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'भारत-वियतनाम के संबंधों का स्वर्णिम अध्याय'

वियतनाम के पीएम और नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी भरा प्रेस वक्तव्य

'भारत-वियतनाम रिश्ते व्यापक रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 1 August 2024 05:14:37 PM

warm press statements by vietnam pm and narendra modi

नई दिल्ली। भारत आए वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन चिंग का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उनकी यात्रा से भारत और वियतनाम के ऐतिहासिक संबंधों में एक नया और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन चिंग केसाथ एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य की शुरुआत में समस्त भारतीयों की ओरसे वियतनाम के जनरल सेक्रेटरी न्यूयेन फु चोंग के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और कहाकि वे भारत के अच्छे मित्र थे, उनके नेतृत्व में भारत और वियतनाम केबीच घनिष्ठ संबंधों को स्ट्रेटेजिक दिशा मिली थी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते एक दशक में भारत-वियतनाम केबीच गहरे संबंधों में विस्तार हुआ है और आज हमने इन संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दे दिया है। उन्होंने कहाकि हमारे द्विपक्षीय व्यापार में 85 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है, एनर्जी, टेक्नॉलॉजी एवं विकास साझेदारी में आपसी सहयोग बढ़ा है, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रोंमें सहयोग को नई गति मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते एक दशक में भारत-वियतनाम में कनेक्टिविटी बढ़ी है और दोनों देशों केबीच आज 50 से ज्यादा डायरेक्ट उड़ानें हैं, इसके साथ पर्यटन में लगातार वृद्धि हो रही है और लोगों को ई-वीजा की सुविधा भी दी गई है। नरेंद्र मोदी ने जिक्र कियाकि ‘मी सोन’ में प्राचीन मंदिरों के पुनरूद्धार का कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहाकि बीते दशक की उपलब्धियों को देखते हुए आज की हमारी चर्चा में हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूपसे चर्चा की है और भविष्य की रूपरेखा तैयार करने की ओर कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहाकि हम मानते हैंकि ‘विकसित भारत 2047’ और वियतनाम के ‘विज़न 2045’ के कारण दोनों देशों में विकास ने गति पकड़ी है, इससे आपसी सहयोग के बहुतसे नए क्षेत्र खुल रहे हैं और इसलिए अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती देने केलिए आज हमने एक नई कार्ययोजना अपनाई है। उन्होंने कहाकि डिफेंस और सिक्योरिटी क्षेत्रमें सहयोग केलिए नए कदम उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वियतनाम में ‘नया-चांग’ में बने आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क का आज उद्घाटन किया गया है, जिससे 300 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन पर बनी सहमति से वियतनाम की मेरीटाइम सिक्योरिटी और ज्यादा सशक्त हो जाएगी। उन्होंने कहाकि हमने यहभी तय किया हैकि आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के विषयों पर सहयोग को बल दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि हम इस बातपर सहमत हैंकि आपसी व्यापार के पोटेंशियल को प्राप्त करने केलिए आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता की समीक्षा जल्दसे जल्द संपन्न की जाए। उन्होंने उल्लेख कियाकि डिजिटल पेमेंट कनेक्टिविटी केलिए हमारे सेंट्रल बैंकों केबीच सहमति बन गई है, हमने ग्रीन इकॉनमी और न्यू इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है, ऊर्जा और पोर्ट डेवलपमेंट में एक दूसरे की क्षमताओं को पारस्परिक लाभ केलिए इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहाकि दोनों देशों के निजी क्षेत्र, लघु एवं मध्यम उद्यम और स्टार्टअप कोभी आपसमें जोड़ने की दिशामें काम किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कृषि और मत्स्यपालन, दोनों देशों की अर्थव्यवस्था का अहम भाग हैं, ये क्षेत्र लोगों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा से जुड़े हैं। उन्होंने कहाकि हमने तय किया हैकि इन क्षेत्रोंमें जर्मप्लास्म एक्सचेंज और संयुक्त रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि हमारी साझा संस्कृति के संरक्षण केलिए भारत विश्व विरासत स्थल ‘मी सोन’ के ‘ब्लॉक एफ’ के मंदिरों के संरक्षण में सहयोग देगा। उन्होंने कहाकि जैसाकि हम सभी जानते हैंकि बौद्ध धर्म हमारी साझा विरासत है, इसने दोनों देशों के लोगों को आध्यात्मिक स्तर पर एकदूसरे से जोड़ा हुआ है, हम भारत में बौद्ध सर्किट में वियतनाम के लोगों को आमंत्रित करते हैं और चाहते हैंकि नालंदा विश्वविद्यालय का लाभ वियतनाम के युवा भी उठाएं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और भारत-प्रशांत विज़न में वियतनाम हमारा महत्वपूर्ण पार्टनर है, इंडो-पैसिफिक के बारेमें हम दोनों के विचारों में अच्छा सामंजस्य है, हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद का समर्थन करते हैं, हम फ्री, ओपन, नियम आधारित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक केलिए अपने सहयोग को जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री ने सीडीआरआई में शामिल होने के वियतनाम के निर्णय का भी स्वागत किया।

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