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Wednesday 11 September 2024 05:53:51 PM
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत एक्सपो मार्ट ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश में आयोजित सेमीकॉन इंडिया-2024 में कहा हैकि आज का भारत दुनिया को आश्वस्त करता है कि जब हालात कठिन हों तो भारत पर निर्भर किया जा सकता है। सेमीकंडक्टर उद्योग और डायोड केबीच संबंध को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग विशेष डायोड्स से सुसज्जित है, जहां ऊर्जा दोनों दिशाओं में बहती है। इस तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया में भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर केलिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया का आठवां देश है, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है और सेमी के सदस्यों से कहाकि यह सही समय है भारत में रहने का और आप सही जगह पर सही समय पर हैं। उन्होंने समझाया किजब उद्योग निवेश करते हैं और मूल्य निर्माण करते हैं तो दूसरी ओर सरकार स्थिर नीतियों और व्यवसाय करने में आसान हालात प्रदान करती है। उन्होंने कहाकि इस दशक के अंततक उनकी सरकार ने देशमें 6 मिलियन नौकरियों का सृजन करने का लक्ष्य रखा है। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी देखी।
सेमीकॉन इंडिया में भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति और नीति को प्रदर्शित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत को सेमीकंडक्टर केलिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है, जो सेमीकंडक्टर उद्योग में प्रयुक्त एकीकृत सर्किट के समान है। उन्होंने भारत के डिज़ाइनरों की चर्चित प्रतिभा को उजागर किया। उन्होंने बतायाकि भारत का डिजाइनिंग के क्षेत्रमें योगदान 20 प्रतिशत है और लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और अनुसंधान और विकास विशेषज्ञों की एक सेमीकंडक्टर कार्यबल तैयार कर रहा है, भारत अपने छात्रों और पेशेवरों को उद्योग केलिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की पहली बैठक को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि फाउंडेशन भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा और ऊर्जा देने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के विशेष अनुसंधान फंड का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि इस प्रकार की पहल से सेमीकंडक्टर और विज्ञान के क्षेत्रमें नवाचार की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने सरकार के सेमीकंडक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि भारत केपास तीन आयामी शक्ति है अर्थात वर्तमान सुधारक सरकार, देश की बढ़ती निर्माण क्षमता और राष्ट्र का महत्वाकांक्षी बाज़ार जो तकनीकी प्रवृत्तियों से अवगत है, यह तीन आयामी शक्ति का आधार कहीं और मिलना मुश्किल है। भारत के महत्वाकांक्षी और तकनीक उन्मुख समाज की विशिष्टता को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में चिप्स का अर्थ केवल तकनीक तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह करोड़ों नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक माध्यम है। यह छोटी चिप भारत में हर जगह डिलीवरी सुनिश्चित करने केलिए बड़े काम कर रही है प्रधानमंत्री मोदी ने कहा। उन्होंने कोरोना संकट को याद करते हुए कहाकि जब दुनिया के सबसे मजबूत बैंकिंग सिस्टम ध्वस्त हो गए थे, तब भारत में बैंक निरंतर चल रहे थे, चाहे भारत का यूपीआई हो, रुपे कार्ड हो, डिजी लॉकर हो या डिजी यात्रा हो कई डिजिटल प्लेटफार्म भारतीय लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने कहाकि आत्मनिर्भर बनने केलिए भारत हर क्षेत्र में निर्माण बढ़ारहा है, बड़े पैमाने पर हरित संक्रमण कररहा है और डेटा केंद्रों की मांग भी बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग को चलाने में एक बड़ी भूमिका निभाने केलिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत का नया मंत्र भारत में उत्पादित चिप्स की संख्या बढ़ाना है। सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने केलिए सरकार के कई कदमों को उजागर करते हुए नरेंद्र मोदी ने बतायाकि सरकार सेमीकंडक्टर निर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है और राज्य सरकारें भी इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, इन नीतियों के कारण भारत ने बहुत ही कम समय में 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और कई और परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। नरेंद्र मोदी ने सेमीकंडक्टर इंडिया प्रोग्राम की समग्र दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला जो फ्रंट-एंड फैब्स, डिस्प्ले फैब्स, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और आपूर्ति श्रृंखला के अन्य महत्वपूर्ण घटकों केलिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। हमारा सपना हैकि दुनिया की हर डिवाइस में एक भारतीय निर्मित चिप हो, इस साल लालकिले से अपनी घोषणा को याद करते हुए भारत की सेमीकंडक्टर महाशक्ति बनने की महत्वाकांक्षा को दोहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकंडक्टर उद्योग केलिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों को सुरक्षित करने पर सरकार की फोकस की चर्चा की और घरेलू उत्पादन और विदेशी अधिग्रहण को बढ़ावा देने केलिए हालही में घोषित महत्वपूर्ण खनिज मिशन का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत तेजी से कस्टम ड्यूटी छूट और महत्वपूर्ण खनिजों के खनन नीलामी पर काम कर रहा है। उन्होंने आईआईटीएस केसाथ सहयोग में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान में सेमीकंडक्टर अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजनाओं का भी खुलासा किया, ताकि केवल आजके उच्च तकनीकी चिप्स ही नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी के चिप्स भी उत्पादित किए जा सकें। