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देश-दुनिया में 15 अगस्त की जोरदार तैयारियां!

भारत के हर घर में तिरंगा अभियान और देशभर में तिरंगा यात्राएं

चेन्नई के संग्रहालय में संरक्षित है देश का पहला राष्ट्रीय ध्वज

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 13 August 2024 12:20:23 PM

the country's first national flag is preserved in a museum in chennai

चेन्नई/ नई दिल्ली। भारत के हर घर में तिरंगा और देशभर में तिरंगा यात्राएं केवल भारत में ही नहीं, अपितु दुनियाभर में फैले भारतवंशी 15 अगस्त के भारत की आज़ादी का उत्सव मनाने की तैयारियां अपने जोश और जुनून पर हैं। भारत में तो 15 अगस्त की धूम शुरू हो चुकी है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक कोई अपने वाहन और घर पर या हाथ में तिरंगा लेकर चल रहा है या फिर देश के शहरों कस्बों गांवों सड़कों और गली-मुहल्लों में गरीब पुरुष महिलाएं और बच्चे तिरंगे से अपनी आजीविका में लगे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगा खरीदने वालों की भीड़ है और यह खासतौर से युवाओं और बच्चों के हाथों में लहरा रहा है। यूं तो तिरंगे में लहराते देश के प्रति प्यार और उमंग का ऐसा वातावरण हर 15 अगस्त और 26 जनवरी को देखा जाता है, किंतु इस समय देशवासियों में जो उत्साह दिखाई दे रहा है, भारत सरकार की तैयारियों ने उसे और कई गुना बढ़ा दिया है।
क्या आपको मालूम हैकि चेन्नई के फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय में 12 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा वह तिरंगा झंडा आजभी सुरक्षित रखा हुआ है, जो प्रथमबार फोर्ट सेंट जॉर्ज पर फहराया गया था। भारत का यह अनमोल राष्ट्रीय खजाना 15 अगस्त 1947 को फहराए गए पहले झंडों में से एक है। यह भारत का एकमात्र संरक्षित और सुरक्षित राष्ट्रीय झंडा है, जिसे 1947 में फहराया गया था। यह तिरंगा भारत की स्वतंत्रता हासिल करने के समग्र संघर्ष का प्रमाण है। यह तिरंगा झंडा शुद्ध रेशम से बना है और इसकी लंबाई लगभग 3.50 मीटर और चौड़ाई 2.40 मीटर है। यह झंडा 15 अगस्त 1947 को सुबह 5.30 बजे इस फोर्ट पर फहराया गया था। संग्रहालय में भारतीय स्वतंत्रता गैलरी है, जो भारतीय ध्वज के विकास और तिरंगे के पीछे की ऐतिहासिक और अनुकरणीय गाथाओं को प्रदर्शित करती है।
फोर्ट सेंट जॉर्ज में ब्रिटिशर्स की बस्ती और उसके बाद फोर्ट सेंट जॉर्ज के आसपास के कई मूल गांवों और यूरोपीय बस्तियों को मद्रास शहर में विलय करके इसके विस्तार से आधुनिक शहर ‘चेन्नई’ का उद्भव हुआ। फोर्ट सेंट जॉर्ज संग्रहालय को स्थापित करके 31 जनवरी 1948 से इसे जनता केलिए खोल दिया गया। किले में बिखरे ब्रिटिशराज और स्वतंत्रता संग्राम के अवशेषों को संरक्षित करने केलिए इस इमारत में संग्रहालय स्थापित करने का विचार 1946 में पुराने मद्रास गार्ड के कर्नल डीएम रीड ने रखा था। संग्रहालय के रिसेप्शन पर एक चित्र है, जो किले के विकास और 1640 से इसके निर्माण को दर्शाता है। इस संग्रहालय में अब औपनिवेशिक काल की तीन हजार पांच सौ से अधिक कलाकृतियां मौजूद हैं, उनमें से सबसे अच्छी कलाकृतियों को नौ दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है।
राजधानी दिल्ली में 15 अगस्त के मुख्य समारोह स्थल लालकिले की प्राचीर और उसके प्रांगण दिल्ली और नई दिल्ली से लेकर कई राज्यों में बहुतायत वर्षा की संभावनाओं यातायात और सुरक्षा को देखते हुए यह पर्व अपनी गरिमा के अनुसार सकुशल संपन्न हो, इसके लिए देशभर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। देश के राज्यों के मुख्यालयों पर स्थानीय सरकारों ने अपने यहां की संस्कृतियों और प्रचलित प्रथाओं के अनुसार 15 अगस्त की तैयारियां की हैं। देश के पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल जैसे संवेदनशील राज्यों में खास प्रबंध किए गए हैं, जहां स्थानीय प्रशासन के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों ने खास निगरानियां की हुई हैं। भारतीय सीमाओं पर सैनिकों की 15 अगस्त मनाने की खास तैयारियां की गई हैं। दुनिया के जिन देशों में भारतवंशी रहते हैं और जहां भारत के दूतावास या उच्चायोग हैं, वहां भी 15 अगस्त का राष्ट्रीय पर्व जोरशोर से मनाने की तैयारियां की हैं।

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