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Saturday 5 October 2024 12:48:04 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के सहयोग से आयोजित कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि यह सम्मेलन हरित बदलाव का वित्तपोषण, भू आर्थिक विखंडन एवं विकास केलिए उसके निहितार्थ और दृढ़ता बनाए रखने हेतु नीतिगत कार्रवाई के सिद्धांतों जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि सम्मेलन के तीन दिन कई सत्र होंगे, जहां अर्थव्यवस्था से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं होंगी, जो भारत के विकास को गति देने में मददगार साबित होंगी। प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि सम्मेलन ऐसे समय हो रहा है, जब दुनिया के दो प्रमुख क्षेत्र युद्ध के मैदान में हैं। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा के संदर्भ में वैश्विक अर्थव्यवस्था केलिए इन क्षेत्रों के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने भारत के आत्मविश्वास में वृद्धि का जिक्र करते हुए कहाकि इतनी भीषण वैश्विक अनिश्चितता केबीच हम यहां भारतीय युग के बारेमें चर्चा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत दुनिया की सबसे तेजीसे बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि भारत वैश्विक फिनटेक को अपनाने की दर केसाथ स्मार्टफोन डेटा उपभोग के मामले मेंभी पहले स्थान पर है, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में भारत जहां दुनिया में दूसरे स्थान पर है, वहीं दुनिया का लगभग आधा डिजिटल लेनदेन भारत में हो रहा है। उन्होंने कहाकि भारत केपास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के मामले मेंभी वह चौथे स्थान पर है। मैन्यूफैक्चरिंग के बारेमें प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता तथा दोपहिया वाहनों एवं ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा निर्माता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और भारत केपास दुनिया में वैज्ञानिकों एवं तकनीशियनों का तीसरा सबसे बड़ा समूह है एवं चाहे वह विज्ञान, प्रौद्योगिकी या नवाचार का मामला हो भारत स्पष्ट रूपसे एक बेहतर स्थिति में है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चल रही है और देशको विकास पथ पर आगे बढ़ाने केलिए लगातार निर्णय ले रही है। उन्होंने इसका श्रेय 60 वर्ष केबाद लगातार तीसरीबार एनडीए सरकार के पुनर्निर्वाचन को दिया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि जब लोगों का जीवन अच्छे केलिए बदलता है तो उन्हें देशके सही रास्ते पर आगे बढ़ने का विश्वास होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भावना भारत के लोगों के जनादेश में दिखाई देती है और 140 करोड़ देशवासियों का यह विश्वास एनडीए सरकार की सबसे बड़ी संपदा है। उन्होंने भारत को विकसित बनाने हेतु संरचनात्मक सुधार करने केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीने में किएगए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साहसिक नीतिगत बदलाव, नौकरियों एवं कौशल केप्रति मजबूत प्रतिबद्धता, सतत विकास एवं नवाचार, आधुनिक बुनियादी ढांचे, बेहतर जीवनस्तर और तेज विकास की निरंतरता का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह पहले तीन महीने की हमारी नीतियों का प्रतिबिंब है, इस अवधि के दौरान 15 ट्रिलियन या 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहाकि भारत में बुनियादी ढांचे की कई वृहद परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है, जिसमें देशमें 12 औद्योगिक नोड्स का निर्माण और तीन करोड़ नए घरों के निर्माण की मंजूरी शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की समावेशी भावना भारत की विकास गाथा का एक उल्लेखनीय कारक है। उन्होंने कहाकि पहले यह माना जाता थाकि विकास केसाथ असमानता बढ़ती है, लेकिन इसके विपरीत यानि भारत में विकास केसाथ समावेश भी बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसके परिणामस्वरूप बीते दशक में 25 करोड़ या 250 मिलियन लोग ग़रीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहाकि भारत की तीव्र प्रगति केसाथ सरकार यहभी सुनिश्चित कररही हैकि असमानता कम हो और विकास का लाभ सभी तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहाकि सभी संस्थानों चाहे वह विश्व बैंक हो, आईएमएफ हो या मूडीज हो ने भारत से संबंधित अपने पूर्वानुमानों को बेहतर किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये सभी संस्थान कहरहे हैंकि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत सात से अधिक की दर से विकास करना जारी रखेगा, हालांकि हम भारतीयों को पूरा भरोसा हैकि भारत इससे भी बेहतर प्रदर्शन करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि विनिर्माण हो या सेवाक्षेत्र आज दुनिया भारत को निवेश केलिए पसंदीदा देश मान रही है। उन्होंने कहाकि यह महज संयोग नहीं है, बल्कि 10 वर्ष में किएगए बड़े सुधारों का परिणाम है, जिसने भारत के व्यापक आर्थिक मूलभूत घटकों को बदल दिया है। उन्होंने कहाकि भारत के बैंकिंग सुधारों ने न केवल बैंकों की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि उनकी ऋण देने की क्षमता में भी वृद्धि की है, इसी तरह जीएसटी ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत किया है, जबकि दिवाला एवं दिवालियापन संहिता ने जिम्मेदारी, वसूली और समाधान की नई ऋण संस्कृति विकसित की है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने निजी कंपनियों और भारत के युवा उद्यमियों केलिए खनन, रक्षा, अंतरिक्ष जैसे कई क्षेत्रोंको खोल दिया है। उन्होंने कहाकि सरकार ने वैश्विक निवेशकों केलिए पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करने के क्रम में एफडीआई नीति को भी उदार बनाया है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि सरकार लॉजिस्टिक्स लागत और समय को कम करने केलिए आधुनिक अवसंरचना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, पिछले दशक में अवसंरचना क्षेत्र केलिए निवेश में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने 'प्रक्रिया सुधारों' को सरकार की सतत गतिविधियों का हिस्सा बनाया है, सरकार ने 40,000 से अधिक अनुपालनों को समाप्त कर दिया है और कंपनी अधिनियम को अपराधमुक्त कर दिया है। उन्होंने दर्जनों प्रावधानों में सुधार का उदाहरण दिया, जो व्यापार को मुश्किल बनाते थे तथा कंपनी शुरू करने और बंद करने की मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाने केलिए राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत की गई है। उन्होंने राज्य सरकारों को राज्य स्तरपर 'प्रक्रिया सुधारों' में तेजी लाने केलिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने लगभग 1.25 ट्रिलियन या 1.