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Wednesday 28 August 2024 03:40:52 PM
नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कल नई दिल्ली मुख्यालय पर नियामकों की संयुक्त समिति (जेसीओआर) की बैठक बुलाई, जिसमें जेसीओआर के सदस्यों में आईआरडीएआई, पीएफआरडीए, आरबीआई, सेबी, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ट्राई, दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे। गौरतलब हैकि जेसीओआर डिजिटल युग में नियामकीय निहितार्थों की जांच करने और नियामकीय ढांचे पर साथ मिलकर काम करने केलिए एक सहयोगी प्लेटफॉर्म के रूपमें कार्य करती है। ट्राई के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी ने इस अवसर पर स्पैम मैसेज एवं अनचाही कॉल की समस्या से निपटने केलिए संयुक्त प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।
ट्राई के चेयरमैन ने नियामकों से जिन मुद्दों पर चर्चा करने और उन्हें लागू करने आग्रह किया, वे हैं-एसएमएस में भेजे जानेवाले यूआरएल, एपीके, ओटीटी लिंक, कॉल बैक वाले नंबरों को व्हाइटलिस्ट में शामिल किया जाए, 140 श्रृंखलाओं में प्रोमोशनल कॉल करनेवाले मौजूदा टेलीमार्केटर का डीएलटी प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरण किया जाए और पीई टीएम चेन बाइंडिंग केलिए उनके द्वारा नियोजित टेलीमार्केटर की पूरी श्रृंखला की घोषणा की जाए। बैठक में दूरसंचार संसाधनों के जरिये किए जानेवाले अनचाही वाणिज्यिक संचार यानी यूसीसी एवं धोखाधड़ी से निपटने केलिए संभावित संयुक्त प्रयासों एवं रणनीतियों पर चर्चा की गई। चर्चा के प्रमुख मुद्दे थे-कंटेंट टेम्प्लेट में यूआरएल, एपीके, ओटीटी लिंक और कॉल बैक नंबर की व्हाइटलिस्टिंग में संस्थाओं की भूमिका और प्रेषक से प्राप्तकर्ताओं तक सभी मैसेजों की पहचान सुनिश्चित करना, क्योंकि हेडर एवं टेम्प्लेट के दुरूपयोग के कई मामले सामने आए हैं।
ट्राई नियामकों की संयुक्त समिति की बैठक में बताया गयाकि मैसेजे के वेरिएबल भागों का उपयोग करते हुए मालिसियस लिंक भेजकर धोखाधड़ी की जाती है। हेडर एवं कंटेंट टेम्प्लेट के दुरूपयोग के मामले में ट्रैफिक को आगे बढ़ाने वाली संस्था को ढूंढना मुश्किल है, इसलिए यूआरएल, एपीके, ओटीटी लिंक या कॉल बैक नंबर की अनिवार्य व्हाइटलिस्टिंग और ट्राई के निर्देशों केतहत निर्धारित समयसीमा के अनुसार पीई टीएम चेन बाइंडिंग केलिए उनके द्वारा नियोजित टेलीमार्केटर्स की पूरी श्रृंखला की घोषणा किए जाने को अनिवार्य करने की आवश्यकता है। अनचाहे कॉल करने केलिए पीआरआई या एसआईपी चैनलों का उपयोग करने वाली संस्थाओं की समस्या को दूर करना। कई व्यावसायिक संस्थाएं ट्राई के नियमों का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों इंडिकेटर्स केसाथ एसआईपी या पीआरआई लाइनों का उपयोग करते हुए वाणिज्यिक वॉयस कॉल करती हैं। इन संस्थाओं को प्रचार-प्रसार संबंधी कॉल करने केलिए निर्दिष्ट 140 श्रृंखला में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
जेसीओआर की बैठक में स्पैमर्स के खिलाफ बिना देरी किए सख्त कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया, जो प्रचार-प्रसार संबंधी वॉयस कॉल, रोबो कॉल, प्री-रिकॉर्डेड कॉल करने केलिए पीआरआई या एसआईपी, बल्क कनेक्शन का उपयोग कर रहे हैं। उपभोक्ताओं से डिजिटल सहमति लेने केलिए दूरसंचार कंपनियों की डीसीए प्रणाली का फायदा उठाना, जो संस्थाओं केलिए बहुत उपयोगी और न केवल मैसेजिंग सेवाओं केलिए, बल्कि यह वॉयस कॉल केलिए भी फायदेमंद साबित होगी। यह प्राप्तकर्ताओं को उनकी डीएनडी प्राथमिकता के बावजूद मैसेज एवं कॉल की डिलीवरी की अनुमति देती है। अब डीसीए केलिए तकनीकी बुनियादी ढांचा भी मौजूद है। नियामकों से अनुरोध किया गयाकि वे अपने अधिकार क्षेत्रके दायरे में आनेवाली संस्थाओं से समयबद्ध तरीके से इस सुविधा का उपयोग शुरू करने केलिए कहें। उपभोक्ताओं द्वारा आसान पहचान सुनिश्चित करने केलिए सेवा एवं लेनदेन संबंधी कॉल करने केलिए संस्थाओं द्वारा 160 श्रृंखला का उपयोग करना।
ट्राई नियामकों की संयुक्त समिति की बैठक में जानकारी दी गईकि विभिन्न विकल्पों की तकनीकी व्यवहार्यता निर्धारित करने केलिए ट्राई और आरबीआई ने एक पायलट अध्ययन शुरू किया था, जिसके परिणामों पर भी चर्चा की गई। दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी पर लगाम लगाने केलिए नियामकों केबीच उनके प्लेटफॉर्मों पर उपलब्ध सूचनाओं के आदान-प्रदान और धोखाधड़ी पर लगाम लगाने केलिए उनके प्रभावी उपयोग पर जोर दिया गया। ट्राई नियामकों की संयुक्त समिति की बैठक का उद्देश्य सामूहिक रूपसे इन मुद्दों को निपटाते हुए उपभोक्ताओं को स्पैम एवं धोखाधड़ी के नुकसान से बचाना और अधिक सुरक्षित एवं कुशल दूरसंचार परिवेश सुनिश्चित करना था।