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Friday 23 August 2024 05:30:21 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लिया, जो 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर ‘विक्रम’ लैंडर के सफलतापूर्वक उतरने की याद में मनाया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने रोबोटिक्स चैलेंज और भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने कहाकि इसरो ने अपने शुरुआती दिनों सेही शानदार यात्रा की है, इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, इसके साथही देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने उन समर्पित वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्होंने न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करके भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष कार्यक्रमों में शामिल किया है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत अंतरिक्ष विज्ञान में निरंतर प्रगति करेगा और हम उत्कृष्टता के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति असाधारण है, चाहे सीमित संसाधनों केसाथ सफलतापूर्वक पूरा किया गया मंगल मिशन हो या एकसाथ सौ से अधिक उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण, हमने इस क्षेत्रमें कई प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि अंतरिक्ष अन्वेषण ने मानव क्षमताओं को बढ़ाया है और हमारी कल्पना को साकार किया है, लेकिन अंतरिक्ष अन्वेषण एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, अंतरिक्ष अन्वेषण के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के शोध से विज्ञान के विकास में तेजी आती है और मानव जीवन में सुधार होता है। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष क्षेत्र में विकास से स्वास्थ्य और चिकित्सा, परिवहन, सुरक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों को लाभ मिला है। राष्ट्रपति ने कहाकि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र केलिए खोले जानेसे स्टार्टअप की संख्या में बहुत तेजीसे वृद्धि हुई है, इससे न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान में प्रगति हुई है, बल्कि युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और निखारने के नए अवसर भी मिले हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इसरो भारत का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि वे गगनयान मिशन की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हैं, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष टीम को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। उन्होंने विश्वास जतायाकि इन सभी मिशन के फलस्वरूप ऐसे परिणाम सामने आएंगे, जिनसे देश सामाजिक, आर्थिक एवं वैज्ञानिक रूपसे लाभांवित होगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि कुछ महीने पहलेही एक भारतीय कंपनी ने सिंगल-पीस 3डी प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से चलने वाले रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉंच किया था, जो इस तरह की पहली उपलब्धि थी। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें भविष्य की चुनौतियों से निपटने केलिए तैयार रहना होगा, अंतरिक्ष में कचरा अंतरिक्ष मिशनों केलिए समस्याएं पैदा कर सकता है। उन्होंने ‘सुरक्षित और सतत संचालन प्रबंधन केलिए इसरो प्रणाली’ सुविधा की सराहना की, जिसका संचालन अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने केलिए किया जा रहा है। राष्ट्रपति को यह जानकर भी अत्यंत प्रसन्नता हुईकि भारत वर्ष 2030 तक अपने सभी अंतरिक्ष मिशनों को कचरा मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।