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश के बारेमें बताया, जिससे लगभग 11 ट्रिलियन या 11 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ और बिक्री हुई। उन्होंने कहाकि भारत के अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रको हालही में खोला गया है, अंतरिक्ष क्षेत्रमें 200 से अधिक स्टार्टअप हैं, जबकि भारत के कुल रक्षा विनिर्माण योगदान का 20 प्रतिशत अब निजी रक्षा कंपनियों से आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 10 साल पहले तक भारत अधिकांश मोबाइल फोन का बड़ा आयातक था, जबकि आज देशमें 33 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन का निर्माण किया जारहा है। उन्होंने कहाकि भारत के सभी क्षेत्रोंमें निवेशकों केलिए अपने निवेश पर उच्चआय अर्जित करने के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेमीकंडक्टर जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों पर भारी निवेश कर रही है, भारत का एआई मिशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्रमें अनुसंधान और कौशल दोनों को बढ़ाएगा। इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के बारेमें नरेंद्र मोदी ने बतायाकि 1.5 ट्रिलियन रुपये या डेढ़ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और बहुत जल्द भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट दुनिया के हर कोने में मेड इन इंडिया चिप्स पहुंचाना शुरू कर देंगे। प्रधानमंत्री ने भारत के दुनिया में सबसे बड़ी बौद्धिक शक्ति के स्त्रोत के रूपमें उभरने पर जोर दिया और बतायाकि भारत में वर्तमान में 1700 से ज़्यादा वैश्विक क्षमता केंद्र संचालित हैं, जिनमें 2 मिलियन से अधिक उच्चकुशल भारतीय पेशेवर कार्यरत हैं। नरेंद्र मोदी ने शिक्षा, नवाचार, कौशल और अनुसंधान पर भारत के जनसांख्यिकीय लाभ का उपयोग करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हुए प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डाला और बतायाकि पिछले दशक में हर हफ़्ते एक नया विश्वविद्यालय स्थापित किया गया और हरदिन दो नए कॉलेज खोले गए हैं। उन्होंने कहाकि 10 वर्ष में हमारे देशमें मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार न केवल शैक्षणिक संस्थानों की संख्या बढ़ा रही है, बल्कि गुणवत्ता के स्तर कोभी बेहतर कर रही है। उन्होंने कहाकि इस अवधि में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की संख्या तीन गुना हो गई है, जो शैक्षणिक उत्कृष्टता पर देशके बढ़ते जोर को प्रदर्शित करता है। उन्होंने इसवर्ष के बजट में करोड़ों युवाओं केलिए कौशल और इंटर्नशिप केलिए एक विशेष पैकेज का भी उल्लेख किया, जिसके तहत एक करोड़ युवा भारतीयों को प्रमुख कंपनियों में वास्तविक दुनिया का अनुभव हासिल करने का अवसर मिलेगा और जो 111 कंपनियों के पंजीकरण से उद्योग जगत की उत्साहजनक प्रतिक्रिया का पता चलता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि एक दशक में अनुसंधान परिणाम और पेटेंट में तेजीसे वृद्धि हुई हैं, वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग में भारत की रैंकिंग 81वें से 39वें स्थान पर पहुंच गई है और भारत के अनुसंधान संबंधी इकोसिस्टम को मजबूत करने केलिए एक ट्रिलियन रुपये का अनुसंधान कोष बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज जब पर्यावरण अनुकूल नौकरियों और टिकाऊ भविष्य की बात आती है तो दुनिया भारत की ओर बड़ी उम्मीदों से देखती है। भारत की जी20 अध्यक्षता की सफलता का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन से उभरती हरित परिवर्तन की नई गति का उल्लेख किया और कहाकि इस दौरान वैश्विक जैवईंधन गठबंधन की भारत की पहल की गर्व से घोषणा की गई, जिसे सदस्य देशों से व्यापक समर्थन मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दशक के अंततक 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन उत्पादन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म स्तरपर सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने केलिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उल्लेख किया, जो सरकार की वित्तपोषित एक रूफटॉप सोलर पहल है, जिसमें पहले सेही 13 मिलियन या 1 करोड़ 30 लाख से अधिक परिवार पंजीकृत हैं। उन्होंने कहाकि यह योजना न केवल बड़े पैमाने पर है, बल्कि एक में क्रांतिकारी पहल है, जो हर परिवार को सौर ऊर्जा उत्पादक में बदल रही है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि परिवारों को प्रतिवर्ष औसतन 25000 रुपये बचत होने की उम्मीद है, साथही उत्पादित प्रत्येक तीन किलोवाट सौर ऊर्जा केलिए 50-60 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को रोकने मेंभी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि इससे कुशल युवाओं की एक बड़ी फौज तैयार होगी, जिससे करीब 17 लाख नौकरियां पैदा होंगी और निवेश के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों के महत्व, विशेषज्ञता और अनुभवों का भी उल्लेख किया और उनको सहयोग केलिए धन्यवाद दिया। नरेंद्र मोदी ने इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के अध्यक्ष एनके सिंह और उनकी पूरी टीम को उनके प्रयासों केलिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन भी उपस्थित थीं।