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बिहार के साथ पूरा भारत विकास का साक्षी-पीएम

दरभंगा में करोड़ों की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन

'डबल इंजन सरकार बिहार में तीव्र गति से विकास के लिए प्रतिबद्ध है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 13 November 2024 05:49:29 PM

foundation stone and inauguration of development projects worth crores in darbhanga

दरभंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दरभंगा में लगभग 12100 करोड़ रुपये लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इन विकास परियोजनाओं में स्वास्थ्य, रेल, सड़क, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि पड़ोसी राज्य झारखंड में मतदान प्रक्रिया जारी है और राज्य के लोग विकसित भारत केलिए मतदान कर रहे हैं। उन्होंने झारखंडवासियों से बड़ी संख्या में आगे आकर मतदान करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने मशहूर लोकगायिका शारदा सिन्हा को भी श्रद्धांजलि दी और संगीत के क्षेत्रमें उनके अतुलनीय योगदान खासकर छठ महापर्व की उनकी रचनाओं की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार केसाथ-साथ पूरा भारत प्रमुख विकास लक्ष्यों की प्रगति का साक्षी बन रहा है। उन्होंने कहाकि पहले योजनाएं और परियोजनाएं सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहती थीं, लेकिन आज उन्हें सफलतापूर्वक वास्तविक रूपसे लागू किया जारहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम विकसित भारत की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं, हमारी वर्तमान पीढ़ी भाग्यशाली हैकि उसे विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में योगदान देने केसाथ इस अवसर का साक्षी बनने का भी मौका मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के कल्याण और राष्ट्र की सेवा केप्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए सड़क, रेल और गैस आधारभूत ढांचा क्षेत्रों में लगभग 12000 करोड़ रुपये की आजकी विकास परियोजनाओं का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि दरभंगा में एम्स के सपने को साकार करने की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्रमें बड़ा बदलाव लाएगा, इससे पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों के अलावा मिथिला, कोसी और तिरहुत के क्षेत्रों कोभी लाभ मिलेगा। इसके साथही नेपाल से भारत आनेवाले मरीजों को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहाकि इन विकास परियोजनाओं से रोज़गार और स्वरोज़गार के कई नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की आबादी में सबसे ज़्यादा ग़रीब और मध्यम वर्ग के लोग हैं, बीमारियों से सबसे ज़्यादा प्रभावित यही वर्ग होते हैं, जिसके कारण उन्हें इलाज पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वह इस बात को अच्छी तरह जानते हैंकि अगर परिवार में कोई बीमार हो जाए तो पूरा परिवार कितना परेशान हो जाता है। उन्होंने कहाकि पहले अस्पतालों और डॉक्टरों की कमी, महंगी दवाइयों, नैदानिक तथा शोध केंद्रों की कमी से चिकित्सा आधारभूत ढांचे की स्थिति बहुत खराब थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और गरीबों की परेशानियों की वजह से देश की प्रगति रुक गई थी, इसलिए पुरानी सोच और दृष्टिकोण को बदला गया है।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य के संबंध में सरकार के समग्र दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहाकि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्रमें अपना ध्यान केंद्रित कर रही है, सरकार का पहला ध्यान बीमारियों से बचाव है, दूसरा बीमारी का उचित निदान, तीसरा मुफ्त या कम लागत वाले उपचार और दवाओं की उपलब्धता, चौथा छोटे शहरों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं से लैस करना और पांचवां स्वास्थ्य क्षेत्रमें प्रौद्योगिकी का विस्तार करना है। नरेंद्र मोदी ने योग, आयुर्वेद, पोषण मूल्य, फिट इंडिया अभियान पर सरकार की सोच का जिक्र किया और जंक फूड तथा खराब जीवनशैली को आम बीमारियों का मुख्य कारण बताया। उन्होंने देश की प्रगति और स्वास्थ्य क्षेत्रमें सरकार के प्रयासों और स्वच्छ भारत, हरघर में शौचालय और नल के पानी के कनेक्शन जैसे अभियानों का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य स्वच्छता को बढ़ावा देना और बीमारियों की आशंकाओं को कम करना है। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिन से दरभंगा में स्वच्छता अभियान चलाने और इसको मजबूत करने केलिए मुख्य सचिव, उनकी टीम और राज्य के लोगों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस अभियान को कुछ और दिन केलिए बढ़ाने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अगर समय रहते पता चल जाए तो कई बीमारियों की गंभीरता को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि निदान और शोध में होनेवाले अधिक खर्च से लोगों को बीमारी की प्रकृति और गंभीरता के बारेमें पता नहीं चल पाता था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने देश में 1.5 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर शुरू किए हैं, जिससे बीमारियों का जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आयुष्मान भारत योजना केतहत अबतक 4 करोड़ से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है और अगर यह योजना नहीं होती तो कई बीमार लोग अस्पताल में भर्ती होने से भी वंचित रह जाते। उन्होंने कहाकि आयुष्मान भारत योजना के कारण ग़रीब लोगों की चिंताएं दूर हुई हैं, क्योंकि आयुष्मान योजना के कारण करोड़ों परिवारों ने करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं, इस योजना केतहत मरीजों का सरकारी और निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज किया गया है। पहले किए गए चुनाव प्रचार के दौरान आयुष्मान भारत योजना के दायरे में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को शामिल करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह गारंटी पूरी हो गई है, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों केलिए नि:शुल्क उपचार पहले ही शुरू हो चुका है, चाहे उनका