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अयोध्या में रामलला के विग्रह की वर्षगांठ!

'कलियुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहि पारा'

मुख्यमंत्री योगी ने श्रीराम के दिव्य विग्रह की आरती उतारी

Saturday 11 January 2025 05:20:44 PM

सुषमा गौतम

सुषमा गौतम

first anniversary of the desecration of ram lalla in ayodhya

अयोध्या। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के बालरूप ‘बालकराम’ के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी पर आज लाखों श्रद्धालु उनके विग्रह के दर्शनार्थ श्रीराम मंदिर अयोध्या पहुंच रहे हैं और आतुर एवं भावविभोर होकर उनके दर्शन और वर्षगांठ का उत्सव मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर श्रीराम के भव्य-दिव्य विग्रह की महाआरती उतारी। योगी आदित्यनाथ केसाथ बड़ी संख्या में दर्शनार्थियों ने श्रीराम का जयघोष किया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का यह तीन दिवसीय उत्सव है, जिसकी अभूतपूर्व छटा देखते ही बन रही है। अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्यतम आयोजन देखा गया था या आज पुन: वैसा ही नजारा दिखा, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला की महाआरती उतारी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुभकामनाओं के साथ अपने उद्गार भेजे। श्रद्धालु और दर्शनार्थी सरयू में श्रीराम की पौड़ी पर डुबकी लगाकर श्रीराम का जयघोष करते हुए श्री हनुमान गढ़ी और श्रीराम मंदिर की ओर बढ़ते रहे और दूसरों को उनके दर्शन का मार्ग प्रशस्त करते रहे।
अयोध्या में आध्यात्म का जोश अपने चरम पर है। संध्या से ही सजावट और प्रकाश की सुंदरता श्रीराम मंदिर और अयोध्या में चारचांद लगा रही है। रामपथ पर जनसैलाब श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम के विग्रह के सामने नतमस्तक होते देख त्रेतायुग के किसी साक्षात चमत्कार से कम नहीं है। इसका वर्णन नहीं किया जा सकता, बल्कि इसे महसूस करने के भाव भी अतृप्त हैं। भगवान श्रीराम के विग्रह का दर्शन करने केलिए मंदिर में दर्शन व्यवस्था और सुरक्षा के अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु जहां प्रयागराज के महाकुंभ में आए हैं, वहीं उनमें से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या के इस आयोजन में पहुंच रहे हैं। उनके लिए यह एक पंथ दो काज से कम नहीं है। सच कहें तो प्रयागराज का महाकुंभ और अयोध्या में ‘बालकराम’ के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली प्रतिष्ठा द्वादशी एक सर्वोत्तम योग और संयोग है। धर्माचार्य कहते हैंकि यह अद्भुत योग है। वह कहते हैंकि वनवास के समय भगवान श्रीराम जब प्रयाग में त्रिवेणी संगम पहुंचे तो उन्होंने अपनी पत्नी देवी सीता, भाई लक्ष्मण और निषादों के राजा एवं मित्र राजा गुहु केसाथ त्रिवेणी के तट पर प्रयाग और त्रिवेणी की महिमा का वृहद गुणगान किया और गंगा जमुना सरस्वती के संगम पहुंचे थे। अयोध्या एवं प्रयाग में आजभी कुछ ऐसाही संयोग सामने आया है, जहां प्रयाग में महाकुंभ एवं अयोध्या में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर दोनों जगह जनसैलाब पुण्य अर्जित करने केलिए जमा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करके अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं और कहा हैकि सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष केबाद बना श्रीराम मंदिर हमारी संस्कृति और आध्यात्म की महान विरासत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर प्रतिष्ठा द्वादशी कार्यक्रम का शुभारंभ किया और एक जनसभा को संबोधित किया। योगी आदित्यनाथ ने कहाकि हिंदू पंचांग के अनुसार आजही केदिन एकवर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच सौ वर्ष का इंतजार समाप्त करते हुए रामलला मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने कहाकि पांच सौ वर्ष के इतिहास की दूरदर्शिता हर श्रीरामभक्त को गौरव का अनुभव करा रही है। योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास महाराज का भी आशीर्वाद प्राप्त किया। साधु-संतों केसाथ भोजन प्रसाद ग्रहण किया। अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव आदि जनप्रतिनिधियों और भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं ने रामकथा पार्क पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ की रामभक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहाकि प्रभु श्रीराम का जीवन मानवता और नैतिकता का अनुपम उदाहरण है, पांच सौ वर्ष की प्रतीक्षा को समाप्त करते हुए मोदीजी ने देश में आध्यात्मिक चेतना का पुनर्जागरण किया है, यह भव्य मंदिर सदियों तक देशवासियों की आस्था और आकांक्षा का प्रतीक बना रहेगा। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान देने वाले सभी महानुभावों का स्मरण किया और कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार सांस्कृतिक विरासतों के पुनरोत्थान की दिशा में समर्पित भाव से कार्य करती रहेगी। अयोध्या में कल संध्या से ही दर्शकों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई थी। कड़ाके की सर्दी का भीड़ पर कोई असर नहीं है। बच्चे-बूढे़, स्त्री पुरूष और जवान माथे पर जय श्रीराम का तिलक लगाए श्रीराम मंदिर पहुंच रहे हैं। श्रीराम मंदिर और हनुमान गढ़ी दोनों ही उनकी गहरी आस्था के स्थल हैं।

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