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Thursday 1 August 2024 06:13:38 PM
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) की वित्तपोषित परियोजना नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स नेटवर्क फॉर रिसर्च एंड एप्लीकेशन (एनएनईटीआरए) के अंतर्गत विकसित दो स्वदेशी स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकियों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के समारोहपूर्वक कार्यक्रम में हेल्थकेयर सेक्टर को हस्तांतरित कर दिया गया। प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समारोह में एमईआईटीवाई के सचिव एस कृष्णन, आईआईटीडी के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी, एमईआईटीवाई अपर सचिव भुवनेश कुमार, एमईआईटीवाईके एफआईटीटी में समूह समन्वयक (इलेक्ट्रॉनिकी एवं आईटी में अनुसंधान एवं विकास) की वरिष्ठ निदेशक सुनीता वर्मा, परियोजना के सीआई प्रोफेसर नीरज खरे और एमईआईटीवाई में वैज्ञानिक ई डॉ संगीता सेमवाल उपस्थित थीं।
प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने केलिए डीएनए एप्टामर नामक तकनीक को डॉ स्वप्निल सिन्हा एचयूएमएमएसए बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता को हस्तांतरित किया गया है। एप्टामर को आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर प्रशांत मिश्रा और उनकी टीम ने विकसित किया है। यह एप्टामर कैंसर उत्पन्न करने की क्षमता वाले विशिष्ट ऑन्कोजीन से लड़ने में सक्षम है और प्रोस्टेट कैंसर केलिए थेरानोस्टिक्स के रूपमें उपयोगी हो सकता है। रोगजनक का पता लगाने केलिए फोटोनिक चिप आधारित स्पेक्ट्रोमेट्रिक बायोसेंसर तकनीक को नितिन ज़वेरी, यूएनआईएनओ हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड मुंबई को सौंपा गया है। इस नई तकनीक को प्रोफेसर जॉबी जोसेफ और आईआईटी दिल्ली की टीम ने विकसित किया है। इससे रोगजनकों का त्वरित और सटीक पता लगाने में मदद मिलेगी, जिससे संक्रामक रोगों की रोकथाम हो सकेगी।
इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय में सचिव एस कृष्णन ने इन तकनीकों के सफल हस्तांतरण केलिए टीमों को बधाई दी है। उन्होंने कहाकि हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी हस्तांतरण नवाचार, सहयोग और सतत विकास को बढ़ावा देता रहे। प्रौद्योगिकी के सफल स्वीकरण, कार्यांवयन और व्यावसायीकरण को सुनिश्चित करने के उपाय किए जाने की आवश्यकता है। आईआईटी दिल्ली में फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (एफआईटीटी) ने इस प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।