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कायस्थ अपने महान पूर्वजों का गौरव बढ़ाएं!

कायस्थ समाज की एकजुटता केलिए हरियाणा में हुआ महासम्मेलन

एक व्यक्ति केंद्रित संगठनों से कायस्थ समाज के लोगों में भ्रम व चिंताएं

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Friday 26 July 2024 01:49:02 PM

maha sammelan held in haryana for unity of kayastha community

अंबाला कैंट (हरियाणा)। अग्रवाल धर्मशाला अंबाला कैंट (हरियाणा) में लुधियाना (पंजाब) के कायस्थ समाज के जाने-माने समाजसेवी सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त कायस्थ सम्मेलन और चित्रांश संसद का आयोजन किया, जिसमें देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रोंसे विभिन्न कायस्थ समाज संगठनों के प्रतिनिधियों, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए तथा कायस्थ समाज का मार्गदर्शन किया। चित्रांश संसद में कायस्थ सभा हरियाणा के वरिष्ठ सदस्यों ने बढ़ चढ़कर सहयोग किया, जिसमें डीएस माथुर और अमित सक्सेना की प्रमुख भूमिका सराही गई। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ साकेत कुमार, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार (स्पेशल डीजीपी पंजाब), उदय सहाय (सेवा निवृत आईपीएस) सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता डॉ राजीव कुमार रंजन, योगेंद्र श्रीवास्तव, तरुण भटनागर ने भगवान श्री चित्रगुप्त की तस्वीर पर माल्यार्पण कर नतमस्तक हुए और दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ हुआ। चित्रांश संसद कायस्थ महासम्मेलन का निचोड़ हैकि सभी कायस्थ एकजुट होकर समाज का उत्थान करें और अपने महान पूर्वजों का गौरव बढ़ाएं!
चित्रांश संसद के संयोजक और मुख्य आयोजनकर्ता सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहाकि कायस्थ समाज परमपिता ब्रह्मा की काया से प्रकट हुए जीवन के बहीखाते के मालिक और वैश्विक न्यायाधीश भगवान चित्रगुप्त के कुल से है, जो सदैव से पढ़े-लिखे समाज के रूपमें जाना पहचाना जाता है, परंतु कालांतर में समाज के लोगों की मानसिकता नौकरी बन गई, नौकरी पर आश्रित होते गए और धीरे-धीरे विचार धाराएं, संस्कृति सभ्यता का सभीमें बदलाव आता गया, अपना घर क्षेत्र भूलते गए, जिससे समाज में अनेकता केसाथ निरंकुशता भी आ गई। उन्होंने कहाकि अब हमसभी मिलकर कायस्थ समाज की संस्कृति सभ्यता इत्यादि को पुनर्स्थापित करने केलिए सतत प्रयत्नशील हैं। सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने चित्रांश संसद में कहाकि देशमें बहुत से कायस्थ संगठन हैं, परंतु अधिकांश एक व्यक्ति ही केंद्रित हैं और समाज के लोगों को भ्रमित भी करते हैं, जबकि हम अग्रणी कायस्थ संगठनों को साथ लेकर मिलकर एक नीति बनाकर उसपर समाज और राष्ट्रहित में कार्यकर रहे हैं।
सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने चित्रांश संसद में हिस्सा लेरहे कायस्थ संगठनों कायस्थ चित्रगुप्त महासभा, कायस्थ सभा हरियाणा, कायस्थ सभा चंडीगढ़, भगवान श्री चित्रगुप्त वेलफेयर फाउंडेशन आफ इंडिया, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा (दिल्ली पंजीकृत), मिशन 2 करोड़ चित्रांश इंटरनेशनल, नार्थ अमरीका कायस्थ एसोसिएशन, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, अखिल भारतीय चित्रांशवंशी कायस्थ महासभा इत्यादि नेसाथ मिलकर कायस्थ समाज की सेवा करने का संकल्प लिया। कायस्थ सभा हरियाणा के अध्यक्ष डीएस माथुर और महासचिव अमित सक्सेना ने कायस्थ समाज को अपने उत्थान केलिए और आगे आनेका आह्वान किया, जिससे विचारों में सामंजस्य और एकजुटता बढ़ेगी। आईएएस डॉ साकेत कुमार ने कहाकि कायस्थ समाज एक प्रबुद्ध वर्ग है, जिसकी देशके प्रशासनिक क्षेत्रोंमें बहुत बड़ी भागीदारी है। उन्होंने कायस्थों का आह्वान कियाकि वे एकजुट होकर अपने गौरवशाली अतीत को पहचानें और अपने गौरवशाली सामाजिक इतिहास की अपनी पीढ़ी को जानकारी दें।
स्पेशल डीजीपी पंजाब प्रबोध कुमार ने कहाकि अब समय आ गया हैकि कायस्थ अपनी जड़ों को पहचानें, अपने गौरवशाली अतीत पर गर्व करें। पूर्व आईपीएस और समाज सेवक उदय सहाय ने कायस्थ समाज के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और स्वलिखित पुस्तक के अंश पढ़े। उन्होंने कहाकि स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद घोष, जगदीश बसु, डॉ राजेंद्र प्रसाद, प्रेम नारायण रायजादा, लालबहादुर शास्त्री, बाला साहब ठाकरे, जयप्रकाश नारायण, डॉ हरिवंश राय बच्चन इत्यादि महान विभूतियां कायस्थ से ही हैं। कायस्थ महासम्मेलन को डॉ राजीव कुमार रंजन, योगेंद्र श्रीवास्तव, कुलदीप माथुर, अरविंद श्रीवास्तव, नागेंद्र माथुर, अनिल कर्ण कायस्थ, देसराज भटनागर, ज्योतिशील भटनागर, सुमन भटनागर आदि ने भी अपने विचार व्यक्तकर कायस्थ समाज का मार्गदर्शन किया। लुधियाना की मन्नत व ईशानिका बहनों ने पंजाबी और हरियाणवी लोकगीतों पर नृत्यकर कायस्थ महासम्मेलन की प्रशंसा और आशीर्वाद प्राप्त किया। डीएस माथुर, अमित सक्सेना, सुमन भटनागर, अनिल सक्सेना, अनिल श्रीवास्तव, मनीष भटनागर, मोहित भटनागर, अभय भटनागर, वंदना माथुर, शुभ्रा सक्सेना, अंजू माथुर, डॉ राजश्री, विवेक भटनागर का महासम्मेलन के आयोजन में योगदान उल्लेखनीय है।

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