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Saturday 16 November 2024 11:21:54 AM
नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग ने जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने केलिए बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमुई बिहार में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस स्मारक डाक टिकट को जारी किया। ज्ञातव्य हैकि 15 नवंबर 1875 को बिहार, वर्तमान झारखंड के उलिहातु में जन्मे बिरसा मुंडा ने 1899 से 1900 तक ऐतिहासिक उलगुलान महान विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसमें आदिवासी भूमि को पुनः प्राप्त करने और औपनिवेशिक उत्पीड़न का विरोध करने केलिए उन्होंने हजारों लोगों को एकजुट किया था।
बिरसा मुंडा का मुंडा राज केलिए समर्थन शोषण से मुक्त एक न्यायपूर्ण और स्वशासित समाज के उनके सपने का प्रतीक थी। वे 25 वर्ष की आयु में ही इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे, लेकिन उनका साहस और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति का उनका संदेश पूरे देशमें समुदायों को आजभी प्रेरित करता है। शंख सामंत के डिजाइन किएगए स्मारक डाक टिकट में भगवान बिरसा मुंडा का एक शक्तिशाली चित्रण है, जिसकी पृष्ठभूमि में उन्हें अपने अनुयायियों को संबोधित करते हुए दिखाया गया है। बिरसा मुंडा की दृढ़ अभिव्यक्ति आदिवासी एकता, सशक्तिकरण और स्वशासन केलिए उनके अटूट विजन का प्रतीक है। स्मारक डाक टिकट भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के महान योगदान और आदिवासी अधिकारों की रक्षा केलिए उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता केलिए एक कालातीत श्रद्धांजलि है। स्मारक डाक टिकट, फर्स्ट डे कवर और ब्रोशर केसाथ संग्रहणीय वस्तु के रूपमें उपलब्ध है, जो भारत की स्वतंत्रता में भगवान बिरसा मुंडा के अमूल्य योगदान और आदिवासी समुदायों पर उनके स्थायी प्रभाव का जश्न मनाता है।