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Tuesday 14 January 2025 06:43:10 PM
अखनूर (जम्मू)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का मुकुटरत्न बताते हुए कहा हैकि यह पाकिस्तान केलिए विदेशी क्षेत्रसे अधिक कुछ नहीं है। उन्होंने कहाकि पीओके के बिना जम्मू कश्मीर अधूरा है, वहां रहनेवाले लोगों को पाकिस्तान धर्म के नाम पर गुमराह और भारत के खिलाफ भड़काने का प्रयास करता रहता है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान पीओके की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद केलिए कर रहा है, सीमा से सटे इलाकों में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं और लॉंच पैड बनाए गए हैं। उन्होंने कहाकि भारत सरकार इस स्थिति से अच्छी तरह से वाकिफ है, पाकिस्तान को अपने नापाक इरादों पर लगाम लगानी होगी। रक्षामंत्री ने ये बातें जम्मू के अखनूर में टांडा आर्टिलरी ब्रिगेड में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहीं। देशभर में कई स्थानों पर आज नौवां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया गया। पूर्व सैनिकों को उनके नि:स्वार्थ कर्तव्य केलिए सम्मान देने और इनके परिजनों केप्रति एकजुटता को मजबूत करने केलिए जम्मू, मुंबई, नई दिल्ली, पुणे, नागपुर, विशाखापत्तनम, बेंगलुरु, बरेली, जयपुर और सिलीगुड़ी सहित कई स्थानों पर पूर्व सैनिकों की रैलियां और पुष्पांजलि समारोह आयोजित किए गए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों से बातचीत की और सीमा की रक्षा केलिए अदम्य साहस, समर्पण, बलिदान और देशभक्ति केसाथ नि:स्वार्थ सेवा करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों, सेवानिवृत्त और सेवारत दोनों केप्रति आभार व्यक्त किया। रक्षामंत्री ने कहाकि राष्ट्र हमेशा सशस्त्र बलों का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहाकि हर भारतीय वीर सैनिकों केप्रति गहरा सम्मान रखता है और सैनिकों केप्रति यह सम्मान देश के मूल्यों में समाया हुआ है। उन्होंने कहाकि कई इस तरह के दिवस कार्यक्रमों का आयोजन उस सम्मान को दर्शाने का एक तरीका है। राजनाथ सिंह ने अखनूर में ‘वेटरन्स डे’ समारोह को इसबात का प्रमाण बतायाकि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों केबीच की दूरी को पाटने के दृढ़ संकल्प को दोहराया और अनुच्छेद 370 को हटाने को इस दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम बताया। रक्षामंत्री ने कहाकि वर्ष 2025 भारत-पाकिस्तान केबीच 1965 में हुए युद्ध की हीरक जयंती वर्ष है और भारत की जीत सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान का परिणाम थी। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान ने भारत केसाथ हर युद्ध में हार का सामना किया है, चाहे वह 1948 का हमला हो, 1965 का युद्ध हो, 1971 का युद्ध हो या 1999 का कारगिल युद्ध हो।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि पाकिस्तान 1965 सेही भारत में अवैध घुसपैठ और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और उसने जम्मू-कश्मीर में स्थानीय आबादी को प्रभावित किया हुआ है, लेकिन यहांके लोगों ने हमेशा पाकिस्तान के इरादों को खारिज किया है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान अभीभी आतंकवाद का सहारा लेता है, आजभी भारत में घुसपैठ करनेवाले 80 प्रतिशत से अधिक आतंकवादी वहीं से आते हैं। उन्होंने जिक्र कियाकि आतंकवाद तो 1965 में ही समाप्त हो गया होता, अगर तत्कालीन सरकार ने युद्ध के मैदान में प्राप्त रणनीतिक लाभों का उचित तरीके से फायदा उठाया होता। रक्षामंत्री ने कहाकि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने केबाद से जमीनी स्तरपर स्थिति में काफी सुधार हुआ है। रक्षामंत्री ने पूर्व सैनिकों, सेवारत सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण केप्रति नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए आश्वासन दियाकि रक्षा मंत्रालय अपने सैनिकों की भलाई सुनिश्चित करने केलिए हमेशा अपनी क्षमता से अधिक काम करेगा। उन्होंने कहाकि सेवानिवृत्ति केबाद भी सैनिक देश केलिए गौरव का प्रतीक हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय के कदमों का ब्यौरा देते हुए कहाकि सरकार हर कदम पर देश के सैनिकों केसाथ है।
सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम के एक हिस्से के रूपमें राजनाथ सिंह ने 108 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अखनूर हेरिटेज म्यूजियम का उद्घाटन किया। यह संग्रहालय क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को समर्पित है। जम्मू को पुंछ से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-144ए पर यह संग्रहालय क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और विरासत को दर्शाता है। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को मोटराइज्ड व्हीलचेयर, ट्राई स्कूटर, स्कूटर और ऑटो रिक्शा जैसे उपकरण सौंपे गए। कार्यक्रम स्थल पर शिकायत निवारण और जागरुकता केलिए विभिन्न अभिलेख कार्यालयों, रक्षा और सरकारी कल्याण संगठनों, बैंकों और रोज़गार एजेंसियों के 40 से अधिक स्टॉल या सहायता डेस्क स्थापित किए गए थे। कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार, युद्ध में घायल (वार वून्डेड) फाउंडेशन के निदेशक, भारतीय सेना के पूर्व सैनिक निदेशालय के निदेशक, पूर्व सैनिक और विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के प्रतिनिधि और वरिष्ठ सिविल एवं सैन्य अधिकारी शामिल हुए।
रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने मुंबई में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर नौसेना डॉकयार्ड के गौरव स्तंभ (समुद्र में विजय स्मारक) पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद भारतीय नौसेना नाविक संस्थान में तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिकों की रैली आयोजित की गई, जहां रक्षा राज्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों से बातचीत की, इसमें लगभग 400 दिग्गज पूर्व सैनिक मौजूद थे। संजय सेठ ने सैनिकों की ईमानदारी, मूल्यों और अनुशासन की सराहना की, जो देश के लोगों केलिए प्रेरणास्रोत है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पुणे में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह की अध्यक्षता की। वायुसेना प्रमुख, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू और थलसेना व नौसेना के उप प्रमुखों ने नई दिल्ली में समारोह में भाग लिया। गौरतलब हैकि सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को सशस्त्र सेना के प्रथम कमांडर इन चीफ फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा की देश केप्रति की गई सेवा के प्रतीक के तौरपर मनाया जाता है, जो 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे। यह दिवस पहलीबार 2016 में मनाया गया था और तबसे हरवर्ष पूर्व सैनिकों के सम्मान में संवादात्मक कार्यक्रमों की मेजबानी करते हुए इसे मनाया जाता है।