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Monday 21 October 2024 05:05:48 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि कश्मीर में उग्रवाद और उत्तर पूर्व में दशकों से वामपंथी अशांति का माहौल था, लेकिन एक दशक में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कर्तव्यपरायणता से हम इन जगहों पर शांति स्थापित करने में सफल रहे हैं तथापि ड्रोन के खतरों, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, एआई के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाएं भड़काने के षडयंत्र, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी, आतंकवाद जैसी गंभीर चुनौतियां अभीभी हमारे सुरक्षा बलों के सामने खड़ी हैं। अमित शाह ने कहाकि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने वो टिक नहीं सकेंगी। गृहमंत्री पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक नई दिल्ली पर शहीद पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। गृहमंत्री ने पुलिसकर्मियों की कर्तव्यपरायण सेवाओं, बहादुरी और बलिदान को याद किया और कहाकि देश के सिपाही कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथू तक देश एवं उसकी सीमाओं पर दिन-रात, उत्सव, आपदा, भीषण गर्मी, बारिश, शीतलहर में समर्पण केसाथ डटे रहते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि पुलिस स्मारक प्रखर देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान की उत्कंठा का प्रतीक है, आजही केदिन 1959 में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी, इसलिए हम यह दिन पुलिस स्मृति दिवस के रूपमें मनाते हैं। अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार ने यह ऐतिहासिक निर्णय लिया थाकि शहीद पुलिस जवानों के बलिदान के सम्मान में दिल्ली के मध्य में एक पुलिस स्मारक बनाया जाए, जो युवाओं को देश के प्रति समर्पण और बलिदान की प्रेरणा देता रहेगा देशवासियों को ये स्मरण कराता रहेगाकि वे सुरक्षित हैं तो इसके पीछे हज़ारों जवानों का सर्वोच्च बलिदान है। उन्होंने उल्लेख कियाकि 36,468 पुलिसकर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और एक साल में 216 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य पर अपने प्राण न्योछावर किए हैं। अमित शाह ने कहाकि देश इन जवानों का सदैव ऋणी रहेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश की सुरक्षा में पुलिसबलों के सर्वोच्च बलिदान का एक गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने कहाकि हिमालय की बर्फीली दुर्गम चोटियों से कच्छ-बाड़मेर के विषम मरुस्थलों और विशाल सागर की निर्भीक होकर रक्षा करने वाले वीर जवानों से ही देश सुरक्षित है। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 में पूर्ण विकसित भारत के स्वप्न को पूरा करने केलिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहाकि देश की संसद में पारित 3 नए आपराधिक कानूनों पर देशके सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अमल शुरू हो चुका है, इनपर पूरी तरह अमल होने केबाद देशकी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी, देशके किसीभी कोने में दर्ज हुए अपराध में सुप्रीम कोर्ट तक, तीन साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहाकि न्याय में देरी से निजात दिलाने का रास्ता इन नए कानूनों के क्रियांवयन में मौजूद है।
अमित शाह ने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार में पुलिसकर्मियों के कल्याण केलिए कई योजनाएं चल रही हैं, आयुष्मान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के माध्यम से 41 लाख से अधिक कार्ड वितरित कर लगभग 1422 करोड़ रूपए के 13 लाख दावों का निपटारा किया जा चुका है। गृहमंत्री ने कहाकि पुलिस हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है, वर्ष 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13000 घरों और 113 बैरक के निर्माण को मंज़ूरी दी गई थी, जिनमें से मार्च 2024 तक 11276 घरों और 111 बैरक का निर्माण पूरा हो चुका है, सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल से खाली पड़े घरों को भी आवंटित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना पुलिसकर्मियों के बच्चों केलिए आशीर्वाद साबित हुई है, इसके साथही सीएपीएफ कर्मियों के आश्रितों केलिए एमबीबीएस में 26 और बीडीएस में 3 सीटें भी आरक्षित की गई हैं। उन्होंने कहाकि केंद्रीय अनुग्रह राशि को बढ़ाकर एकमुश्त मुआवज़ा देने से सुरक्षाबलों के परिजनों को काफी राहत मिली है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि पुलिसकर्मी विशेषकर केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवान कानून व्यवस्था और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा भी कई अन्य काम करते हैं। उन्होंने कहाकि 2019 से 2024 तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों ने लगभग 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और वे अपने बच्चे की तरह उन पौधों की देखभाल कर रहे हैं। अमित शाह ने कहाकि सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमांत ज़िलों में भारत सरकार और राज्य सरकारों की योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। गृहमंत्री ने कहाकि देश केलिए प्राणों की आहुति देनेवाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया है। उन्होंने कहाकि 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में गृह राज्यमंत्री संजय कुमार, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, निदेशक आसूचना ब्यूरो तपन कुमार डेका, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी, परिजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। गौरतलब हैकि पुलिस स्मृति दिवस पर शहीद पुलिस जवानों की याद में देशव्यापी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।