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नरेंद्र मोदी ने की भजनलाल सरकार की तारीफ

जयपुर में राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट शिखर सम्मेलन

राजस्थान के विकास को मिल रही नई ऊंचाइयां-प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 10 December 2024 01:27:10 PM

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जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाबी नगरी जयपुर में राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश शिखर सम्मेलन-2024 और राजस्थान वैश्विक व्यापार एक्सपो का उद्घाटन किया और कहाकि भारत में कारोबारी माहौल से दुनियाभर के व्यापारिक विशेषज्ञ और निवेशक उत्साहित हैं। उन्होंने कहाकि परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और रिफॉर्म के मंत्र से भारत में प्रगति हर क्षेत्रमें दिख रही है। उन्होंने राजस्थान की सफलता में शामिल उद्योग और व्यापार जगत के दिग्गजों, निवेशकों और प्रतिनिधियों को बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले एक दशक में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, इस दशक में भारत की अर्थव्यवस्था और निर्यात लगभग दोगुना हो गया है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है और आधारभूत संरचना परिव्यय लगभग 2 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 11 ट्रिलियन पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की सफलता लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, डिजिटल डाटा और वितरण की शक्ति को दर्शाती है, भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में लोकतंत्र की सफलता और सशक्तिकरण स्वयं एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारतीय दर्शन का मूल मानव कल्याण है, भारत का मूल चरित्र ही यही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों द्वारा अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रयोग से भारत में एक स्थिर सरकार सुनिश्चित करने की सराहना की। नरेंद्र मोदी ने भारत की प्राचीन परंपराओं को बढ़ावा देने की युवा शक्ति की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि आगामी वर्ष में भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा, साथही युवाओं की सर्वाधिक संख्या होने केसाथ ही भारत में सबसे विशाल कौशलयुक्त युवा समूह भी होगा। उन्होंने कहाकि सरकार इस दिशामें कई सकारात्मक कदम उठा रही है, युवा शक्ति ने हमारी ताकत में एक और आयाम जोड़ दिया है, यह नया आयाम भारत की तकनीकी और डाटा शक्ति है। दुनिया के हर क्षेत्रमें प्रौद्योगिकी और डाटा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहाकि यह सदी तकनीक और डाटा से चालित है। उन्होंने कहाकि भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या में लगभग चार गुना बढ़ोतरी हुई है, डिजिटल लेनदेन में भी नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने दिखा दिया हैकि डिजिटल तकनीक के लोकतंत्रीकरण से हर क्षेत्र और समुदाय को कैसे लाभ मिल रहा है, यूपीआई, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स जैसी भारत की विभिन्न डिजिटल पहल का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जो डिजिटल परितंत्र की शक्ति दर्शाते हैं, इनका व्यापक प्रभाव राजस्थान में भी साफतौर पर दिख रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि राज्य के विकास सेही देश का विकास होता है और राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा तो देशभी विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगा। राजस्थान को क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य बताते हुए उन्होंने राजस्थान के लोगों की उदारता, कड़ी मेहनत, ईमानदारी, कठिनतम लक्ष्य प्राप्त करने की इच्छाशक्ति, राष्ट्र प्रथम में उनका विश्वास और देश केलिए कुछकर गुजरने की प्रेरणा की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश की स्वतंत्रता केबाद की सरकारों की प्राथमिकता न तो देश का विकास था और न ही देशकी विरासत को संभालना, इसीका खामियाजा राजस्थान को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहाकि उनकी सरकार विकास केसाथ ही विरासत संरक्षित रखने के मंत्र पर काम कररही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राजस्थान चुनौतियों का सामना करने और नए अवसर सृजित करने का दूसरा नाम है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी पूरी टीम की सराहना की, जिन्होंने कम समय में ही बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहाकि कल्याणकारी उपायों में लगी राज्य सरकार कुछही दिन में अपना पहला वर्ष पूरा करने जा रही है, विभिन्न क्षेत्रोंमें कल्याणकारी उपायों तथा राजस्थान के तीव्र विकास केलिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कुशलता और प्रतिबद्धता की सराहना की, जिनमें ग़रीबों और किसानों के कल्याण, युवाओं केलिए नए अवसर सृजित करने तथा