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हमारा लक्ष्य भारत तीसरी अर्थव्यवस्था-मोदी

'विकसित भारत का विजन विकसित राज्यों से ही साकार हो सकेगा'

प्रधानमंत्री का नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्रियों से विचार विमर्श

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Sunday 28 July 2024 04:08:31 PM

prime minister's discussion with chief ministers in niti aayog meeting

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि भारत ने दस वर्ष में विकास की गति को बनाए रखा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में दुनिया के 10वें स्तर पर पड़ी थी, आज वर्ष 2024 में वह 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है और अब उनकी सरकार और नागरिकों का सामूहिक लक्ष्य भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बोल रहे थे, जिसमें 20 राज्यों और 6 केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करनेवाले मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने भाग लिया। प्रधानमंत्री ने बैठक में विकसित भारत बनाने केलिए केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया और निवेश को बढ़ावा देने, निर्यात बढ़ाने, युवाओं केलिए अधिक कौशल विकास के अवसर सुनिश्चित करने एवं जल शक्ति का दोहन करने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने बीते दस वर्ष में सामाजिक और आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करके पहले ही काफी प्रगति कर ली है। उन्होंने कहाकि पहले से मुख्य रूपसे आयात पर निर्भर भारत अब दुनिया को कई उत्पाद निर्यात करता है, रक्षा, अंतरिक्ष, स्टार्टअप और खेल जैसे व्यापक क्षेत्रों में विश्वमंच पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने 140 करोड़ नागरिकों के आत्मविश्वास और उत्साह की सराहना की, जो देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण और प्रेरक शक्ति है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह बदलाव का दशक है, जो विभिन्न क्षेत्रों में ढेरों अवसर लेकर आया है, राज्यों को इन अवसरों का उपयोग करने और नीति निर्माण एवं क्रियांवयन में नवीन दृष्टिकोणों से विकास अनुकूल नीतियां बनाने और शासन के कार्यक्रम शुरू करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि विकसित भारत के विजन को विकसित राज्यों के माध्यम से साकार किया जा सकता है और विकसित भारत की आकांक्षा जमीनीस्तर यानी प्रत्येक जिले, ब्लॉक और गांव तक पहुंचनी चाहिए, इसके लिए प्रत्येक राज्य और जिले को 2047 केलिए एक विजन बनाना चाहिए, ताकि 2047 में विकसित भारत को साकार किया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहाकि इसकी सफलता की कुंजी मापन योग्य मापदंडों की निरंतर और ऑनलाइन निगरानी थी, जिससे विभिन्न सरकारी योजनाओं में अपने कार्यनिष्पादन को बेहतर बनाने केलिए जिलों केबीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हुई। प्रधानमंत्री ने युवाओं को रोज़गार केलिए तैयार करने केलिए कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया, क्योंकि दुनिया कुशल मानव संसाधन केलिए भारत की ओर अनुकूल दृष्टि से देख रही है। नरेंद्र मोदी ने राज्यों को निवेशक अनुकूल वातावरण प्रदान करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नीति आयोग को मापदंडों का एक 'निवेश अनुकूल चार्टर' तैयार करने का निर्देश दिया, जिसमें निवेश आकर्षित करने केलिए लागू की जानेवाली नीतियां, कार्यक्रम और प्रक्रियाएं शामिल हों। उन्होंने निवेश आकर्षित करने केलिए केवल प्रोत्साहन के बजाय कानून और व्यवस्था, सुशासन और इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संसाधनों के प्रभावी इस्तेमाल केलिए राज्यस्तर पर नदी ग्रिड बनाने को कहा। उन्होंने सुझाव देते हुए कहाकि हमें विकसित भारत केलिए प्राथमिकता के रूपमें ग़रीबी से मुक्ति को लक्षित करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें ग़रीबी से निपटने केलिए केवल कार्यक्रम स्तरपर नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तरपर काम करना होगा। उन्होंने कहाकि जमीनी स्तर से ग़रीबी को खत्म करने से देश में बदलाव आएगा। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों को कृषि में उत्पादकता और विविधीकरण बढ़ाने तथा किसानों को बाजार से जोड़ने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्राकृतिक खेती के तरीके अपनाने पर जोर दिया, जिससे मिट्टी की उर्वरता में सुधार हो सकता है, कम लागत के कारण किसानों को बेहतर और त्वरित लाभ मिल सकता है और उत्पादों केलिए वैश्विक बाजार भी उपलब्ध हो सकता है। प्रधानमंत्री ने राज्यों को भविष्य में वृद्धों के मुद्दों का समाधान करने केलिए जनसांख्यिकी प्रबंधन योजनाएं शुरू करने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने राज्यों से सभी स्तरोंपर सरकारी अधिकारियों का क्षमता निर्माण करने कोकहा और उन्हें क्षमता निर्माण आयोग केसाथ सहयोग करने को प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों ने विकसित भारत @2047 के विजन केलिए विभिन्न सुझाव दिए और अपने-अपने राज्यों में उठाए जारहे कदमों पर व्यापक चर्चा भी की। इस दौरान कृषि, शिक्षा और कौशल विकास, उद्यमिता, पेयजल, अनुपालन में कमी, शासन, डिजिटलीकरण, महिला सशक्तिकरण, साइबर सुरक्षा आदि क्षेत्रोंमें कुछ प्रमुख सुझाव और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों पर प्रकाश डाला। कई राज्यों ने 2047 केलिए राज्य विजन बनाने केलिए अपने प्रयास भी साझा किए। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सुझावों का अध्ययन करने का निर्देश दिया। उन्होंने बैठक में भाग लेने और अपने विचार एवं अनुभव साझा करने केलिए सभी मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों केप्रति आभार व्यक्त किया और कहाकि भारत सहकारी संघवाद की शक्ति के माध्यम से विकसित भारत @2047 के विजन को साकार करने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।

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