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Thursday 24 October 2024 01:31:41 PM
कजान (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय बैठक में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों पर दोनों देशों की सेनाओं के पूर्ण रूपसे पीछे हटने और 2020 में उभरी समस्याओं के समाधान केलिए हाल के समझौते का स्वागत करते हुए कहाकि भारत-चीन सीमाओं पर बीते चार वर्ष में उत्पन्न हुए मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत है। उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत में कहाकि सीमाओं पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए, आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतभेदों एवं विवादों को उपयुक्त ढंग से सुलझाने और उन्हें शांति एवं सद्भाव को बाधित नहीं करने देने के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बातपर सहमत हुएकि भारत-चीन सीमाओं के प्रश्न से संबंधित विशेष प्रतिनिधि सीमावर्ती क्षेत्रोंमें शांति प्रक्रिया की निगरानी करने और सीमा संबंधी प्रश्न का निष्पक्ष, उचित एवं पारस्परिक रूपसे स्वीकार्य समाधान तलाशने केलिए शीघ्र मिलेंगे। दोनों राजनेताओं ने कहाकि द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर एवं फिरसे मजबूत करने हेतु विदेश मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के स्तरपर प्रासंगिक संवाद तंत्र का भी सदुपयोग किया जाएगा। गौरतलब हैकि भारत और चीन दो बड़ी जनसंख्या वाले देश हैं, जो आपस में बाज़ार-कारोबार का एक बड़ा हिस्सा साझा करते हैं और आर्थिक रूपसे दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव का काफी फर्क पड़ता है। भारत के कई पर्वती राज्यों की सीमाएं चीन की सीमाओं से मिलती हैं, जिस कारण बीते कई वर्ष से चीन द्वारा भारतीय सीमा के भीतर घुसपैठ एवं कब्जे को लेकर विवाद चर्चा में है और जो मुख्य रूपसे दोनों देशों के मध्य संबंधों के बिगड़ने का कारण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बातकी पुष्टि की हैकि दो पड़ोसी और दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूपमें भारत और चीन केबीच स्थिर अनुकूल एवं सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति एवं समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। दोनों राजनेताओं ने कहाकि इन प्रयासों का बहुध्रुवीय एशिया और बहुध्रुवीय विश्व की दिशामें भी उल्लेखनीय योगदान होगा। दोनों राजनेताओं ने रणनीतिक एवं दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने, रणनीतिक संवाद बढ़ाने और विकास संबंधी चुनौतियों का समाधान करने हेतु सहयोग की संभावनाओं को तलाशने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।