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राष्ट्रपति ने विक्रांत से देखी नौसैनिक ताकत

'समुद्री हितों की रक्षा व नौसेना को मजबूत करना जारी रखें'

गोवा में आईएनएस विक्रांत पर समुद्र में एक दिन कार्यक्रम

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 November 2024 03:03:19 PM

president saw naval power from vikrant

पणजी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज ‘समुद्र में एक दिन’ कार्यक्रम केतहत गोवा में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर मिग 29के के उड़ान भरने और उतरने, युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास और पनडुब्बी संचालन सहित कई नौसेना अभियानों को देखा, सराहा और अपनी सेना पर गर्व व्यक्त किया। राष्ट्रपति को इस मौके पर भारतीय नौसेना की भूमिका और चार्टर तथा परिचालन की अवधारणा के बारेमें जानकारी दी गई। उन्होंने आईएनएस विक्रांत के चालक दल से भी बातचीत की। बेड़े पर नौसैनिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि भारत का कई हज़ार वर्ष का समृद्ध समुद्री इतिहास है, यह एक अनुकूल समुद्री भूगोल से भी संपन्न है। उन्होंने कहाकि 7500 किलोमीटर से अधिक लंबी तटरेखा केसाथ भारत का समुद्री भूगोल आर्थिक विकास, क्षेत्रीय परिवहन संपर्क और रणनीतिक प्रभाव केलिए कई अवसर प्रस्तुत करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमारे पास विशाल समुद्री क्षमता है, जिसका हमें विकसित राष्ट्र बनने की अपनी यात्रा में लाभ उठाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि वैश्विक भू-राजनीतिक और सुरक्षा वातावरण में चल रहे उतार-चढ़ाव, विशेष रूपसे समुद्री क्षेत्र में यह मांग करते हैंकि हम इस क्षेत्र और इससे परे अपने राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ाने केलिए अपनी नौसेना शक्ति को मजबूत करना जारी रखें। उन्होंने कहाकि भारतीय नौसेना की तत्परता और दृढ़ प्रतिबद्धता के माध्यम से भारत ने हिंद महासागर क्षेत्रमें एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहाकि नौसेना में आईएनएस विक्रांत के शामिल होने और परिचालन से भारत की दूसरी परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिघात के शामिल होने से और अग्रिम पंक्ति के उन्नत युद्धपोतों एवं अत्याधुनिक नौसैनिक अवसंरचना को जोड़ने से भारत की समुद्री शक्ति में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। उन्होंने कहाकि इन उपलब्धियों ने भारत की एक मजबूत क्षेत्रीय शक्ति के रूपमें स्थिति को मजबूती दी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को यह जानकर खुशी हुईकि भारतीय नौसेना ने युद्धपोत पर अपनी पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर की नियुक्ति कर दी है। उन्होंने कहाकि सभी रैंकों और भूमिकाओं में महिलाओं को शामिल करने से आगे बढ़कर भारतीय नौसेना ने महिला समुद्री योद्धाओं की पूरी लड़ाकू क्षमता का लाभ उठाने केलिए सक्रिय कदम उठाए हैं, यहभी तय किया हैकि महिलाएं भी नौसेना के विमानों को उड़ाएंगी। भारतीय नौसेना ने अपनी पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट की भी नियुक्ति की है। उन्होंने कहाकि ये उपलब्धियां भारतीय नौसेना के लैंगिक समावेश को बढ़ावा देने के प्रयासों में उल्लेखनीय हैं। राष्ट्रपति 7 नवंबर को गोवा में नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस हंसा पर पहुंची थीं, जहां नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल संजय जे सिंह ने उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के गोवा आगमन पर नौसेना के 150 जवानों की एक औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' परेड आयोजित की गई। इसके बाद राष्ट्रपति गोवा के समुद्र में स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर सवार हुईं, जिसमें भारतीय नौसेना के 15 अग्रणी युद्धपोत और पनडुब्बियां शामिल हैं। यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का समुद्र में भारतीय नौसेना के जहाजों का पहला दौरा था। राष्ट्रपति ने कई नौसेना अभियानों को देखा, जिसमें डेक आधारित लड़ाकू विमानों का उड़ान भरना और जमीन पर उतरना, युद्धपोत से मिसाइल फायरिंग अभ्यास, पनडुब्बी संचालन, 30 से अधिक विमानों का फ्लाईपास्ट और युद्धपोतों के पारंपरिक स्टीम पास्ट केसाथ समापन आकर्षक था।

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