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'भारत-यूक्रेन संबंधों में समझ और विश्वास गहरा'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घायलों के त्वरित उपचार केलिए भीष्म क्यूब्स सौंपे

राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की का मानवीय सहायता हेतु नरेंद्र मोदी को धन्यवाद!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 24 August 2024 04:58:25 PM

'mutual understanding and trust deepens in india-ukraine relations'

कीव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर 23 अगस्त-24 को यूक्रेन की यात्रा की। गौरतलब हैकि वर्ष 1992 में भारत और यूक्रेन केबीच राजनयिक संबंध स्थापित होने केबाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फोर्स वन ट्रेन से 10 घंटे की यात्रा केबाद यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने मैरीन्स्की पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गर्मजोशी से अगवानी करते हुए उनका जोरदार स्वागत किया। दोनों राजनेताओं ने भारत-यूक्रेन केबीच द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की और आपसी हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके बाद एक संयुक्त वक्तव्य में दोनों राजनेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी से बढ़ाकर रणनीतिक साझेदारी तक लेजाने की दिशा में काम करने केप्रति पारस्परिक रुचि व्यक्त की। उन्होंने आपसी विश्वास, सम्मान एवं खुलेपन से दोनों देशों के लोगों के लाभ केलिए द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक विकसित करने केप्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने भारत-यूक्रेन केबीच बीते तीन दशक में उल्लेखनीय रूपसे मजबूत हुए द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर एवं सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की और आपसी समझ, विश्वास एवं सहयोग को बढ़ाने हेतु जून 2024 में अपुलीया तथा मई 2023 में जी-7 हिरोशिमा में शिखर सम्मेलनों पर उनकी बैठकों, मार्च 2024 में यूक्रेन के विदेश मंत्री की नई दिल्ली यात्रा, भारत के विदेश मंत्री एवं यूक्रेन के विदेश मंत्री केबीच एवं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एवं यूक्रेन के राष्ट्रपति के कार्यालय के प्रमुख केबीच मुलाकातें एवं टेलीफोन पर बातचीत, जुलाई 2023 में कीव में विदेश कार्यालय परामर्श के नौवें दौर सहित विभिन्न स्तरोंपर भारत-यूक्रेन केबीच नियमित संवाद से निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की। दोनों राजनेताओं ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-24 और रायसीना डायलॉग-24 में यूक्रेन के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी जिक्र किया। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने संयुक्तराष्ट्र चार्टर सहित क्षेत्रीय अखंडता एवं देशों की संप्रभुता के सम्मान जैसे अंतर्राष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने में सहयोग केप्रति अपनी तत्परता दोहराई। वे इस संबंध में करीबी द्विपक्षीय संवाद की जरूरत पर सहमत हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सैद्धांतिक दृष्टिकोण दोहराया और बातचीत एवं कूटनीति के जरिए शांतिपूर्ण समाधान पर ध्यान केंद्रित किया, जिसके एक हिस्से के रूपमें भारत ने जून 2024 में स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक में आयोजित यूक्रेन में शांति से संबंधित शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने भारत द्वारा ऐसी भागीदारी का स्वागत किया और अगले शांति शिखर सम्मेलन में उच्चस्तरीय भारतीय भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बतायाकि यूक्रेन में शांति से संबंधित शिखर सम्मेलन में अपनाई गई शांति की एक रूपरेखा से संबंधित संयुक्त विज्ञप्ति बातचीत, कूटनीति तथा अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित शांति को बढ़ावा देने के प्रयासों के रूपमें काम कर सकती है। दोनों राजनेताओं ने यूक्रेनी मानवीय अनाज पहल सहित वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के विभिन्न प्रयासों की सराहना की। उन्होंने वैश्विक बाजारों विशेषकर एशिया और अफ्रीका में कृषि उत्पादों की निर्बाध एवं सुचारू आपूर्ति के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने रचनात्मक समाधान तैयार करने हेतु सभी हितधारकों केबीच ईमानदार एवं व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता दोहराई, जिसकी व्यापक स्वीकार्यता होगी और जो शांति की शीघ्र बहाली में योगदान देगा। उन्होंने शांति की शीघ्र