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Monday 8 July 2013 10:36:14 AM
बीजिंग। रक्षा मंत्री एके एंटनी और चीन के नेताओं के बीच बातचीत के बाद पेइचिंग में संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया है। वक्तव्य के अनुसार सेना मुख्यालयों, कमान/सैन्य क्षेत्रों और फील्ड टुकड़ियों के वरिष्ठ सैन्य कमांडर नियमित रूप से एक दूसरे के यहां यात्राएं करेंगे जो आपसी सहमति से तय किए गए कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी। वार्ता को प्रोत्साहित करने और विश्वास एवं सहयोग सुदृढ़ करने के लिए सीमावर्ती सैन्य शिष्टमंडल एक दूसरे के यहां यात्राएं करेंगे। सीमावर्ती सैन्यकर्मियों की बैठकों की आवृत्ति बढ़ाई जाएगी और ये बैठकें अतिरिक्त स्थानों पर आयोजित करने के बारे में आपसी विचार विमर्श से निर्णय किया जाएगा। दोनों देशों की नौसेनाएं जहाजों की यात्राएं बढ़ाएंगी, संयुक्त समुद्री अनुसंधान और बचाव अभ्यास संचालित करने तथा समुद्री डकैती रोकने के अभियानों में सहयोग करने पर विचार करेंगी।
दोनों देशों की वायु सेनाएं उच्च स्तरीय यात्राओं को अंजाम देंगी और व्यवहारिक आदान प्रदान का विस्तार करेंगी। वे उड़ान सुरक्षा, विमानन मेडिसिन और प्रशिक्षण जैसे आपसी हित के विषयों पर ध्यान केंद्रित करेंगी। सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों के बीच भी प्रशिक्षकों और विद्यार्थियों के स्तर पर आदान प्रदान बढ़ाया जाएगा। सशस्त्र सेनाओं के युवा अधिकारियों के बीच जागरुकता और समझ बूझ बढ़ाने के लिए वार्षिक आधार पर यात्राओं का आयोजन किया जाएगा और आदान प्रदान बढ़ाया जाएगा। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चीन के रक्षा मंत्री को 2014 में अपनी सुविधा के अनुसार भारत आने का निमंत्रण दिया। चीनी रक्षा मंत्री ने भारत यात्रा का निमंत्रण स्वीकार किया। एंटनी ने पीपल्स रिपब्लिक आफ चीन के रक्षा मंत्रालय द्वारा उच्च स्तरीय शिष्टमंडल की यात्रा के दौरान किए गए आतिथ्य सरकार के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
भारत के रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चीन के रक्षामंत्री जनरल चांग वानक्वान के निमंत्रण पर 4-7 जुलाई 2013 की अवधि में चीन की यात्रा की। उन्होंने चांग वानक्वान के साथ बातचीत की और चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग से भी भेंट की। दोनों रक्षा मंत्रियों ने सद्भाव और मैत्रीपूर्ण वातावरण में प्रतिरक्षा एवं सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श किया। उन्होंने यह संकल्प दोहराया कि शांति और खुशहाली के लिए भारत-चीन सामरिक और सहयोग भागीदारी में रक्षा संबंधी आदान प्रदान एक महत्वपूर्ण पहलू है। दोनों नेताओं ने महसूस किया कि सीमा पर शांति और स्थिरता आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण गारंटी है। उन्होंने दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और समझ बूझ बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शांति और स्थिरता बनाए रखने के बारे में किए गए समझौतों और प्रोटोकोलों की कार्य प्रणाली की समीक्षा की और निर्देश दिया कि इस बारे में सहयोग और मजबूत किया जाएगा। इस बात को समझते हुए कि सीमा पर रक्षा सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है, दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच सीमा रक्षा सहयोग समझौता करने के बारे में जारी बातचीत को शीघ्र किसी निष्कर्ष पर पहुंचाने पर सहमति व्यक्त की।
मंत्रियों ने पहले से जारी और प्रस्तावित द्विपक्षीय आदान प्रदान पर विचार किया और चीन में 2013 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच आतंकवाद विरोधी संयुक्त अभ्यास का स्वागत किया। उन्होंने भारत और चीन के बीच निम्नांकित आदान प्रदानों और यात्राओं के बारे में भी सहमति व्यक्त की। दोनों मंत्रियों ने पहले से जारी और प्रस्तावित द्विपक्षीय आदान प्रदान पर विचार किया और चीन में 2013 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच आतंकवाद विरोधी संयुक्त अभ्यास का स्वागत किया। उन्होंने भारत और चीन के बीच आदान प्रदानों और यात्राओं के बारे में भी सहमति व्यक्त की।