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Friday 9 August 2024 12:26:02 PM
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा हैकि वैश्विक व्यवधानों ने भारतीय रक्षा इकोसिस्टम केलिए अपनी रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने का अवसर प्रदान किया, ताकि भारत युद्ध सामग्री केसाथ-साथ गोला-बारूद के आयातक से निर्यातक बन सके। वे 8 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में उद्योग निकाय फिक्की के एमो इंडिया-2024 सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सीडीएस ने कहाकि वैश्विक भू-राजनीतिक वातावरण के बदलाव के दौर में है। उन्होंने कहाकि हम बड़े वैश्विक व्यवधानों के युग से गुज़र रहे हैं, दुनिया की अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की अनिश्चितताओं के बीच वैश्विक हथियार उद्योग मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ते अंतर की बड़ी समस्या से जूझ रहा है।
जनरल अनिल चौहान ने आत्मनिर्भरता और रक्षा में आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दियाकि राष्ट्र केलिए रणनीतिक स्वायत्तता प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विशेष रूपसे गोला-बारूद निर्माण के संबंध में मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड अभियान को बढ़ावा देने केलिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के विभिन्न नीतिगत बदलावों, सुधारों और पहलों का उल्लेख किया। असैन्य-सैन्य केबीच समन्वय के महत्व को रेखांकित करते हुए सीडीएस ने सशस्त्र बलों, रक्षा उद्योगों और वैज्ञानिकों सहित शिक्षाविदों के तीनों पक्षों से देश के आत्मनिर्भरता अभियान को बढ़ावा देने केलिए एक साथ आने का आह्वान किया। पूरे दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में टैंकों और वायुसेना, तोपखाने, वायु रक्षा, हवाई और नौसेना केलिए गोला-बारूद की ज़रूरतों, मानवरहित प्लेटफ़ॉर्म केलिए हथियार, लोइटरिंग गोला-बारूद और भविष्य के गोला-बारूद केसाथ-साथ छोटे हथियारों पर चर्चा हुई। सीडीएस ने हथियारों में आत्मनिर्भरता को दिखाने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।