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'राष्ट्रवाद से समझौता देश के साथ धोखा'

उपराष्ट्रपति ने किया गोरखपुर में सैनिक स्कूल का उद्घाटन

देश सेवा के लिए सैन्य कैडेटों को प्रोत्साहन और प्रेरणाएं दीं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 7 September 2024 05:27:28 PM

vice president inaugurates new sainik school in gorakhpur

गोरखपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नागरिकों को राष्ट्रवाद पर समझौता करने के खिलाफ सावधान करते हुए इसे राष्ट्र केसाथ चरम धोखा करार दिया है। उन्होंने कहाकि जहांभी कोई राष्ट्र पर प्रश्नचिन्ह उठाएगा तो हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि राष्ट्र केप्रति कर्तव्य को हमेशा स्वार्थ और राजनीतिक हित से ऊपर रखना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दीकि ऐसा करने में विफलता भारत की हजारों वर्ष पुरानी सभ्यतागत विरासत पर हमला होगा। उपराष्ट्रपति आज सैनिक स्कूल गोरखपुर के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने गोरखपुर में नए सैनिक स्कूल की सराहना करते हुए कहाकि यह भावी पीढ़ियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा एवं दूसरे राज्यों और पूरे देश केलिए अनुकरणीय मानदंड स्थापित करेगा। उपराष्ट्रपति ने गोरखपुर में अपने प्रथम आगमन पर गोरखनाथ मंदिर में शिवावतारी महायोगी गुरु श्रीगोरखनाथ के दर्शन-पूजन भी किए। उन्होंने कहाकि धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना का यह संगम स्थल प्राचीनकाल से भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है, यह पावन धाम धर्म सेवा, राष्ट्रसेवा और जनसेवा केलिए समर्पित है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उल्लेख कियाकि यह भूमि नाथ संप्रदाय की परंपरा और गुरु गोरखनाथ से जुड़ी हुई है, आध्यात्मिक केंद्र है, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है, यह गीता प्रेस गोरखपुर की भूमि है, जिसकी गूंज देश के कोने-कोने में है। सुशासन और कानून के शासन को बनाए रखने में उत्तर प्रदेश राज्य के महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि पूर्वांचल उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण अंग है, यहां प्रथम सैनिक स्कूल में जो विकसित निर्माण हुआ है, वो भविष्य की पीढ़ी का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहाकि गोरखपुर की पृष्ठभूमि, संस्कृति और विरासत बच्चों के कानों में सदा गूंजती रहेगी और देशमें बहरही विकास की गंगा में उत्तर प्रदेश की निरंतर भागीदारी राष्ट्र निर्माण में एक बड़ा उल्लेखनीय योगदान दे रही है। उपराष्ट्रपति ने सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में अपने छात्र जीवन के दिनों को याद किया और उनके जीवन को आकार देने में सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि मेरा जन्म ग्राम किठाना में हुआ था, लेकिन सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ ने मुझे गढ़ा है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने परिवर्तनकारी बदलाव के केंद्रके रूपमें शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए लोगों को अपने जीवन को नियंत्रित करने, व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण में, समाज में असमानताओं को खत्म करने और बड़े पैमाने पर कुप्रथाओं को खत्म करने में शिक्षा की शक्ति की अहमियत बताई। उन्होंने वैश्विक मंच पर भारत की विशिष्ट पहचान की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि आजका भारत वह नहीं है, जो दस साल पहले था, जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 जिसे संविधान निर्माताओं ने अस्थायी कहा था, उसे कुछ लोग स्थायी मान बैठे थे, लेकिन इस दशक में उसको विलुप्तकर दिया गया है, यह आज का भारत है। उपराष्ट्रपति ने सैनिक कैडेटों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें देशसेवा केलिए प्रेरित किया। इससे पहले उपराष्ट्रपति और डॉ सुदेश धनखड़ ने अपनी माताओं केसरी देवी और भगवती देवी की स्मृति में नव उद्घाटित सैनिक स्कूल गोरखपुर के परिसर में पौधारोपण किया। उन्होंने परिसर में शूटिंग रेंज का भी दौरा किया। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री कमलेश पासवान, सांसद रवि किशन शुक्ला, उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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