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रेल मंत्री ने रेल कार्मिकों का आभार जताया

'सरकार रेल सुरक्षा और आधुनिकीकरण के लिए प्रतिबद्ध'

संसद में रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर जवाब दिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 2 August 2024 02:42:57 PM

railway minister ashwini vaishnav

नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में वित्तीय वर्ष 2024-25 केलिए रेल मंत्रालय के नियंत्रण में अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए प्रतिदिन लगभग 20,000 ट्रेनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने केलिए दिन-रात अथक परिश्रम करने वाले लगभग 12 लाख रेलवे कर्मचारियों की प्रशंसा की और उनकी उल्लेखनीय एवं अनुकरणीय सेवाओं केलिए हार्दिक आभार जताया। उन्होंने रेलवे कर्मचारियों के समर्पण भाव, रेलवे की सुरक्षा और विद्युतीकरण में प्रगति सहित रेलवे की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। अश्विनी वैष्णव ने रेलवे को देश की जीवनरेखा बताया, जोकि एक ऐसा अहम संस्थान है, जिसपर देशकी अर्थव्यवस्था काफी हदतक निर्भर करती है। उन्होंने संसद से रेलवे को राजनीतिकरण से मुक्त करने का आह्वान किया और इसके साथही राष्ट्रहित में इसमें निरंतर बेहतरी सुनिश्चित करने केलिए सहयोग के महत्व पर विशेष जोर दिया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार और विपक्षी सांसदों की ओरसे कई रचनात्मक सुझाव मिलने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की। उन्होंने रेलवे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की प्रशंसा केलिए सभीका धन्यवाद किया। रेलवे की सुरक्षा का उल्‍लेख करते हुए अश्विन वैष्णव ने बीते एक दशक में हुई व्‍यापक प्रगति का जिक्र करते हुए कहाकि किसीभी तरहकी खामी का पता लगाने केलिए 2652000 सेभी अधिक अल्ट्रासोनिक परीक्षण किए गए हैं और सुरक्षा उपायों केलिए अनेक नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है, इससे रेल फ्रैक्चर में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहाकि इस तरह की घटनाएं वर्ष 2013-14 के लगभग 2,500 से काफी घटकर वर्ष 2024 में केवल 324 रह गई हैं, जोकि इनमें 85 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी को दर्शाता है। उन्होंने हर साल दुर्घटनाओं की औसत संख्या में उल्लेखनीय कमी होने परभी प्रकाश डाला, जोकि यूपीए के कार्यकाल के 171 की तुलना में एनडीए सरकार के कार्यकाल में 68 प्रतिशत घट गई है। हालांकि उन्होंने रेलवे की सुरक्षा को और बेहतर बनाने की निरंतरता पर विशेष जोर दिया।
अश्विनी वैष्णव ने कहाकि अब स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के माध्यम से नियंत्रण है, जहां एक ओर वर्ष 2004 और वर्ष 2014 केबीच केवल 837 स्टेशनों पर ही यह प्रौद्योगिकी थी, वहीं दूसरी ओर इसके बाद अगले एक दशक में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई। दरअसल वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2024 तक 2964 स्टेशनों को इस प्रौद्योगिकी से कवर किया गया है। रेलवे विद्युतीकरण का उल्‍लेख करते हुए अश्विन वैष्णव ने इस दिशा में हुई प्रभावशाली प्रगति के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने बतायाकि बीते दस वर्ष में कुल 44000 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जबकि उससे पिछले 50 वर्ष में केवल 20000 किलोमीटर का ही विद्युतीकरण किया गया था। इस विद्युतीकरण अभियान से व्‍यापक लाभ हुआ है, जिसमें 600 मिलियन टन अतिरिक्त कार्गो की ढुलाई, 640 करोड़ लीटर डीजल की बचत और कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में 400 करोड़ किलो की कमी होना शामिल हैं, जोकि 16 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। उन्होंने कहाकि ये समस्‍त उपलब्धियां भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण केलिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे रेल यात्रा अब कहीं अधिक सुरक्षित, अधिक सुविधाजनक और पर्यावरण की दृष्टि से कहीं ज्‍यादा अनुकूल हो गई है। 

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