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प्रधानमंत्री ने सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए

वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए पुणे दिल्ली कोलकाता में 'परम रुद्र' तैनात

'साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि'

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Friday 27 September 2024 03:18:21 PM

prime minister dedicates supercomputers to the nation

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत वाले तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणाली राष्ट्र को समर्पित कर दी है। उन्होंने कहाकि साइंस और टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत केलिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि का दिन है, 21वीं सदी का भारत साइंस, टेक्नोलॉजी और रिसर्च को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ रहा है और यह दिन इसका प्रतिबिंब है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन केतहत स्वदेशी रूपसे विकसित ये सुपरकंप्यूटर भारत के बहुआयामी वैज्ञानिक विकास को और अधिक समर्थन देंगे। प्रधानमंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान केलिए तैयार एक हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग प्रणाली ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक समुदाय, इंजीनियरों और नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बतायाकि परम रुद्र सुपरकंप्यूटर को वैज्ञानिक अनुसंधान केलिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है। उन्होंने कहाकि ये सुपरकंप्यूटर देशके युवा वैज्ञानिकों को अत्याधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने भौतिकी, पृथ्वी विज्ञान एवं ब्रह्मांड विज्ञान के क्षेत्रमें उन्नत अनुसंधान में सहायता केलिए इनके उपयोग पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि ऐसे क्षेत्रही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य की कल्पना करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसंधान, आर्थिक विकास, राष्ट्र की सामूहिक क्षमता, आपदा प्रबंधन, जीवन में आसानी, कारोबारी सुगमता आदि अवसरों केलिए विज्ञान व प्रौद्योगिकी तथा कंप्यूटिंग क्षमताओं पर प्रत्यक्ष निर्भरता को रेखांकित करते हुए कहाकि डिजिटल क्रांति के युग में कंप्यूटिंग क्षमता राष्ट्रीय क्षमता का पर्याय बन रही है। उन्होंने कहाकि ऐसे उद्योग इंडस्ट्री 4.0 में भारत के विकास का आधार बनते हैं। उन्होंने कहाकि भारत की हिस्सेदारी बिट्स और बाइट्स तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसका टेराबाइट्स और पेटाबाइट्स तक विस्तार होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह अवसर इस बातका प्रमाण हैकि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है और भारत केवल शेष विश्व की क्षमताओं की बराबरी करने से संतुष्ट नहीं रह सकता, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से मानवता की सेवा करना अपना दायित्व समझता है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे ऐतिहासिक अभियानों पर प्रकाश डालते हुए कहाकि भारत का मंत्र है-अनुसंधान से आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भरता केलिए विज्ञान। उन्होंने भारत की भावी पीढ़ियों में वैज्ञानिक सोच को मजबूत करने केलिए स्कूलों में 10000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब बनाने, स्टेम विषयों में शिक्षा केलिए छात्रवृत्ति में वृद्धि और इस वर्षके बजट में 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान कोष काभी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर उद्योगों सहित विभिन्न क्षेत्रोंमें भारत की प्रगति पर कहाकि आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां भारत साहसिक निर्णय नहीं ले रहा है या नई नीतियां पेश नहीं कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अंतरिक्ष क्षेत्रमें एक महत्वपूर्ण ताकत बन गया है, साथही भारत के वैज्ञानिकों ने सीमित संसाधनों केसाथ वही उपलब्धि हासिल की है, जबकि अन्य देशों ने अपनी सफलता पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। नरेंद्र मोदी ने गर्व केसाथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनने की भारत की हालिया उपलब्धि का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि यह उपलब्धि अंतरिक्ष अन्वेषण में देशकी दृढ़ता और नवाचार का प्रमाण है। उन्होंने कहाकि भारत का गगनयान मिशन केवल अंतरिक्ष तक पहुंचने केलिए नहीं है, बल्कि यह हमारे वैज्ञानिक सपनों के असीम ऊंचाइयों तक पहुंचने से जुड़ा है। उन्होंने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना के पहले चरण केलिए सरकार की मंजूरी का भी उल्लेख