आर्थिक स्तर कुछ भी हो। उन्होंने कहाकि सभी लाभार्थियों के पास जल्दही आयुष्मान वय वंदना कार्ड होगा। उन्होंने जन औषधि केंद्रों काभी जिक्र किया, जो बेहद कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराते हैं। नरेंद्र मोदी ने भारत में बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दिशा में छोटे शहरों में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं और डॉक्टरों की समुचित तैनाती करने के चौथे कदम का जिक्र करते हुए कहाकि आजादी के 60 साल बादभी देशभर में केवल एक एम्स था और पिछली सरकारों के दौरान नए एम्स स्थापित करने की योजना पूरी नहीं हुई। उन्होंने बतायाकि यह वर्तमान सरकार ही है, जिसने न केवल बीमारियों पर ध्यान दिया, बल्कि देश के सभी कोनों में नए एम्स भी स्थापित किए, जिससे इनकी कुल संख्या लगभग 24 हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि इन 10 वर्ष में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हुई है, जिससे अधिक डॉक्टर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि दरभंगा एम्स बिहार और राष्ट्र की सेवा केलिए कई नए चिकित्सक तैयार करेगा। प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में उच्च शिक्षा दिए जाने का जिक्र करते हुए कहाकि यह कर्पूरी ठाकुर के सपनों केप्रति उनकी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि 10 वर्ष में 1 लाख नई मेडिकल सीटें बढ़ाई गई हैं और अगले 5 वर्ष में 75000 और सीटें बढ़ाने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहाकि हिंदी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में चिकित्सा की पढ़ाई का विकल्प भी बनाया गया है। नरेंद्र मोदी ने कैंसर से लड़ने के सरकार के प्रयासों पर कहाकि मुजफ्फरपुर में बनाए जारहे कैंसर अस्पताल से बिहार के कैंसर रोगियों को लाभ मिलेगा, यह एकही सुविधा विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मदद मिलेगी और रोगियों को दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने बिहार में जल्दही नए नेत्र अस्पताल की उपलब्धता की घोषणा करते हुए कहाकि उन्होंने कांची कामकोटि श्रीशंकराचार्य से बिहार में एक नेत्र अस्पताल केलिए अनुरोध किया था। हालही में वाराणसी में शंकर नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया गया था और इस दिशा में काम प्रगति पर है। प्रधानमंत्री ने सुशासन का मॉडल विकसित करने केलिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहाकि डबल इंजन सरकार बिहार में तीव्र गति से विकास केलिए प्रतिबद्ध है और छोटे किसानों और उद्योगों को मज़बूत करने की योजना पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार की पहचान बुनियादी ढांचे के विकास, हवाई अड्डों और एक्सप्रेसवे से बढ़ रही है और दरभंगा में एक नए हवाई अड्डे के विकास का श्रेय उड़ान योजना को दिया। उन्होंने कहाकि विकास का यह महायज्ञ बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है, जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि बिहार में किसानों, मखाना उत्पादकों और मत्स्य पालन क्षेत्रों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जानकारी दीकि बिहार के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि केतहत 25000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें मिथिला के किसान भी शामिल हैं। उन्होंने मखाना उत्पादकों की प्रगति केलिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना को श्रेय देते हुए कहाकि मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहाकि मखानों को जीआई टैग भी मिला है। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने वाले मछली पालकों का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दियाकि सरकार का लक्ष्य भारत को दुनिया में एक बड़े मछली निर्यातक देश के रूपमें विकसित करना है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार कोसी और मिथिला में हर वर्ष आनेवाली बाढ़ से लोगों को राहत पहुंचाने केलिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इस साल के वार्षिक बजट में बिहार में बाढ़ से निपटने केलिए एक व्यापक योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने विश्वास जतायाकि नेपाल के सहयोग से बाढ़ की समस्या का समाधान खोज लिया जाएगा और इससे जुड़े 11000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य जारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बिहार भारत की विरासत का सबसे बड़ा केंद्र है, इस विरासत को संजोकर रखना हम सभीकी जिम्मेदारी है, इसलिए सरकार विकास भी, विरासत भी के मंत्र का पालन कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नालंदा विश्वविद्यालय अपनी खोई हुई लोकप्रियता को पुनः प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भाषाओं के संरक्षण पर कहाकि भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और बिहार के गौरवशाली अतीत को व्यक्त करने वाली पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहाकि यह वर्तमान सरकार ही थी, जिसने मैथिली भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया। उन्होंने कहाकि झारखंड में मैथिली को राज्य की दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि दरभंगा देश के उन 12 शहरों में से एक है, जो रामायण सर्किट से जुड़े हैं, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहाकि दरभंगा-सीतामढ़ी-अयोध्या रूट पर अमृत भारत ट्रेन से लोगों को काफी लाभ हुआ है। नरेंद्र मोदी ने दरभंगा एस्टेट के महाराज कामेश्वर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने आजादी से पहले और बादमें महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहाकि कामेश्वर सिंह ने जो सामाजिक कार्य किए थे, वे दरभंगा का गौरव हैं और सभी केलिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहाकि उनके अच्छे कार्यों की चर्चा अक्सर काशी में भी होती है। प्रधानमंत्री ने लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने केलिए राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए एकबार फिर उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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