सड़क, बिजली, पानी की बेहतर उपलब्धता जैसे विकासकार्य शामिल हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अपराध और भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में सरकार की तत्परता से लोगों और निवेशकों में नया उत्साह उत्पन्न हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राजस्थान की वास्तविक क्षमता का पूर्ण उपयोग बहुत जरूरी है, राजस्थान में प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है, समृद्ध विरासत केसाथ आधुनिक सड़क संपर्क का जाल, बड़ा भूभाग और अत्यधिक कार्यकुशल युवा शक्ति है। उन्होंने कहाकि राजस्थान में सड़कों से रेलवे तक, आतिथ्य से हस्तशिल्प तक, खेतों से किलों तक बहुतकुछ है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि राजस्थान की यह क्षमता राज्य को निवेश का बेहद आकर्षक गंतव्य बनाती है, इसी कारण अब यहां रेतीले टीलों में भी फलों से लदे पेड़ हैं और जैतून और जट्रोफा की खेती का चलन बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जयपुर के मिट्टी के नीले बर्तन और वस्तुएं, प्रतापगढ़ की थेवा ज्वैलरी और भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग की अलग ही शान है, जबकि मकराना संगमरमर पत्थर और कोटा डोरिया पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं, नागौर की पान मेथी की खुशबू भी अनूठी है। उन्होंने कहाकि राज्य सरकार हर जिले की उत्पादन और निर्माण क्षमता की पहचान का काम कर रही है। उन्होंने कहाकि राजस्थान में देश के खनिज भंडार जैसे-जस्ता, सीसा, तांबा, संगमरमर, चूना पत्थर, ग्रेनाइट, पोटाश का बड़ा हिस्सा मौजूद है, ये सभी खनिज भंडार आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव हैं, राजस्थान भारत की ऊर्जा सुरक्षा में भी बड़ा योगदान दे रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने इस दशक के अंततक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें राजस्थान बड़ी भूमिका निभा रहा है, भारत के कई सबसे बड़े सौर पार्क यहीं बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बतायाकि राजस्थान को अर्थव्यवस्था के दो बड़े केंद्रों दिल्ली और मुंबई से जोड़ा गया है। महाराष्ट्र और गुजरात के बंदरगाहों को उत्तरी भारत से जोड़े जाने का उल्लेख करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का 250 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में है, जिससे अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों को बहुत लाभ होगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह गलियारा जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर और अलवर जिलों से होकर गुजरता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह विशेष रूपसे शुष्क बंदरगाहों और प्रचालन तंत्र क्षेत्रमें विपुल संभावनाओं केसाथ निवेश का उत्कृष्ट गंतव्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार यहां मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, लगभग दो दर्जन क्षेत्र-विशिष्ट औद्योगिक पार्क विकसित कर रही है, साथही यहां दो एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं, इससे राजस्थान में उद्योग स्थापित करना सुगम हो जाएगा और औद्योगिक संपर्क में और अधिक सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने भारत के समृद्ध भविष्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि भारत में प्रकृति, संस्कृति, रोमांच, सम्मेलन, गंतव्य विवाह और विरासत पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहाकि राजस्थान भारत के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र है, जहां इतिहास, विरासत, विशाल रेगिस्तान और विविध संगीत और व्यंजनों केसाथ सुंदर झीलें हैं, जो पर्यटन और आतिथ्यसत्कार की आवश्यकताएं पूरा करती हैं। उन्होंने कहाकि राजस्थान दुनिया के उन विशेष स्थानों में शामिल है, जहां लोग विवाह और जीवन के अमनोल क्षणों को यादगार बनाने केलिए आना चाहते हैं, राजस्थान में वन्यजीव पर्यटन की भी बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने रणथंभौर, सरिस्का, मुकुंदरा हिल्स, केवलादेव और ऐसे कई स्थानों का उल्लेख किया दिया, जो वन्यजीव प्रेमियों केलिए उपहार हैं। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि राजस्थान सरकार अपने पर्यटन स्थलों और विरासत केंद्रों को बेहतर मार्ग संपर्क से जोड़ रही है, केंद्र सरकार ने भी अलग-अलग थीम सर्किट से जुड़ी कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने बतायाकि वर्ष 2014 से 2024 केबीच तीन-चार साल कोविड प्रभावित रहनेके बावजूद 7 करोड़ से अधिक विदेशी सैलानी भारत आए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कई देशों के पर्यटकों को भारत में ई-वीजा सुविधा दिए जानेसे विदेशी मेहमानों को काफी सुगमता हुई है। भारत में घरेलू पर्यटन के नए कीर्तिमान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि उड़ान योजना, वंदे भारत ट्रेन, प्रसाद योजना, वाइब्रेंट