किया, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत का प्रभाव और बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि सेमीकंडक्टर दुनिया में विकास का एक अनिवार्य तत्व बन गए हैं, इस क्षेत्रको मजबूत करने केलिए 'भारत सेमीकंडक्टर मिशन' के शुभारंभ का उल्लेख किया और कम अवधि में मिले सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि भारत अपना सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बना रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास पर कहाकि सुपर कंप्यूटर से क्वांटम कंप्यूटिंग तक भारत की यात्रा देशके शानदार विजन का परिणाम है। उन्होंने बतायाकि पहले सुपर कंप्यूटर केवल कुछ देशों के डोमेन में थे, लेकिन भारत 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के शुभारंभ केसाथ अब वैश्विकस्तर पर सुपरकंप्यूटर के लीडर्स की क्षमताओं की बराबरी कर रहा है। उन्होंने कहाकि देश क्वांटम कंप्यूटिंग में अग्रणी स्थिति में आरहा है, जहां राष्ट्रीय क्वांटम मिशन इस अत्याधुनिक तकनीक में भारत की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बतायाकि इस उभरती हुई तकनीक से दुनिया को बदलने, आईटी क्षेत्र, विनिर्माण, एमएसएमई और स्टार्टअप में अभूतपूर्व बदलाव होने, नए अवसर पैदा होने और भारत को वैश्विक स्तरपर अग्रणी स्थिति में पहुंचने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विज्ञान का वास्तविक उद्देश्य केवल नवाचार और विकास नहीं, बल्कि आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करना भी है। डिजिटल अर्थव्यवस्था और यूपीआई का उदाहरण देते हुए उन्होंने बतायाकि भारत जहां उच्च तकनीक वाले क्षेत्रोंमें आगे बढ़ रहा है, वहीं यहभी सुनिश्चित कररहा हैकि यह तकनीक ग़रीबों को सशक्त बनाती रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन मौसम’ के बारेमें भी बात की, जिसका उद्देश्य देश को मौसम केलिए तैयार और जलवायु के मामले में स्मार्ट बनाना है। उन्होंने कहाकि हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग सिस्टम और सुपर कंप्यूटर के आनेसे भारत में बेहद स्थानीय स्तरपर मौसम पूर्वानुमान की क्षमता बढ़ेगी और अधिक सटीक पूर्वानुमान लगाना संभव हो सकेगा। प्रधानमंत्री ने बतायाकि दूरदराज के गांवों में सुपर कंप्यूटर से मौसम और मिट्टी का विश्लेषण केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हजारों लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव है। उन्होंने कहाकि सुपर कंप्यूटर यह सुनिश्चित करेंगेकि छोटे से छोटे किसान कोभी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ज्ञान तक पहुंच मिले, जिससे उन्हें अपनी फसलों के बारेमें सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। समुद्र में जानेवाले मछुआरों कोभी लाभ होगा, क्योंकि इन प्रौद्योगिकियों से जोखिम कम होंगे और बीमा योजनाओं के बारेमें जानकारियां मिलेंगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत अब एआई और मशीन लर्निंग से संबंधित मॉडल बनाने में सक्षम होगा, जिससे सभी हितधारकों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने इस बातपर जोर दियाकि सुपर कंप्यूटर बनाने की भारत की क्षमता राष्ट्रीय गौरव का विषय है और इसका लाभ आम नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन तक पहुंचेगा, जिससे भविष्य में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई और मशीन लर्निंग के युग में सुपर कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तुलना 5जी तकनीक और मोबाइल फोन के निर्माण में भारत की सफलता से की, जिसने देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा दिया है और हर नागरिक केलिए तकनीक सुलभ बना दी है। उन्होंने भारत को अपने नवाचारों केसाथ 21वीं सदी की दुनिया में सशक्त बनाने के उद्देश्य के बारेमें बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि मेक इन इंडिया पहल आम नागरिकों को भविष्य की तकनीकी प्रगति केलिए तैयार करेगी, जहां सुपरकंप्यूटर नए शोध को बढ़ावा देंगे और वैश्विक स्तरपर भारत की प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने केलिए नई संभावनाएं खोलेंगे। उन्होंने भरोसा दिलायाकि ये प्रौद्योगिकियां आम लोगों के जीवन में वास्तविक लाभ लाएंगी, जिससे वे बाकी दुनिया केसाथ तालमेल बिठा सकेंगे। प्रधानमंत्री ने इन उपलब्धियों केलिए नागरिकों और राष्ट्र को बधाई दी और युवा शोधकर्ताओं को इन उन्नत सुविधाओं का अधिकतम लाभ उठाने केलिए भी प्रोत्साहित किया, जिससे विज्ञान के क्षेत्रमें नए क्षेत्र खुलेंगे। इस मौके पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, देश की विभिन्न रिसर्च संस्थाओं के निदेशक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, इंजीनियर्स, रिसरचर्स और स्टूडेंट्स भी वर्चुअल रूपसे उपस्थित थे।

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