बहाली केलिए हरसंभव तरीके से योगदान करने की भारत की इच्छा दोहराई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, उद्योग, मैन्यूफैक्चरिंग, हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी की संभावनाएं तलाशने, व्यापार एवं वाणिज्य, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे क्षेत्रोंमें सहयोग बढ़ाने, जिसमें दोनों देशों के व्यापार एवं उद्योग जगत की अधिक भागीदारी शामिल है, पर चर्चा की। दोनों राजनेताओं ने भविष्योन्मुख और मजबूत आर्थिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने में व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक एवं सांस्कृतिक सहयोग से संबंधित भारतीय-यूक्रेनी अंतर सरकारी आयोग के महत्व पर जोर दिया। राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने आईजीसी के सहअध्यक्ष /अध्यक्ष के रूपमें भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की नियुक्ति का स्वागत किया। दोनों राजनेताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध से संबंधित चुनौतियों के कारण वर्ष 2022 से वस्तुओं के वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में आई महत्वपूर्ण कमी के आलोक में आईजीसी के सहअध्यक्षों को न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बहाल करने और आर्थिक संबंधों को संघर्षपूर्व स्तर तक लेजाने, बल्कि उन्हें और अधिक विस्तारित एवं मजबूत करने के सभी संभावित तरीकों का पता लगाने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की ने भारत और यूक्रेन केबीच संयुक्त परियोजनाओं, साझेदारियों एवं उद्यमों का पता लगाने हेतु आधिकारिक और व्यावसायिक स्तरों पर अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया। राजनेताओं ने कृषि क्षेत्रमें मजबूत संबंधों और मानकों एवं प्रमाणन प्रक्रियाओं के सामंजस्य सहित पूरक क्षेत्रोंमें द्विपक्षीय बातचीत तथा बाजार तक पहुंच बढ़ाने की जरूरत को याद किया। फार्मास्यूटिकल उत्पादों के मामले में सहयोग को द्विपक्षीय साझेदारी के सबसे मजबूत स्तंभों में से एकके रूपमें मान्यता देते हुए दोनों राजनेताओं ने परीक्षण, निरीक्षण एवं पंजीकरण प्रक्रियाओं सहित बाजार तक अधिक पहुंच और निवेश एवं संयुक्त उद्यमों की सुविधा से संबंधित इच्छा को दोहराया। दोनों ने प्रशिक्षण और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने सहित दवाओं एवं फार्मास्यूटिकल्स के मामले में सहयोग को व्यापक बनाने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने दवाओं और औषधि नियंत्रण पर भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और यूक्रेन की राज्य सेवा केबीच समझौता एवं अगस्त-24 में वर्चुअल मोड में फार्मास्यूटिकल सहयोग से संबंधित भारतीय-यूक्रेनी संयुक्त कार्यसमूह की तीसरी बैठक के आयोजन का स्वागत किया। यूक्रेन ने किफायती और गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति के एक सुनिश्चित स्रोत के रूपमें भारत की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की द्विपक्षीय संबंधों के कानूनी ढांचे के विस्तार विशेष रूपसे निवेश की पारस्परिक सुरक्षा और शैक्षिक दस्तावेजों, शैक्षणिक डिग्रियां तथा उपाधियों की पारस्परिक मान्यता की संभावना से जुड़े काम में तेजी लानेपर सहमत हुए। वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग से संबंधित भारत-यूक्रेन केबीच समझौते के सफल कार्यांवयन, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग पर भारतीय-यूक्रेनी संयुक्त कार्यसमूह के प्रभावी कामकाज और द्विपक्षीय अनुसंधान परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए दोनों ने विशेष रूपसे आईसीटी, एआई, मशीन लर्निंग, क्लाउड सेवाएं, जैव प्रौद्योगिकी, नई सामग्री, हरित ऊर्जा और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में नियमित आदान-प्रदान और कार्यक्रमों के आयोजन को प्रोत्साहित किया। दोनों राजनेताओं ने रक्षा संस्थानों केबीच मजबूत संबंधों को सुविधाजनक बनाने की दिशामें काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें भारत में मैन्यूफैक्चरिंग केलिए संयुक्त सहयोग एवं साझेदारी और उभरते क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों निकट भविष्य में 2012 के रक्षा सहयोग समझौते केतहत स्थापित सैन्य तकनीकी सहयोग से संबंधित भारतीय-यूक्रेनी संयुक्त कार्यसमूह की दूसरी बैठक भारत में करने पर सहमत हुए।
