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Wednesday 23 October 2024 04:29:56 PM
कजान (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के शानदार आयोजन केलिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रशंसा करते हुए खुशी व्यक्त कीकि वे दोनों राजनेता पहलीबार विस्तारित ब्रिक्स परिवार के रूपमें मिल रहे हैं। उन्होंने ब्रिक्स परिवार के नए सदस्यों और साथियों का भी हार्दिक स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ब्रिक्स बैठक एक ऐसे समय में हो रही है, जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है, विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है। उन्होंने कहाकि महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, ऊर्जा सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, वाटर सिक्योरिटी सभी देशों केलिए प्राथमिकता के विषय हैं और टेक्नोलॉजी के युग में साइबर सिक्यूरिटी, डीप फेक, गलत सूचना गंभीर चुनौतियां बन गई हैं, ऐसे में ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उनका मानना हैकि एक विविध एवं समावेशी प्लेटफॉर्म के रूपमें ब्रिक्स सभी विषयों पर सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है, इस संदर्भ में हमे लोगों पर केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिएकि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं, जनहितकारी समूह है, हम युद्ध नहीं, डायलॉग और डिप्लोमेसी का समर्थन करते हैं और जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को परास्त किया है, उसी तरह हम भावी पीढ़ी के सुरक्षित, सशक्त और समृद्ध भविष्य केलिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने केलिए हम सभीको एकमत होकर दृढ़ता से सहयोग देना होगा, ऐसे गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड केलिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए और हमारे देशों के युवाओं में कट्टरता को रोकने केलिए हमें सक्रिय रूपसे कदम उठाने चाहिएं। उन्होंने कहाकि यूएन में अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक अभिसमय के लंबित मुद्दे पर हमें मिलकर काम करना होगा, उसी तरह साइबर सिक्यूरिटी, सुरक्षित और संरक्षित एआई केलिए ग्लोबल नियमों केलिए काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत नए देशों का ब्रिक्स साझेदार देश के रूपमें स्वागत करता है, इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से होने चाहिएं और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य के विचारों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहाकि जोहानेसबर्ग समिट में जो गाइडिंग प्रिंसिपल्स, मानक, मापदंड और प्रक्रियाओं को हमने अपनाया था, उनका पालन सभी सदस्य और पार्टनर देशों को करना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ब्रिक्स ऐसा संगठन है, जो समयानुसार खुदको बदलने की इच्छाशक्ति रखता है, हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए वैश्विक संस्थाओं में सुधार केलिए एकमत होकर आवाज़ उठानी चाहिए। उन्होंने कहाकि हमें संयुक्तराष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक्स, डब्ल्यूटीओ जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार केलिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहाकि ब्रिक्स के प्रयासों को बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिएकि इसकी छवि ऐसी न बनेकि हम ग्लोबल संस्थाओं में सुधार नहीं, बल्कि उन्हें प्रतिस्थापित करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए, वैश्विक दक्षिण की आवाज़ शिखर सम्मेलन और अपनी जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने इन देशों की आवाज़ को वैश्विक मंच पर रखा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ब्रिक्स के अंतर्गत भी इन प्रयासों को बल मिल रहा है, पिछले वर्ष अफ्रीका के देशों को ब्रिक्स से जोड़ा गया, इस वर्ष भी रूस ने अनेक ग्लोबल साउथ के देशों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहाकि विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशामें बढ़ने केलिए प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहाकि हमारी विविधता, एकदूसरे के प्रति सम्मान और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा हमारे सहयोग का आधार हैं, हमारी यह गुणवत्ता और ‘ब्रिक्स स्प्रिट’ अन्य देशों कोभी इस फोरम की ओर आकर्षित कररही है। प्रधानमंत्री ने विश्वास जतायाकि आनेवाले समय मेंभी हमसब मिलकर इस यूनिक प्लेटफार्म को संवाद, सहयोग और समन्वय का उदाहरण बनाएंगे और इस संदर्भ में ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य के रूपमें भारत अपने दायित्वों का हमेशा निर्वाहन करता रहेगा।