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Monday 23 September 2024 12:34:25 PM
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के आयोजित प्रौद्योगिकी गोलमेज सम्मेलन में प्रौद्योगिकी उद्योगजगत के अग्रणी प्रतिनिधियों केसाथ बातचीत की। प्रौद्योगिकी गोलमेज सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान, कंप्यूटिंग, आईटी और संचार एवं सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सीईओ समूह ने प्रधानमंत्री केसाथ वैश्विक स्तरपर विकसित होरहे प्रौद्योगिकी परिदृश्य और कैसे ये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां, भारत सहित दुनियाभर के लोगों की भलाई में योगदान दे रही हैं, इसपर गहन विचार विमर्श किया। सीईओ समूह ने इस बात का भी उल्लेख कियाकि कैसे प्रौद्योगिकी का उपयोग नवाचारों केलिए किया जारहा है, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानव विकास में क्रांति लाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों को एकसाथ लाने केलिए एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और इसके डीन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी सहयोग तथा महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल आईसीईटी जैसे प्रयास भारत और अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के मूलतत्व हैं। उन्होंने कहाकि उनके तीसरे प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने केलिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने वैश्विक कंपनियों को सहयोग और नवाचार केलिए भारत की विकासगाथा का लाभ उठाने केलिए प्रोत्साहित किया और कहाकि वे दुनिया केलिए भारत में सह विकास, सह डिजाइन एवं सह उत्पादन कर सकते हैं तथा भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास से अवसरों का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने केलिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता का आश्वासन भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में विशेष रूपसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, जैव प्रौद्योगिकी और हरित विकास के क्षेत्रमें होरहे आर्थिक परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारत को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें प्रमुख शक्ति बनाने केलिए भारत की बायो ई3 नीति पर भी चर्चा की। एआई पर उन्होंने कहाकि भारत की नीति सभी केलिए एआई को बढ़ावा देना है, जो इसके नैतिक और जिम्मेदार उपयोग पर आधारित है। सीईओ समूह ने भारत केसाथ निवेश और सहयोग करने में अपनी गहरी रुचि व्यक्त की। भारत की नवाचार अनुकूल नीतियों और समृद्ध बाज़ार अवसरों द्वारा संचालित वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूपमें देशकी बढ़ती प्रमुखता को प्रौद्योगिकी जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों से बहुत सराहना मिली। वे इस बातपर सहमत हुएकि स्टार्टअप में निवेश करना, भारत में नई तकनीकों का नवाचार और विकास करने का एक समन्वय आधारित अवसर होगा।
एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के डीन और संस्थान में मुख्य नवाचार और रणनीति अधिकारी प्रोफेसर अनंथा चंद्रकासन ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीईओ को उनकी भागीदारी केलिए धन्यवाद दिया एवं प्रौद्योगिकी को वैश्विक भलाई केलिए सुलभ बनाने केलिए एमआईटी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। गोलमेज सम्मेलन में एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट, एडोब के चेयरमैन और सीईओ शांतनु नारायण, एएमडी की सीईओ लिसा सु, बायोजेन इंक के सीईओ क्रिस विएहबैकर, ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब के सीईओ क्रिस बोर्नर, एली लिली एंड कंपनी के सीईओ डेविड ए रिक्स, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, एचपी इंक के सीईओ एनरिक लोरेस, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, एलएएम रिसर्च के सीईओ टिम आर्चर, मॉडर्ना के अध्यक्ष डॉ नौबर अफयान, वेरिज़ोन के अध्यक्ष और सीईओ हंस वेस्टबर्ग, ग्लोबल फाउंड्रीज के सीईओ थॉमस कौलफील्ड, एनवीडिया के संस्थापक, अध्यक्ष और सीईओ जेन्सन हुआंग और किंड्रिल के सीईओमार्टिन श्रोएटर प्रमुख रूपसे शामिल थे।