भारत और यूक्रेन केबीच स्थायी मित्रता में सांस्कृतिक और पारस्परिक संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए दोनों राजनेताओं ने सांस्कृतिक सहयोग के द्विपक्षीय कार्यक्रम के समापन तथा भारत-यूक्रेन में संस्कृति महोत्सव के निर्णय का स्वागत किया। दोनों राजनेताओं ने भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम व भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की सामान्य सांस्कृतिक छात्रवृत्ति योजना केतहत दी जानेवाली छात्रवृत्ति सहित दोनों देशों के लोगों केबीच पारस्परिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया। दोनों राजनेताओं ने मैत्रीपूर्ण संबंधों और लोगों केबीच पारस्परिक संपर्क के विकास में यूक्रेन में रहनेवाले भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद और समर्थन एवं उसके बाद यूक्रेन लौटने वाले सभी भारतीय नागरिकों एवं छात्रों की सुरक्षा तथा कल्याण सुनिश्चित करने केलिए यूक्रेन के राष्ट्रपति केप्रति अपना आभार दोहराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों और छात्रों केलिए आसान वीज़ा एवं पंजीकरण संबंधी सुविधाओं के संबंध में यूक्रेन के राष्ट्रपति से निरंतर समर्थन का अनुरोध किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने मानवीय सहायता केलिए नरेंद्र मोदी को आभार जताया और भारत-यूक्रेन केबीच उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास परियोजनाओं से संबंधित समझौता ज्ञापन के संपन्न होने का स्वागत किया, जो भारतीय अनुदान सहायता के जरिए पारस्परिक रूपसे सहमत परियोजनाओं के विकास को संभव बनाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लोडिमिर जेलेंस्की यूक्रेन के पुनर्निर्माण और पुनरुत्थान की प्रक्रिया में उचित तरीके से भारतीय कंपनियों की भागीदारी की संभावना तलाशने पर सहमत हुए। दोनों राजनेता आतंकवाद की निंदा करने के मामले में स्पष्ट थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्तराष्ट्र चार्टर के आधार पर इस क्षेत्रमें सहयोग बढ़ाने के महत्व को ध्यान में रखते हुए आतंकवाद तथा उग्रवाद के सभी रूपों एवं अभिव्यक्तियों के खिलाफ बिना कोई समझौता किए एक सीधी लड़ाई का आह्वान किया। दोनों ने समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने और अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की समस्याओं से निपटने के क्रम में संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी और कुशल बनाने हेतु उसमें व्यापक सुधार का आह्वान किया। यूक्रेन ने संशोधित एवं विस्तारित संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता केप्रति अपना समर्थन दोहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने केप्रति उत्सुकता जताई। दोनों राजनेताओं की द्विपक्षीय संबंधों के समग्र पहलुओं पर व्यापक चर्चा और साझा हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर किया गया विचारों का आदान-प्रदान भारत-यूक्रेन संबंधों की गहराई केसाथ-साथ आपसी समझ एवं विश्वास को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर यूक्रेन को मानवीय सहायता केलिए चार भीष्म यानी सहयोग, हित और मैत्री केलिए भारत स्वास्थ्य पहल क्यूब्स की सौगात दी। भीष्म क्यूब्स से घायलों के शीघ्र उपचार में काफी मदद मिलेगी और इसके साथही अनमोल जीवन बचाने में काफी योगदान मिलेगा। प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा से जुड़ी हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा या देखभाल सुनिश्चित करने वाली दवाइयां और उपकरण शामिल हैं। इसमें बुनियादी ऑपरेशन कक्ष केलिए सर्जिकल उपकरण भी शामिल हैं, जो प्रतिदिन 10-15 बुनियादी सर्जरी सुनिश्चितकर सकते हैं। भीष्म क्यूब में तरह-तरह की आपातकालीन चिकित्सीय हालत जैसेकि आघात लगने, रक्तस्राव होने, जल जाने, फ्रैक्चर होने इत्‍यादि के लगभग 200 मरीजों का इलाज करने की क्षमता है। इसमें सीमित मात्रा में अपनी जरूरत की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्‍पन्‍न हो सकती है। यूक्रेन की चिकित्सा टीम को भीष्म क्यूब के संचालन का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए अनेक भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है। यह पहल यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। दोनों राजनेता समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम के साक्षी भी बने। इन समझौतों में शामिल हैं-कृषि एवं खाद्य उद्योग के क्षेत्रमें सहयोग समझौता, चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्रमें सहयोग समझौता, उच्च प्रभाव वाले सामुदायिक विकास से जुड़ी परियोजनाओं के कार्यांवयन हेतु भारतीय मानवीय अनुदान सहायता समझौता और 2024-2028 के दौरान सांस्कृतिक सहयोग हेतु कार्यक्रम समझौता।

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