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भारत और अमेरिका के बीच बढ़ी साझेदारी!

अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका का तीन दिवसीय प्रवास

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 22 September 2024 02:38:28 PM

us president gives a warm welcome to modi

विलमिंगटन। संयुक्तराज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में अपने घरपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भारत और अमेरिका साझेदारी को गति देने में राष्ट्रपति जो बाइडेन के असाधारण योगदान की प्रशंसा की। नरेंद्र मोदी ने जून-2023 में अपनी अमेरिका की राजकीय यात्रा और जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन केलिए सितंबर-2023 में राष्ट्रपति जो बाइडेन की भारत यात्रा को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन यात्राओं ने भारत-अमेरिका केबीच साझेदारी को अधिक गतिशीलता एवं गहराई प्रदान की है। उन्होंने कहाकि भारत और अमेरिका आज व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी निभा रहे हैं, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, हितों के सामंजस्य एवं दोनों देशों के लोगों केबीच जीवंत पारस्परिक संबंध हैं और जो मानव प्रयास केसभी क्षेत्रों को कवर करते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने हितों के द्विपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की तथा हिंद प्रशांत क्षेत्र एवं विभिन्न वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया। उन्होंने इस द्विपक्षीय रिश्ते की शक्ति, निरंतर सुदृढ़ता और दोनों देशों केबीच मानव प्रयास के सभी क्षेत्रोंके महत्व केप्रति विश्वास व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित क्वाड कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में ग्रीवा के कैंसर को रोकने, उसका पता लगाने एवं इलाज करने के उद्देश्य से जो बाइडेन की इस विचारशील पहल की बेहद सराहना की। उन्होंने कहाकि यह कार्यक्रम हिंद प्रशांत के देशोंमें लोगों को किफायती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य संबंधी देखभाल प्रदान करने में काफी मदद करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत भी अपने यहां बड़े पैमाने पर ग्रीवा के कैंसर की जांच का कार्यक्रम चला रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशामें भारत के प्रयासों का उल्लेख किया और बतायाकि देश ने ग्रीवा के कैंसर का टीका विकसित कर लिया है और इसके एआई आधारित उपचार प्रोटोकॉल की दिशामें काम कर रहा है।
कैंसर मूनशॉट पहल में भारत के योगदान के रूपमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए हिंद प्रशांत के क्षेत्रमें कैंसर परीक्षण, जांच और निदान केलिए 7.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अनुदान प्रदान करने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने घोषणा कीकि भारत हिंद प्रशांत क्षेत्रमें कैंसर की रोकथाम केलिए रेडियोथेरेपी उपचार और क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहाकि गावी और क्वाड कार्यक्रमों केतहत भारत से टीके की 40 मिलियन खुराक की आपूर्ति से हिंद प्रशांत क्षेत्रके देशों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब क्वाड कार्य करता है तो यह केवल राष्ट्रों केलिए ही नहीं होता है, बल्कि यह लोगों केलिए होता है और यही इसके मानव केंद्रित दृष्टिकोण का असली सार है। भारत डिजिटल स्वास्थ्य से संबंधित विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक पहल में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान से कैंसर की जांच, देखभाल और निरंतरता केलिए डीपीआई पर हिंद प्रशांत क्षेत्रके इच्छुक देशों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। कैंसर मूनशॉट पहल केलिए क्वाड नेताओं ने हिंद प्रशांत क्षेत्रके देशोंमें ग्रीवा के कैंसर की देखभाल और उसके उपचार से जुड़े इकोसिस्टम में अंतराल को पाटने केलिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर एक ‘जॉइंट कैंसर मूनशॉट फैक्ट शीट’ जारी