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Friday 23 August 2024 03:44:02 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने भारतीय विमानन अकादमी नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भारत में सी प्लेन संचालन केलिए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहाकि ये दिशा-निर्देश न केवल परिवहन केलिए भारत के विमानन परिदृश्य में सी प्लेन संचालन को एकीकृत करेंगे, बल्कि रोज़गार सृजन और आर्थिक सशक्तीकरण को भी बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहाकि सी प्लेन देश के विकास, नवाचार और समावेशी विकास केप्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बनेगा। राममोहन नायडू ने इस मौके पर उड़ान का 5.4 संस्करण भी लॉंच किया, जिसके तहत उन मार्गों केलिए नई बोलियां आमंत्रित की जाएंगी, जो किसी कारण से रद्द कर दिए गए थे एवं हवाई सेवाओं से अछूते मार्गों को कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी घोषणा कीकि निर्माता कंपनी डेहैविलैंड सीप्लेन को प्रदर्शित करने से जुड़ी उड़ानें जल्द ही आयोजित करेगी। उन्होंने भारत की 7517 किलोमीटर लंबी तटरेखा और नदियों एवं झीलों के व्यापक नेटवर्क के बारेमें बताया, जो देश में सी प्लेन परिचालन के विकास केलिए अवसर पेश करते हैं।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि स्थितियों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने और हेलीकॉप्टर परिचालन के अनुभव से लाभ उठाते हुए भारत सरकार ने सी प्लेन परिचालन के विकास को सुनिश्चित करने केलिए लचीला और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहाकि ये दिशा-निर्देश आरसीएस केतहत सी प्लेन संचालन को नॉन शिड्यूल्ड ऑपरेटर परमिट केतहत संचालन का उपयोग करने में सक्षम बनाएंगे। उन्होंने कहाकि आरसीएस केतहत सी प्लेन संचालन केलिए व्यवहार्यता अंतर निधि के विस्तार से ऑपरेटरों को शुरुआती तौरपर बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बतायाकि सी प्लेन संचालन को बढ़ावा देने की कोशिशों के दौरान संचालन के दौरान बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने केलिए पर्याप्त ध्यान रखा गया है। नागर विमानन मंत्री ने बतायाकि आरसीएस योजना केतहत हेलीकॉप्टरों और छोटे विमानों केलिए एनएसओपी परिचालन की सफलता से प्रेरणा लेते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अब व्यापक सी प्लेन एनएसओपी दिशानिर्देश तैयार किए हैं, जो बचाव और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और हितधारकों की जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करते हैं, जिससे देश में निर्बाध और कुशल सी प्लेन परिचालन सुनिश्चित होता है।
नागर विमानन मंत्री ने कहाकि सी प्लेन केलिए नॉन-शिड्यूल्ड ऑपरेटर परमिट ढांचे को अपनाना क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता की दिशामें महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने भारत में सी प्लेन उद्योग केलिए अनुकूल नीतिगत माहौल की आवश्यकता पर जोर दिया और कार्बन उत्सर्जन को कम करने तथा जलवायु परिवर्तन पर संयुक्तराष्ट्र फ्रेमवर्क केतहत भारत की प्रतिबद्धताओं केसाथ संरेखित करने केलिए इलेक्ट्रिक सी प्लेन जैसी तकनीकों में अनुसंधान को प्रोत्साहित दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहाकि हमारा लक्ष्य एक ऐसा नियामक ढांचा तैयार करना है, जो नवाचार को बढ़ावा दे, विकास को गति दे और स्थानीय कार्यबल के विकास को प्राथमिकता देकर पायलटों, रखरखाव कर्मचारियों और ग्राउंड क्रू केलिए रोज़गार के अवसर सृजित करे। नागर विमानन मंत्री ने कहाकि हम सीप्लेन और परिवहन के अन्य साधनों केबीच निर्बाध संपर्क केलिए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित करने के प्रयास कर रहे हैं। केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री मंत्रालय मुरलीधर मोहोल और केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुलनाम ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में डीजीसीए के महानिदेशक विक्रमदेव दत्त और नागर विमानन मंत्रालय, राज्य और केंद्रशासित प्रदेश सरकारों, एनएसओपी और एसओपी ऑपरेटरों, मूल उपकरण निर्माता, सीप्लेन निर्माता, पट्टादाता से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी और मीडियाकर्मी भी उपस्थित थे।