स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 29 October 2024 12:45:33 PM
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने अंतर्राष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों केलिए इस्तेमाल किए जानेवाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोगकर बनाए गए उन गैर कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉंड्रिंग में लिप्त हैं। गुजरात पुलिस (FIR संख्या-0113/2024) और आंध्र प्रदेश पुलिस (FIR संख्या-310/2024) की हालही में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला हैकि अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों ने ‘mule’ या किसी औरके खातों का संचालनकर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं। मनी लॉंड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉंड्रिंग यानी काले धन को वैध करने केलिए किया जाता है।
गृह मंत्रालय सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण केलिए हरसंभव कदम उठा रहा है। राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के विश्लेषण के अनुसार जिन बिंदुओं की पहचान की गई है, वे हैं-चालू खाते और बचत खाते सोशल मीडिया खासकर Telegram और Facebook के माध्यम से खोजे जाते हैं, ये खाते shell कंपनियों/ एंटरप्राइज या व्यक्तियों के होते हैं। इन mule खातों को विदेशों से संचालित किया जाता है। फिर इन mule खातों का उपयोगकर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, offshore सट्टेबाजी और जुए से जुडी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है। जैसेही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है और इसके लिए बैंकों की Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।
राष्ट्रव्यापी छापेमारी अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि हैं। ऐसा माना जा रहा हैकि ये गेटवे, मनी लॉंड्रिंग को एक सेवा के रूपमें उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिक संचालित करते हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने नागरिकों को सलाह दी हैकि वे अपने बैंक खाते, कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र या उद्यम आधार पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि केलिए गिरफ़्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने केलिए जांच कर सकते हैं, जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने केलिए किया जाता है। नागरिक किसीभी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर CyberDost चैनल या अकाउंट को फ़ॉलो करें।