की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्वाड नेताओं के छठे शिखर सम्मेलन में कहाकि क्वाड हिंद प्रशांत क्षेत्रमें शांति, प्रगति और समृद्धि केलिए काम करनेवाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूपमें उभरा है। उन्होंने सम्मेलन की मेजबानी करने और वैश्विक कल्याण केलिए क्वाड को एक संगठन के रूपमें सशक्त बनाने केलिए राष्ट्रपति जो बाइडेन की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता केलिए उनको धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस समय दुनिया तनाव एवं संघर्ष से ग्रस्त है और ऐसी विषम परिस्थितियों में साझा लोकतांत्रिक विचारों तथा मूल्यों केसाथ क्वाड भागीदार देशों का एकसाथ एक मंच पर आना मानवता केलिए महत्वपूर्ण है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि क्वाड संगठन कानून के शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने केलिए अपनी प्रतिबद्धता केसाथ खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानसे और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी मिले एवं बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मजबूत बनाने केलिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हिंद प्रशांत क्षेत्रको स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और समृद्ध बनाना क्वाड देशों का साझा उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने कहाकि क्वाड यहां बने रहने, सहायता पहुंचाने, साझेदारी करने और हिंद प्रशांत देशों के प्रयासों को पूरक बनाने केलिए है। क्वाड संगठन के नेताओं ने कहाकि क्वाड वैश्विक भलाई केलिए एक ताकत के रूपमें उभरकर सामने आया है। इस संबंध में हिंद प्रशांत क्षेत्र और समग्र रूपसे वैश्विक समुदाय की विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने केलिए घोषणाएं की गईं जैसे-क्वाड कैंसर मूनशॉट सर्वाइकल कैंसर से लड़कर हिंद प्रशांत क्षेत्रमें जीवन बचाने केलिए अभूतपूर्व साझेदारी। हिंद प्रशांत क्षेत्रमें प्रशिक्षण केलिए समुद्री पहल (मैत्री) का उद्देश्य हिंद प्रशांत क्षेत्र भागीदार देशोंको आईपीएमडीए और अन्य क्वाड गतिविधियों के माध्यम से प्रदान किएगए उपकरणों का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम बनाना है। पहलीबार अंतर संचालन सहभागिता क्षमता में सुधार और समुद्री सुरक्षा को आगे बढ़ाने केलिए 2025 में क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन। भविष्य की साझेदारी हेतु क्वाड बंदरगाह, जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ और लचीले पत्तन बुनियादी ढांचे के विकास का सहयोग करने केलिए क्वाड की सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा।
हिंद प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के विकास एवं विस्तार केलिए क्वाड सिद्धांत, क्वाड की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन बढ़ाने केलिए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला आकस्मिकता नेटवर्क सहयोग ज्ञापन, हिंद प्रशांत क्षेत्रमें उच्च दक्षता वाली किफायती शीतलन प्रणालियों की तैनाती और विनिर्माण सहित ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्वाड के सामूहिक प्रयास, भारत द्वारा मॉरीशस केलिए अंतरिक्ष आधारित वेबपोर्टल की स्थापना, ताकि मौसम की चरम स्थितियों में होने वाली घटनाओं और जलवायु प्रभाव की अंतरिक्ष आधारित निगरानी के उद्देश्य से मुक्त विज्ञान की अवधारणा को बढ़ावा दिया जा सके। भारत ने क्वाड एसटीईएम फेलोशिप केतहत एक नई उपश्रेणी की घोषणा भी की है, जिसके तहत हिंद प्रशांत क्षेत्रके विद्यार्थियों को भारत सरकार के वित्तपोषित तकनीकी संस्थान में 4 वर्षीय स्नातक स्तरके इंजीनियरिंग कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा जैसी प्रमुख क्वाड देशों की साझा घोषणाएं थीं। क्वाड नेताओं ने वर्ष 2025 में भारत की मेजबानी में अगले क्वाड शिखर सम्मेलन के आयोजन का स्वागत किया है। इस दौरान क्वाड एजेंडे को आगे बढ़ाने केलिए क्वाड विलमिंगटन घोषणापत्र को भी अपनाया गया।

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