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Tuesday 30 July 2024 02:59:45 PM
विशाखापत्तनम। राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापत्तनम के सहयोग से आईआईएम विशाखापत्तनम में डिजिटल गवर्नेंस पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ कर दिया है, जो 2 अगस्त 2024 तक चलेगा। इसमें 11 राज्यों का प्रतिनिधित्व करनेवाले विभिन्न सूचना और प्रौद्योगिकी विभागों के आयुक्त, परियोजना निदेशक, कार्यक्रम निदेशक, मुख्य परिचालन अधिकारी, सहायक निदेशक, संयुक्त निदेशक जैसे 19 वरिष्ठ अधिकारी मुख्य रूपसे भाग ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल क्षेत्रमें कार्यरत सरकारी अधिकारियों केलिए है, जिसमें सार्थक ई-गवर्नेंस परियोजनाओं की अवधारणा बनाने और उन्हें कार्यांवित करने केलिए अधिकारियों की योग्यताओं और क्षमताओं को बढ़ावा देना है। इसके साथही अधिकारियों को प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण केलिए नवीनतम डिजिटल तकनीकों का समुचित रूपसे उपयोग करने केलिए आवश्यक कौशल और रणनीतियों से सुसज्जित करना है।
एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने इस अवसर पर कहाकि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र, डीएआरपीजी भारत सरकार और भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापत्तनम का संयुक्त रूपसे आयोजित यह पहला सहयोगात्मक कार्यक्रम एनसीजीजी केलिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे डिजिटल शासन में राज्य क्षमता निर्माण में सहायता मिलेगी। उन्होंने शासन के उभरते परिदृश्य के बारेमें चर्चा की और ‘केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण प्रणाली: स्मार्ट सरकार केलिए एक आधार’ पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने शासन की दक्षता और विकास को अधिकतम करने में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया, ताकि नागरिक सरकार के करीबी बने रहें। भारतीय प्रबंधन संस्थान विशाखापत्तनम के निदेशक प्रोफेसर एम चंद्रशेखर ने कहाकि डिजिटल गवर्नेंस में प्रक्रियाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता लाकर बेहतर शासन लाने और सार्वजनिक सेवा वितरण को सरल, कुशल और व्यावहारिक बनाने की क्षमता है।
आईआईएम विशाखापत्तनम के पाठ्यक्रम निदेशक प्रोफेसर जोसयुला श्रीनिवास ने कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल विषयों की विस्तृत श्रृंखला के बारेमें जानकारी दी। इसमें डिजिटल इंडिया, डिजिटल गवर्नेंस, डिजिटल परिवर्तन, बिजनेस प्रोसेस रीइंजीनियरिंग, प्रभावी परिवर्तन प्रबंधन, सूचना सुरक्षा प्रबंधन और आईटी परियोजना प्रबंधन, सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल ट्रस्ट और सूचना सुरक्षा प्रबंधन, आईटी परियोजना और अनुबंध प्रबंधन, डिजिटल नवाचारों और उभरती प्रौद्योगिकियों केलिए डिजाइन सोच शामिल हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न राज्यों से केस स्टडी और सर्वोत्तम अभ्यास प्रस्तुत किए जाएंगे। एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ बीएस बिष्ट ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख आईआईएमवी के पाठ्यक्रम निदेशक प्रोफेसर श्रीनिवास जोसयुला, एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ बीएस बिष्ट, एसोसिएट पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ संजीव शर्मा एवं एनसीजीजी और आईआईएमवी की समर्पित प्रशिक्षण टीम द्वारा की जा रही है।