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Wednesday 22 January 2025 03:35:24 PM
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति यूयू ललित ने कहा हैकि विधि शिक्षा अधिवक्ताओं को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय के जटिल मुद्दे सुलझाने केलिए उन्हें सक्षम बनाती है। न्यायमूर्ति यूयू ललित भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के व्यापार और निवेश कानून केंद्र (सीटीआईएल) की सहायता से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक ट्रेडलैब सम्मेलन के पूर्ण सत्र में मुख्य भाषण दे रहे थे। यह सत्र ट्रेडलैब नेटवर्क और डब्ल्यूटीओ चेयर्स प्रोग्राम के सहयोग से 13 और 14 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली में इंडियन हैबिटेट सेंटर के टैमरिंड हॉल में आयोजित हुए दो दिवसीय सम्मेलन का हिस्सा था। यूयू ललित ने इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख किया और सकारात्मक कार्रवाई एवं प्रत्येक बच्चे केलिए मुफ्त अनिवार्य प्राथमिक तथा गुणवत्तायुक्त शिक्षा के मौलिक अधिकार के मुद्दे सामने रखे। उन्होंने भारत के सशक्त सामाजिक, आर्थिक तानेबाने को आकार देने में उदारीकरण नीति के साथ-साथ आर्थिक न्याय के महत्व का भी उल्लेख किया, इसके लिए उन्होंने ट्रेडलैब पहल की सराहना की, जो कानून के विद्यार्थियों को नि:शुल्क आधार पर नैदानिक शिक्षा प्रदान करती है।
उबर टेक्नोलॉजीज के सार्वजनिक नीति प्रमुख संजय चड्ढा भी इस मौके पर मौजूद थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कानून के महत्व पर जोर दिया, जो यह देखता हैकि संप्रभु राष्ट्र, कानूनी और आर्थिक दृष्टिकोणों को एकसाथ मिलाकर व्यापार में किस तरह से मुद्दों को हल करते हैं। संजय चड्ढा ने व्यापार वार्ता में अपने अनुभवों से वास्तविक जीवन के किस्से साझा किए। उन्होंने व्यापार समझौतों को समझने में अंतर और वार्ताकारों को बेहतर ढंग से सुसज्जित करने केलिए बातचीत कौशल एवं कानूनी विशेषज्ञता में अधिक क्षमता निर्माण की आवश्यकता जताई। सम्मेलन का मुख्य विषय था-‘अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश कानून के क्षेत्रमें शिक्षण शिक्षण व नैदानिक कानूनी शिक्षा को आगे बढ़ाना।’ सम्मेलन में कानूनी क्षेत्रके अंतर्गत विभिन्न प्रासंगिक और वर्तमान में न्यायसंगत विषयों पर पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं और ट्रेडलैब कार्यकारी समिति के सदस्यों और अकादमिक पर्यवेक्षकों केलिए विशेष सत्र आयोजित किए गए। सम्मेलन के पहले दिन ट्रेडलैब कार्यकारी समिति के सदस्यों केलिए एक विशेष सीमित सत्र आयोजित हुआ, जिसके बाद ट्रेडलैब इंडिया के अनुभव-साझाकरण सत्र सहित कईऔर खुले सत्र संचालित हुए।
अंतर्राष्ट्रीय कानूनी अभ्यास में नैदानिक कानूनी शिक्षा के दायरे और इसके अवसरों पर सत्र तथा शिक्षण केलिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ उठाने पर अंतिम सत्र भी इस सम्मेलन का हिस्सा था। सम्मेलन के दूसरे दिन पिछले वर्ष एमएनएलयू मुंबई, जीएनएलयू और क्यूएमयूएल लंदन की ट्रेडलैब परियोजनाओं पर तीन पैनल चर्चाएं और तीन छात्र प्रस्तुतियां हुईं, जिसके बाद समापन सत्र हुआ। सम्मेलन ने ट्रेडलैब क्लीनिक के विकास के संबंध में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि का प्रसार किया, जो नवीन दृष्टिकोण को बढ़ावा दे सकता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश कानून में अभूतपूर्व अनुसंधान करने केलिए कानून के विद्यार्थियों केबीच क्षमता विकसित कर सकता है। ट्रेडलैब इंडिया का नेतृत्व सीटीआईएल द्वारा हब और स्पोक मॉडल में कानून के विद्यालयों में ट्रेडलैब क्लीनिक स्थापित करके अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कानून में भारत की क्षमता विकसित करने केलिए किया जाता है। सीटीआईएल ने अबतक लगभग 15 परियोजनाओं का निर्माण किया है और वर्तमान में 6 शीर्ष स्तरीय राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय सीटीआईएल के ट्रेडलैब क्लीनिक चला रहे हैं। सीटीआईएल संचालित ट्रेडलैब इंडिया पहल अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक कानून में कानूनी शिक्षा और अभ्यास की क्षमता निर्माण में सबसे आगे है।
ट्रेडलैब इंडिया ने विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव से सुसज्जित किया है और वैश्विक व्यापार एवं निवेश के मुद्दों केसाथ भारत के भविष्य को आकार देने में योगदान दिया है। ट्रेडलैब की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय कानून के जानकार प्रोफेसर जोस्ट पॉवेलिन एवं प्रोफेसर सर्जियो पुइग ने की थी और 2013 से जेनिफर हिलमैन, प्रोफेसर डेबरा स्टीगर तथा प्रोफेसर वैलेरी ह्यूजेस जैसे प्रसिद्ध चिकित्सकों एवं शिक्षाविदों की इस पहल में शामिल होने केसाथ कार्यक्रम में वैश्विक उपस्थिति दर्ज की गई। ट्रेडलैब को स्विस नागरिक संहिता के तहत स्विट्जरलैंड में एक गैर लाभकारी संस्था के रूपमें शामिल किया गया है। ट्रेडलैब के विद्यार्थियों ने 2023 और 2024 डब्ल्यूटीओ पब्लिक फोरम में सक्रिय रूपसे भाग लिया है। ट्रेडलैब की सदस्यता केवल उन विश्वविद्यालयों या केंद्रों केलिए खुली हुई है, जो ट्रेडलैब नेटवर्क के कानूनी क्लिनिक या उसके व्यावहारिक भाग में शामिल होते हैं या भाग लेना चाहते हैं।