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भगोड़े अपराधियों को पकड़ेगा 'भारतपोल'

अंतर्राष्ट्रीय इंवेस्टिगेशन में भारत का नए युग में प्रवेश-गृहमंत्री

दावा-अपराध करके विदेश भागने वालों को पकड़ना होगा सरल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 8 January 2025 02:16:25 PM

'bharatpol' will catch fugitive criminals

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का BHARATPOL (भारतपोल) पोर्टल शुरू किया है और कहाकि इस पोर्टल पर इंटरनेशनल इंटरपोल के 19 प्रकार के डेटा बेस उपलब्ध होंगे, जो अपराधों का विश्लेषण करने, उन्हें रोकने और अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित होंगे। अमित शाह ने कहाकि BHARATPOL पोर्टल को बहुत विस्तृत एक्सरसाइज़ के बाद बनाया गया है, जिसकी विशेषता हैकि यह अपराध नियंत्रण केलिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों केबीच सीधा और प्रभावी संवाद सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल के जरिए वैश्विक नेटवर्क केसाथ डेटा शेयरिंग, रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने केलिए दूसरे देशों और हमारे अनुरोधों पर हम तेज़ीसे काम कर सकेंगे। अमित शाह ने कहाकि कई साल तक भारत में अपराधकर दुनिया के दूसरे देशों में भाग जानेवाले अपराधी अबतक कानून की पकड़ से बाहर रहे हैं, लेकिन अब समय आ गया हैकि आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोगकर कानून की पहुंच से बाहर रहे अपराधियों को कानून की गिरफ्त में लाया जा सकेगा। अमित शाह ने कहाकि नए आपराधिक कानूनों में अनुपस्थिति में परीक्षण का प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत एक न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चितकर कोर्ट के आदेश केसाथ भगोड़े अपराधियों की अनुपस्थिति में उनपर केस चलाना सरल हो जाएगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि अपराध करके विदेश भागे अपराधियों को भारतीय अदालतों से सज़ा मिलने केबाद उन्हें विदेशों से भारत लाना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों केलिए दुनिया के किसीभी कोने में छिपे अपराधियों को भारतीय न्याय प्रणाली के तहत सज़ा दिलाना बहुत सरल हो जाएगा। उन्होंने कहाकि इस उद्देश्य की प्राप्ति केलिए सीबीआई को BHARATPOL की शुरूआत केसाथ इसकी ट्रेनिंग को नीचे तक पहुंचाने कीभी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए, इससे हमारी व्यवस्थाएं लॉजिकल एंड तक पहुंचेंगी और पारदर्शिता, दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में हमें मदद मिलेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में 35 सीबीआई अधिकारियों को पुलिस पदक भी प्रदान किए, इन्हें विशिष्ट सेवा केलिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और जांच में उत्कृष्टता केलिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। अमित शाह ने कहाकि BHARATPOL की शुरूआत केसाथ भारत अंतर्राष्ट्रीय इंवेस्टिगेशन में एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, इससे भारत की हर एजेंसी और पुलिस फोर्स बहुत सरलता से अपने को इंटरपोल केसाथ कनेक्टकर जांच को गति दे सकेगी। अमित शाह ने कहाकि यह 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प चरितार्थ करने का कालखंड है, ये अमृतकाल है जो भारत केलिए एक स्वर्णिम अवसर है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए हमें अपनी व्यवस्थाओं को अपग्रेड करना होगा और इस दिशा में BHARATPOL एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके 5 प्रमुख मॉड्यूल्स-कनेक्ट, इंटरपोल नोटिस, संदर्भ, प्रसारण और संसाधन के जरिए सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता का एक तकनीकी मंच मिला है। उन्होंने कहाकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब एक प्रकार से इंटरपोल की राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) बन जाएंगी। उन्होंने कहाकि इंटरपोल नोटिस केलिए अनुरोधों का त्वरित, सुरक्षित और संरचित प्रसारण भी इससे सुनिश्चित हो जाएगा, जिससे हम भारत के अपराधियों और दुनियाभर के अपराधियों को भारत में तेज़गति से लोकेट करने की एक वैज्ञानिक व्यवस्था खड़ीकर सकेंगे। अमित शाह ने कहाकि 195 देशों के इंटरपोल संदर्भ के माध्यम से विदेशों में जांच केलिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता लेना-देना बहुत सरल होने जा रहा है। उन्होंने कहाकि 195 देशों से सहायता केलिए अनुरोध हमारे पास प्रसारण के माध्यम से तुरंत उपलब्ध होंगे और संसाधन के माध्यम से हम दस्तावेज़ों और क्षमता निर्माण को प्राप्त करने और भेजने की व्यवस्था खड़ीकर सकेंगे। गृहमंत्री ने कहाकि ड्रग्स स्मगलिंग, हथियारों की स्मगलिंग, मानव तस्करी, सीमापार से होनेवाले आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों में ये नई व्यवस्था बहुत सहायता करेगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि इस प्रकार के अपराधों के बारेमें राज्यों की पुलिस फोर्स को BHARATPOL के नेटवर्क के जरिए 195 देशों की पुलिस केसाथ जानकारी साझाकर उनका सहयोग प्राप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी। अमित शाह ने कहाकि इंटरपोल के सभी नोटिस के बारेमें हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जागरुकता बढ़ाने और इस व्यवस्था को इंस्टीट्यूश्नलाइज़्ड करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहाकि इससे सबसे बड़ा फायदा अंतर्राष्ट्रीय डेटा के उपयोग के संबंध में होगा, जिसके तहत अधिकारियों केलिए 19 प्रकार के इंटरपोल के डेटाबेस हमारे पास एनालिसिस, अपराध रोकने की व्यवस्था खड़ी करने और अपराधियों को पकड़ने केलिए भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहाकि इसके माध्यम से साइबर अपराध की नई चुनौतियों से भी हम बेहतर ढंग और तेज़ गति से निपट सकेंगे, ये पूरी व्यवस्था युगांतरकारी और हमारी जांच को नए आयाम देने में सफल होगी। गौरतलब हैकि भारत में इंटरपोल केलिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) के रूपमें सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देशभर की विभिन्न एजेंसियों केसाथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में मदद करता है। केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के स्तरपर यह समन्वय इंटरपोल संपर्क अधिकारी (आईएलओ) के जरिए किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों में पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तरपर यूनिट अधिकारी (यूओ) से जुड़े होते हैं। वर्तमान में सीबीआई, आईएलओ और यूओ केबीच संचार मुख्य रूपसे पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर है। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक सीबीआई और सचिव डीओपीटी भी उपस्थित थे।

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