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Tuesday 1 October 2024 05:03:28 PM
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर जहां इजराइल द्वारा लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह और फिलीस्तीन में वहां के आतंकवादी संगठन हमास के खात्मे की दुनियाभर में चर्चा है, वहीं अमेरिका में बने लड़ाकू विमान f-35 की सफलता और इस जैसे औरभी लड़ाकू विमानों की जोरों पर चर्चा है। F-35 लड़ाकू विमान के प्रदर्शन और सफलता की पूरी दुनिया में चर्चा है। इसके बारे में कहा जा रहा हैकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करता है, वैश्विक भागीदारी को बढ़ाता है और आर्थिक विकास को शक्ति देता है। यह दुनिया का सबसे घातक, टिकाऊ और कनेक्टेड लड़ाकू विमान है, जो पायलटों को किसी भी दुश्मन के खिलाफ बढ़त देता है और उन्हें अपने मिशन को अंजाम देने और सुरक्षित घर लौटने में सक्षम बनाता है।
जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना हैकि इस वक्त इजरायल केलिए सबसे मददगार अमेरिका की लॉकहीडमार्टिनकंपनी के बने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान f-35 साबित हो रहे हैं, जो इसराइल से लगभग 2200 किलोमीटर दूर यमन जाकर वहां तबाही मचाकर वापस इसराइल लौट जा रहे हैं और ये लड़ाकू विमान इतनी ऊंचाई से उड़रहे हैंकि इन्हें रडार पकड़ भी नहीं पा रहा और ये इतना सटीक निशाना लगा रहे हैंकि ये जहां चाह रहे हैं वहीं बम गिर रहा है, जोकि नसरुल्लाह के खात्मे ने साबित भी कर दिया है। इस लड़ाकू विमान की वजह से इसराइल एकसाथ चार-चार देशों पर यानी लेबनान गाजा यमन सीरिया पर ख़तरनाक बमबारी कर रहा है। जितेंद्र प्रताप सिंह का कहना हैकि सोचिए कि जब मोदी सरकार भी 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान राफेल खरीदना चाह रही थी, तब कांग्रेस, वामपंथी इकोसिस्टम और राहुल गांधी ने कितनी प्रॉब्लम खड़ी कर दी थीकि किसी तरह से यह डील न होने पाए और भारत केपास उन्नत लड़ाकू विमान ना आने पाएं, जबकि भारत बहुत पुराने मिग विमान यूज करता था, वहीं पाकिस्तान जैसे देश के पास भी 4.5 पीढ़ी के f-16 प्लेन थे।
एक्स पोस्ट पर जितेंद्र प्रताप सिंह का आगे कहना हैकि चीन केपास भी पांचवीं पीढ़ी के आधुनिक लड़ाकू विमान थे, लेकिन इंडी गठबंधन खासकर राहुल गांधी यह नहीं चाहते थेकि भारत अत्याधुनिक लड़ाकू विमान खरीदे और इसके लिए न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में मुकद्मेबाजी की गई, बल्कि सार्वजनिक रूपसे भी मोदीजी को भ्रष्टाचारी कहने का पाप किया गया। वे कहते हैंकि इनके लोग तो राफेल विमान को इतना बदनाम कर दिए कि यह बहुत खराब विमान है, जबकि राफेल विमान लीबिया की लड़ाई में अपनी क्षमता को दिखा चुका है। कुमार ज्योति रंजन एक्स पर कहते हैंकि इसराइल की तारीफ बहुत नेता कर रहे हैं, लेकिन भारत में ऐसी नीति को अमलीजामा कोई भी दल नही पहनाना चाहता है। बालियान का कहना हैकि इजरायल देश छोटा है पर आतंकवाद पर दुनिया को सीख बड़ी दे रहा है और सिखा रहा है कि इन नरभक्षियों से कैसे लड़ना है। पेजर फटने और हिजबुल्लाह के स्वाह होने पर भारत के आर्मी चीफ जमकर इजराइल की तारीफ़ कर रहे है और कह रहे हैंकि शेल कंपनी बनाकर पेजर ब्लास्ट करना एक मास्टर स्ट्रोक है, ये प्लानिंग एक दिन की नहीं सालो दशकों की है।
रूस के लड़ाकू विमान सुखोई के नए डिजाइन का प्रस्ताव भी काफी चर्चा में है, जिसने अपना यह नया शक्तिशाली लड़ाकू विमान भारत को देने का प्रस्ताव किया है। इसके बारे में कहा गया हैकि यह लड़ाकू विमान न केवल भारत की ताकत बढ़ाएगा, भारत की सुरक्षा साख को और भी ज्यादा मजबूत करेगा। रूस ने कहा है कि वह नए फाइटर जेट सुखोई-57 चेकमेट के पुराने डिजाइन को भूलकर उसके नए डिजाइन पर विचार करने का प्रस्ताव दे रहा है। रूस ने यह भी कहा हैकि अगर भारत को जरूरत पड़ी तो वह उसे एएल-51 एफ-1 इंजन भी देगा, जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंजन है। रूस का कहना है कि वह भारत में ही इस इंजन का उत्पादन करने की पूरी सुविधाएं भी देगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैकि दुनिया से ऐसे प्रस्ताव अब आ रहे हैं, जब दुनिया यह मान रही हैकि भारत में भाजपा नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो निर्णय लेने में देर नहीं करती है। दुनिया ने माना हैकि यह पुराना भारत नहीं है, जो सरहद पर टकराव में सफेद झंडे दिखाने लगा करता था। बहरहाल इस समय युद्ध का सामना करने केलिए भारत अपनी नई रणनीतियों पर काम कर रहा है, जिसके परिणाम जल्दी ही देखने को मिल सकते हैं।
एक्स पर F-35 लड़ाकू विमान केलिए काफी अनुकूल कमेंट आ रहे हैं। कमेंटकर्ताओं की यह भी राय हैकि अपनी नेवी की शक्ति बढ़ाने केलिए भारत को राफेल की नहीं, बल्कि इस समय अमेरिका में निर्मित F-35 लड़ाकू विमानों की जरूरत है। सुना जा रहा हैकि फ्रांस से भारत कुछ और राफेल खरीदने की योजना बना रहा था, लेकिन F-35 लड़ाकू विमान का प्रदर्शन देखकर उसका ध्यान राफेल से हट गया है और उसका झुकाव F-35 लड़ाकू विमान की तरफ हो गया है, जिसने लेबनान में नसरुल्ला के खात्मे सहित और आतंकवादियों को मार गिराने में हवाई हमलों के आक्रमणों में इजरायल को भारी सफलता दिलाई है। अब लगता हैकि भारत भी फ्रांस के राफेल की जगह अमेरिका से F-35 लड़ाकू विमान ख़रीदने जा रहा है। यदि अमेरिका से यह डील होती है तो यह भारतीय सुरक्षा और दुश्मनों पर प्रहार केलिए भारत के पास एक और बड़ी ताकत हो जाएगी।