स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 18 October 2024 06:39:57 PM
नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय में सचिव शैलेश कुमार सिंह ने यह कहते हुए महिला उद्यमियों को ऋण देनेवाले बैंकों को पुरस्कार प्रदान किए हैंकि महिलाएं उच्चस्तर की संवेदना, स्वामित्व, प्रतिबद्धता, ईमानदारी, पारदर्शिता प्रदर्शित करती हैं और अपने लक्ष्यों के क्रियांवयन में पर्याप्त समय और ऊर्जा लगाती हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने इस प्रकार महिला नेतृत्व वाली उद्यमिता पर राष्ट्रीय सम्मेलन में महिला उद्यमियों को ऋण देने में बैंकों को शामिल कर महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन दिया है। ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह ने कहाकि महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहित करने और 3 करोड़ लखपति दीदियों के निर्माण के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में बैंक वित्तपोषण की अहम भूमिका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 केलिए महिला स्वयं सहायता समूह बैंक संपर्क में उत्कृष्ट प्रदर्शन केलिए बीस बैंकों को पुरस्कृत किया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय में अपर सचिव चरणजीत सिंह ने बैंकों केसाथ समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। चरणजीत सिंह ने बैंकों को सलाह दीकि वे अपने शाखा अधिकारियों को उनके डिजाइन किए गए विशिष्ट उत्पादों के बारेमें जागरुक करें, ताकि ग्रामीण महिलाओं को शाखा स्तरपर वित्तीय सुविधा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े। ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्मृति शरण ने कहाकि ऐसा इकोसिस्टम बनाने और उसे विकसित करने की आवश्यकता है, जो महिलाओं में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का आत्मविश्वास पैदा करे। उन्होंने बैंकों, नियामकों और अन्य भागीदारों सहित हितधारकों से आग्रह कियाकि वे महिला उद्यमियों के सामने आनेवाली चुनौतियों का समाधान करने केलिए एक मंच तैयार करें। सम्मेलन में ‘वित्तीय समावेशन से आर्थिक समृद्धि तकके मार्ग-विकसित भारत@2047’ पर पैनल चर्चा हुई।
यह अवसर महिला नेतृत्व उद्यमिता सम्मेलन का था, जिसमें बैंकों, आईआईएम कोलकाता, फिनटेक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और आईएफएमआर शोध संगठन के प्रतिष्ठित पैनलिस्टों ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को प्रोत्साहन देने केलिए सक्षम इकोसिस्टम की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन में एसएचजी केलिए जनसमर्थ पोर्टल केसाथ ऑनलाइन एकीकरण का शुभारंभ किया गया। जमाकर्ताओं की शिक्षा और जागरुकता कोष केतहत रिज़र्व बैंक के सहयोग से वित्तीय साक्षरता पहल भी शुरू की गई। सम्मेलन में महिला उद्यमियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें अपने उद्यमों को प्रोत्साहित करने में सहायता केलिए समूह ऋण से व्यक्तिगत ऋण की ओर परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया गया। सम्मेलन में भारतीय रिज़र्व बैंक, नाबार्ड, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राज्य सहकारी बैंक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय, विभाग और सीएसओ भागीदारों ने भाग लिया।