को पूरा करने केलिए एक्स-रे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टरों केलिए पर्याप्त घरेलू क्षमता स्थापित करने में कम से कम दो साल लग सकते हैं। इसके बाद फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने 24.5.2024 के कार्यालय ज्ञापन के माध्‍यम से संशोधित दरों केलिए राजस्व विभाग से अनुरोध किया। वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना संख्या 30/2024-सीमा शुल्क दिनांक 23 जुलाई 2024 (क्रम सं. 71) के जरिए विभाग द्वारा यथा प्रस्तावित वस्तुओं केलिए शुल्क दरों को संशोधित कर दिया है।

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