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Monday 2 December 2024 04:04:24 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि आईआरएस अधिकारी के रूपमें आप 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशामें सुशासन के माध्यम से सहायता दे सकते हैं। उन्होंने जिक्र कियाकि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और आर्थिक विकास के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सकारात्मक योगदान देना सबका दायित्व है। राष्ट्रपति ने कहाकि राजस्व अधिकारियों का योगदान देश के अच्छे व्यावसायिक माहौल केलिए बहुत जरूरी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि व्यवसाय करने में आसानी और आदर्श कर माहौल एकदूसरे पर निर्भर हैं, एक प्रारंभिक कर वातावरण भारत को एक अच्छा निवेश गंतव्य बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहाकि भारतीय राजस्व सेवा अर्थव्यवस्था को एक समान कर प्रणाली और साझा प्रशासनिक मूल्यों के माध्यम से जोड़ती है, यह सेवा देश के कर प्रशासन में एकरूपता को बढ़ावा देती है। उन्होंने उल्लेख कियाकि भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी भारत सरकार, व्यापार और विभिन्न राज्यों के कर प्रशासन केबीच बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी हैं, देशभर में जीएसटी के बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार को प्रभावी ढंग से लागू करके आपने अपनी उत्कृष्ट कार्य कुशलता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि विश्व में बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य में राष्ट्रीय हित का एजेंडा काफी हदतक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से तय होता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि राजस्व सेवा के अधिकारी देश की आर्थिक सीमाओं के संरक्षक हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहाकि उन्हें ईमानदारी और समर्पण केसाथ काम करना होगा, उनकी भूमिका दूसरे देशों केसाथ व्यापार सुगम बनाने के समझौतों में भी महत्वपूर्ण होगी। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय राजस्व सेवा देश को आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण, सामाजिक एवं आर्थिक योजनाओं के संचालन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने जैसे कार्यों केलिए संसाधनों का उपयोग करने में सक्षम बनाती है, यह कार्य राष्ट्र निर्माण में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहाकि प्रशासक के रूपमें अपनी भूमिका संपन्न करने केलिए उन्हें ऐसी प्रणालियां और प्रक्रियाएं विकसित करने की ज़रूरत है, जो पारदर्शी हों और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करें।
राष्ट्रपति ने कहाकि इस नए और गतिशील युग में कर संग्रह में कम हस्तक्षेप और प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग करने का प्रयास किया जाना चाहिए, कर प्रशासन के क्षेत्रमें नए विचार और नए समाधान प्रस्तुत करने का उत्तरदायित्व युवा अधिकारियों पर है। उन्होंने इस मौके पर आईआरएस प्रशिक्षु अधिकारियों में भूटान की शाही सरकार के कार्यकारी अधिकारियों से भी परिचय प्राप्त किया और सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को उनके करियर और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों को परामर्श दियाकि वे यह याद रखेंकि कराधान केवल देश के राजस्व को बढ़ाने का साधन नहीं है, यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास केलिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि राष्ट्र के नागरिकों के दिए गए कर का उपयोग देश और लोगों के विकास केलिए किया जाता है, इसलिए यदि वे अपना काम लगन और निष्ठा से करेंगे तो देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान दे पाएंगे।