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खादी कारीगरों की मजदूरी में वृद्धि की गई

गांधी जयंती पर खादी ग्रामोद्योग उत्पादों पर विशेष छूट शुरू

नए भारत की नई खादी का उदय हुआ-केवीआईसी चेयरमैन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 3 October 2024 12:33:35 PM

the rise of the new khadi of the new india

नई दिल्ली। महात्मा गांधी की जयंती पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने देशभर के खादी कारीगरों की मजदूरी में महत्वपूर्ण वृद्धि की घोषणा की है। चरखे पर सूत कातने वाले कारीगरों को उनकी मजदूरी में 25 प्रतिशत वृद्धि, जबकि करघे पर काम करनेवाले बुनकरों को उनकी मजदूरी में 7 प्रतिशत वृद्धि मिलेगी। उन्होंने देशभर में खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट की घोषणा की, जोकि 30 नवंबर तक रहेगी। उन्होंने कहाकि इस दशक में गांधी जयंती पर खादी उत्पादों की बिक्री का नया रिकॉर्ड बना है और खादी तीन साल से 1 करोड़ रुपये की बिक्री आंकड़ा पार कर रही है। उन्होंने बतायाकि वर्ष 2021-22 में 1.01 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 1.34 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 1.52 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है, ये आंकड़े यह रेखांकित करते हैंकि खादी 'वोकल फॉर लोकल' और 'मेड इन इंडिया' आंदोलनों का प्रमुख केंद्र बन गई है, जो नए भारत की नई खादी के उदय का प्रतीक है।
गांधी जयंती पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, जीतनराम मांझी, शोभा करंदलाजे और मनोज कुमार ने खादी भवन दिल्ली में खरीददारी करके खादी पर विशेष छूट अभियान की आधिकारिक शुरुआत की। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खादी के कुर्ते केलिए कपड़ा और ग्रामोद्योग उत्पाद खरीदे और ऑनलाइन भुगतान किया। जेपी नड्डा ने नागरिकों से भी बढ़चढ़कर खादी उत्पाद खरीदने की अपील की। जीतनराम मांझी ने भी लोगों से खादी और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने तथा आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया। केवीआईसी के अध्यक्ष ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी के शब्दों ‘मैं चरखे पर बुने गए हर धागे में ईश्वर को देखता हूं’ को दोहराया। उन्‍होंने कहाकि इस दर्शन को अपनाते हुए केवीआईसी चरखा क्रांति के माध्यम से ग़रीबों के कल्याण का ताना-बाना बुनता आ रहा है।
गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर महात्मा गांधी की जन्मस्थली पोरबंदर में एक समारोह में कताई करने वालों की मजदूरी में 25 प्रतिशत और बुनकरों की मजदूरी में 7 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की गई थी, संशोधित मजदूरी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर लागू कर दी गई है। केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बतायाकि कताई करने वाले जो पहले प्रति हैंक 10 रुपये कमाते थे, अब उन्हें इसके लिए 12.50 रुपये मिलेंगे यानी प्रति हैंक 2.50 रुपये की वृद्धि होगी। उन्होंने कहाकि उनके खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के कार्यकाल में कताई करने वालों और बुनकरों की मजदूरी में दूसरी बार वृद्धि की गई है, इनकी मजदूरी में पिछली बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2023 को हुई थी, तब उनकी मजदूरी प्रति हैंक 7.50 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये प्रति हैंक की गई थी। मनोज कुमार ने खादी क्रांति के माध्यम से बुनकरों और कताई करने वालों के जीवन में आए बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने बतायाकि पिछले वित्तीय वर्ष में खादी क्षेत्र का कारोबार 1.55 लाख करोड़ रुपये को पारकर गया था और इसका लाभ खादी कारीगरों तक पहुंचाने केलिए केवीआईसी ने उनकी मजदूरी बढ़ाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहाकि देशभर में लगभग 3000 पंजीकृत खादी संस्थान हैं, जो लगभग 4.98 लाख खादी कारीगरों को रोज़गार देते हैं, इनमें लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, बढ़ी हुई मजदूरी खादी कारीगरों को आर्थिक रूपसे सशक्त बनाएगी। मनोज कुमार ने कहाकि बीते एक दशक में खादी कारीगरों की मजदूरी में लगभग 213 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो खादी के माध्यम से ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का अनुकरणीय प्रतीक है।

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