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘तेल कूटनीति’ का संदर्भ दिया और कहाकि दुनिया आज ‘सिलिकॉन कूटनीति’ के युग में आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत को इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क की आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया है और यह क्वाड सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला पहल में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने कहाकि जापान और सिंगापुर जैसे देशों केसाथ समझौते किए गए हैं और भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्रमें अमेरिका केसाथ अपने सहयोग को गहराकर रहा है। प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर पर भारत के ध्यान की आलोचना करने वाले लोगों से डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता का अध्ययन करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि डिजिटल इंडिया मिशन का उद्देश्य देश को पारदर्शी, प्रभावी और लीकरहित शासन प्रदान करना था, इसका गुणात्मक प्रभाव आज अनुभव किया जा सकता है। डिजिटल इंडिया की सफलता केलिए प्रधानमंत्री ने कहाकि मोबाइल हैंडसेट और डेटा को भारत में सस्ता बनाने केलिए आवश्यक सुधार और बुनियादी ढांचा शुरू किया गया था। उन्होंने बतायाकि एक दशक पहले भारत मोबाइल फोन का सबसे बड़ा आयातक था, जबकि आज यह मोबाइल फोन का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश है। उन्होंने भारत के 5G हैंडसेट बाजार में तेज प्रगति का हवाला देते हुए कहाकि भारत अब 5G हैंडसेट के वैश्विक बाजार में दूसरी सबसे बड़ी जगह पर है। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की वर्तमान मूल्यांकन 150 बिलियन डॉलर से अधिक है, प्रधानमंत्री ने देशके इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और इस दशक के अंततक 6 करोड़ नौकरियों का सृजन करने का एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहाकि यह वृद्धि सीधे तौरपर भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लाभांवित करेगी। उन्होंने कहाकि हमारा लक्ष्य हैकि 100 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक निर्माण भारत में ही हो, भारत सेमीकंडक्टर चिप्स और तैयार उत्पाद दोनों बनाएगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र केवल भारत की चुनौतियों केलिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक चुनौतियों केलिए भी एक समाधान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिज़ाइन केक्षेत्र से एक उपमा का उल्लेख करते हुए ‘सिंगल पॉइंट ऑफ फेलियर’ की बात कही और समझायाकि मुख्यतः सिस्टम की केवल एक घटक पर निर्भरता के कारण डिज़ाइन के छात्रों को इस दोष से बचने केलिए सिखाया जाता है। उन्होंने कहाकि यह सिद्धांत आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भी समान रूपसे लागू होता है, चाहे कोविड हो या युद्ध, कोई भी उद्योग आपूर्ति श्रृंखला के विघटन से अप्रभावित नहीं रहा है। उन्होंने एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के महत्व को रेखांकित करते हुए इस क्षेत्रमें भारत की भूमिका पर गर्व व्यक्त किया, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में लचीलापन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देशको वैश्विक मिशन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूपमें स्थापित किया है। प्रौद्योगिकी और लोकतांत्रिक मूल्यों केबीच संबंध पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जब प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक मूल्यों केसाथ जोड़ा जाता है तो उसकी सकारात्मक शक्ति बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि प्रौद्योगिकी से लोकतांत्रिक मूल्यों को हटाना जल्दी ही नुकसान पहुंचा सकता है। नरेंद्र मोदी ने भारत के ध्यान को दोहराते हुए कहाकि हम ऐसी दुनिया बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो संकट के समय भी कार्यात्मक रहती है, चाहे वह मोबाइल निर्माण हो, इलेक्ट्रॉनिक्स हो या सेमीकंडक्टर हो, हमारा ध्यान स्पष्ट है, हम ऐसी दुनिया बनाना चाहते हैं, जो संकट के समय भी रुकती या ठहरती नहीं, बल्कि आगे बढ़ती रहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने की क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया और इस मिशन में शामिल सभी हिस्सेदारों को अपनी शुभकामनाएं दीं। गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री का सदैव यह दृष्टिकोण रहा हैकि भारत को सेमीकंडक्टर डिज़ाइन, निर्माण और प्रौद्योगिकी विकास केलिए एक वैश्विक केंद्र के रूपमें स्थापित किया जाए। इसी के तहत शेपिंग द सेमीकंडक्टर फ्यूचर विषय पर 11 से 13 सितंबर तक सेमीकॉन इंडिया- 2024 का आयोजन किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय आयोजन है। इसमें वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गजों की शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी हो रही है। यह वैश्विक नेताओं, कंपनियों और सेमीकंडक्टर उद्योग के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा। सम्मेलन में 250 से अधिक प्रदर्शक और 150 वक्ता भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद, सेमी के अध्यक्ष और सीईओ अजित मनोचा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के अध्यक्ष और सीईओ डॉ रंधीर ठाकुर, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर के सीईओ कर्ट सिवर्स, रेनिसास के सीईओ हिदेतोषी शिबाटा और आईएमईसी के सीईओ लुक वान डेन होवे मौजूद थे।