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'सशस्त्र बलों का वित्तीय प्रबंधन और मजबूत हो'

रक्षा लेखा एवं दूरसंचार सेवा के परिवीक्षार्थियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

विकसित भारत में रक्षा लेखा व दूरसंचार सेवा का योगदान महत्वपूर्ण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 January 2025 06:02:57 PM

probationers of defence accounts and telecommunication service meet the president

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के परिवीक्षाधीनों के एक समूह ने आज राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहाकि विकसित भारत यात्रा के परिवर्तनकारी क्षणों में वे अपनी उल्लेखनीय सेवाएं दे रहे हैं, उनके विचार, निर्णय और कार्य राष्ट्र के भविष्य की दिशा को महत्वपूर्ण रूपसे प्रभावित करेंगे। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि वे चुनौतियों का सामना करने में अपने कौशल, विशेषज्ञता और रचनात्मकता का लाभ उठाकर सार्थक प्रभाव डालेंगे। उन्होंने कहाकि उभरती प्रौद्योगिकियों का अभिसरण, तेजीसे सूचना का प्रसार और बदलते वैश्विक परिदृश्य एक जटिल, लेकिन रोमांचक वातावरण प्रस्तुत करते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने परिवीक्षार्थियों से कहाकि भारत के समावेशी विकास और इसे वैश्विक रूपसे अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने परिवीक्षार्थियों को कर्तव्यों का पालन करते समय हमेशा नागरिककेंद्रित दृष्टिकोण अपनाने और बढ़ावा देने की सलाह दी और कहाकि। उन्हें निर्णय लेते समय समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए। भारतीय रक्षा लेखा सेवा के परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि वे हमारे देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, उनकी जिम्मेदारियों में निर्बाध वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करना, जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा देना और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना शामिल होगा। राष्ट्रपति ने परिवीक्षार्थियों से ऑडिटिंग और लेखा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने केलिए अत्याधुनिक तकनीकों और नवीन तरीकों का लाभ उठाने को कहा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि अपने काम को पूरी लगन से करके वे न केवल हमारे सशस्त्र बलों के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करेंगे, बल्कि देश की सुरक्षा और समृद्धि में भी अनुकरणीय योगदान देंगे। भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों से राष्ट्रपति ने कहाकि बीते दो दशक में भारत ने मोबाइल टेलीफोन और हाईस्पीड इंटरनेट नेटवर्क के आगमन से प्रेरित एक परिवर्तनकारी दूरसंचार क्रांति देखी है, जिसने भारत की विशाल डिजिटल क्षमता की संभावनाओं को खोल दिया है। उन्होंने कहाकि दूरसंचार अवसंरचना के जरिए डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाकर आईटीएस अधिकारी नागरिकों को सशक्त बनाने और उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने केलिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके राष्ट्र के समावेशी विकास में मदद कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने दूरसंचार सेवा के अधिकारियों से दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने केलिए दूरसंचार क्षेत्रमें अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

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