विलेज जैसी योजनाओं से राजस्थान को फायदा हुआ है। नरेंद्र मोदी ने लोगों से भारत में शादी करने का आग्रह किया, जिससे राजस्थान को भी लाभ होगा। उन्होंने कहाकि राजस्थान में हेरिटेज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म, इकोटूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, बॉर्डर एरिया टूरिज्म के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने निवेशकों का आह्वान कियाकि इन क्षेत्रों में उनके निवेश से राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र को बल मिलेगा और उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया को एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है, जो महासंकट के दौरान भी निर्बाध और कुशलता से काम करे। उन्होंने कहाकि इसके लिए भारत में एक बड़ा विनिर्माण आधार होना आवश्यक है, जो केवल भारत ही नही वैश्विक अर्थव्यवस्था केलिए भी जरूरी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने इस दायित्व को समझते हुए विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहाकि भारत मेक इन इंडिया कार्यक्रम में कम लागत वाले विनिर्माण पर जोर दे रहा है, भारत के पेट्रोलियम उत्पाद, औषधि और टीके, इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुएं और अन्य वस्तुओं के रिकॉर्ड विनिर्माण से वैश्विकस्तर पर लोगों को अत्यंत फायदा हुआ है। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष राजस्थान से लगभग चौरासी हजार करोड़ रुपये का निर्यात हुआ है, जिनमें इंजीनियरिंग साजो-सामान, रत्न-आभूषण, वस्त्र, हस्तशिल्प तथा कृषि खाद्य उत्पाद शामिल हैं।
भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देने में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की निरंतर बढ़ती भूमिका पर प्रधानमंत्री ने कहाकि इससे इलेक्ट्रॉनिकी, स्पेशलिटी स्टील, वाहन और इसके कलपुर्जे, सौर ऊर्जा-फ़ोटोवॉल्टिक तकनीक, औषधि निर्माण के क्षेत्रोंमें उत्साहवर्धक माहौल बना है। उन्होंने कहाकि राजस्थान ने भी ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट उद्योग केलिए एक अच्छा आधार तैयार कर लिया है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहाकि राजस्थान में इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के विनिर्माण केलिए जरूरी बुनियादी ढांचा भी मौजूद है। नरेंद्र मोदी ने निवेशकों से राजस्थान की विनिर्माण संभावनाओं का निश्चित तौरपर पता लगाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने उभरते राजस्थान को एक बड़ी शक्ति बताते हुए कहाकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम में भी राजस्थान भारत के शीर्ष 5 राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहाकि शिखर सम्मेलन में एमएसएमई पर एक अलग सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है, राजस्थान में 27 लाख से अधिक लघु और सूक्ष्म उद्योग हैं, जिनमें 50 लाख से अधिक लोग लघु उद्योगों में काम करते हैं। उन्होंने कहाकि इन उद्योगों में राजस्थान की किस्मत बदलने की क्षमता है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि राज्य सरकार ने बहुत कम समय में ही एक नई एमएसएमई नीति पेश की है, केंद्र सरकार भी अपनी नीतियों और निर्णयों से एमएसएमई क्षेत्र को लगातार सुदृढ़ बना रही है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने केसाथ ही वैश्विक आपूर्ति-मूल्य श्रृंखलाओं को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने औषधि उत्पादन के क्षेत्रमें अपनी मजबूती के कारण पूरी दुनिया की मदद की। उन्होंने भारत को अन्य उत्पादों के निर्माण का भी प्रमुख केंद्र बनाने का आग्रह किया, इसमें भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम प्रमुख भूमिका निभाएंगे। विकास के अधिक अवसरों केलिए एमएसएमई की परिभाषा को व्यापक अर्थ देने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार ने लगभग 5 करोड़ एमएसएमई को औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ दिया है, जिससे इस क्षेत्रमें ऋण मिलना सुगम हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना भी आरंभ की है, इसके अंतर्गत छोटे उद्योगों को करीब 7 लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहाकि पिछले दशक में एमएसएमई केलिए ऋण दोगुने से भी अधिक हो गया है। उन्होंने कहाकि वर्ष 2014 में यह करीब 10 लाख करोड़ रुपये था, जो आज बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। उन्होंने कहाकि क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना का भी राजस्थान बड़ा लाभार्थी रहा है और एमएसएमई की बढ़ती शक्ति राजस्थान के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगी। शिखर सम्मलेन में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े, भजनलाल सरकार में मंत्री, सांसद, विधायक, उद्योग जगत के दिग्गज और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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