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Friday 3 January 2025 05:09:08 PM
बेंगलुरु। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज बेंगलुरु में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान यानि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (निमहंस) के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने कहाकि हालके दिनों में लोगों केबीच मानसिक स्वास्थ्य के बारेमें जागरुकता बढ़ी है और अब मानसिक बीमारियों से जुड़ी अवैज्ञानिक मान्यताएं, कलंक अतीत की बात हो गई है। उन्होंने कहाकि अतीत में कुछ समाजों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और चिंताओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता था, हालांकि अब ऐसी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित लोगों केलिए मदद लेना आसान हो गया है, यह विशेष रूपसे इस समय एक स्वागत योग्य बदलाव है, क्योंकि दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं महामारी का रूप ले रही हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के बारेमें बढ़ती जागरुकता ने मरीजों केलिए अपनी समस्याओं को खुलकर साझा करना संभव बना दिया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि निमहंस ने कहीं भी और कभीभी परामर्श की सुविधा केलिए टेली मानस और बच्चों तथा किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान केलिए संवाद मंच जैसी कई पहल की हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि रोगियों की असाधारण देखभाल सहित अभिनव अनुसंधान एवं कठोर शैक्षिक पाठ्यक्रम के बल पर निमहंस मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्रमें एक अग्रणी संस्थान बन गया है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि समुदाय आधारित मानसिक स्वास्थ्य सेवा के बेल्लारी मॉडल ने इतिहास रच दिया है, अब टेली मानस प्लेटफॉर्म ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचने केलिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहाकि यह जानकर खुशी होती हैकि देशभर में 53 टेली मानस केंद्रों ने दो वर्ष केदौरान लगभग 17 लाख लोगों को उनकी चुनी हुई भाषा में सेवा प्रदान की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि ऋषियों, संतों से प्राप्त ज्ञान और जीवन के सबक हम सभीको एक आध्यात्मिकता विकसित करने में मदद कर सकते हैं, इसके परिणामस्वरूप हम मन के संतुलन को प्रभावित करने वाले जीवन के उतार-चढ़ाव को समझ सकते हैं। उन्होंने कहाकि हमारे शास्त्र हमें बताते हैंकि दुनिया में हम जो कुछभी देखते हैं, उसके मूल में मन है। उन्होंने मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के कष्टों को दूर करने केलिए योग जैसी पारंपरिक विधियों को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों केसाथ सफलतापूर्वक शामिल करने केलिए निमहंस की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहाकि स्वस्थ मन ही स्वस्थ समाज की आधारशिला है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहाकि ज्ञान और बुद्धि केसाथ-साथ करुणा और दया डॉक्टरों व दूसरे और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों को हर समय, हर परिस्थिति में उच्चतम गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करने में मार्गदर्शन करेगी।