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Thursday 23 January 2025 01:33:27 PM
अलाप्पुझा (केरल)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के अलाप्पुझा जिले में विद्याधिराज विद्यापीठम सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया, जो उन 100 नए सैनिक स्कूलों में से एक है, जिन्हें गैर सरकारी संगठनों, संस्थाओं, निजी स्कूलों एवं राज्य सरकार के विद्यालयों केसाथ साझेदारी में क्रमबद्ध तरीके से स्थापित किया जारहा है। इसके अलावा मौजूदा 33 सैनिक स्कूल पहले से ही पूर्ववर्ती पैटर्न के तहत शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। रक्षामंत्री ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए विश्वास व्यक्त कियाकि यह सैनिक स्कूल यहां विद्यार्थियों में अनुशासन, समर्पण, आत्मनियंत्रण और राष्ट्र केप्रति सेवा के मूल्यों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहाकि देशभर में 100 सैनिक स्कूल स्थापित करने का उद्देश्य राष्ट्र के समग्र विकास केलिए बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में और ज्यादा सुधार करना है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि सैनिक स्कूल प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जो सामान्य शिक्षा से भिन्न है, यहां छात्रों को शैक्षणिक एवं शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसका उद्देश्य बच्चों का शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक विकास करना है। उन्होंने कहाकि इस पहल से सशस्त्र बलों में शामिल होनेकी इच्छा रखने वाले लोग आसानी से अपना लक्ष्य हासिल कर लेते हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि इस प्रकार रक्षा एवं शिक्षा का संगम राष्ट्र निर्माण केलिए निर्णायक भूमिका निभाता है। रक्षामंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए प्रत्येक भारतीय से देशके भविष्य को आकार देने, चुनौतियों पर काबू पाने और अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने केलिए एकजुट होनेके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को दोहराया। उन्होंने कहाकि युवा भारत को विकासशील से विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। राजनाथ सिंह ने बतायाकि ऐसा कहा जा रहा हैकि 1 जनवरी 2025 केबाद जन्म लेने वाले बच्चों को 'बीटा जेनरेशन' कहा जाएगा और उनमें नई चीजें तथा नई तकनीक सीखने की क्षमता अधिक होगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि आनेवाले वर्ष में यह स्कूल बच्चों को भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने केलिए एक आधार प्रदान करेगा। रक्षामंत्री ने कहाकि शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल करके और चरित्र निर्माण करके हमारे विद्यार्थी न केवल 21वीं सदी, बल्कि अगली सदी को भी नेतृत्व प्रदान करेंगे। रक्षामंत्री ने उल्लेख कियाकि 'सैनिक' शब्द न केवल योद्धा या युद्ध कला में निपुण होने का प्रतीक है, बल्कि यह इस तथ्य का भी प्रतीक हैकि एक सैनिक में अनुशासन, समर्पण, आत्मनियंत्रण व राष्ट्र केप्रति नि:स्वार्थ सेवा जैसे कई गुण होते हैं। उन्होंने कहाकि स्वामी विवेकानंद, आदि शंकराचार्य, श्रीनारायण गुरु या राजा रवि वर्मा जैसे महान व्यक्तित्वों में यही गुण थे और सैनिक स्कूल समाज विशेषकर युवाओं में इन मूल्यों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि मोदी सरकार एक ऐसे भारत का निर्माण करने के लिए सैनिक स्कूलों की स्थापना कर रही है, जिसका नेतृत्व वे लोग करेंगे, जो अपने पूर्वजों के दिखाए गए रास्ते पर चलेंगे, उनके गुणों को अपनाएंगे और पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन करेंगे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि इस सैनिक स्कूल का नाम महान समाजसुधारक विद्याधिराज चट्टंबी स्वामी के नामपर रखा गया है, जिनके कार्य एवं सामाजिक सुधार केप्रति उत्साह शिक्षा को आत्मप्राप्ति और मातृभूमि की सेवा केलिए एक उपकरण के रूपमें इस्तेमाल करने की प्रेरणा के रूपमें कार्य करते हैं। रक्षामंत्री ने विद्यार्थियों में आधुनिक शिक्षा केसाथ-साथ सही मूल्यों को विकसित करने की दिशामें स्कूल प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की। रक्षामंत्री ने कहाकि सैनिक स्कूल न केवल समाज के सभी वर्गों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि लड़कियों को भी समान अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहाकि हमारी सरकार का मानना हैकि जब सैनिक स्कूल बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं, तो बालिकाओं को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहाकि एक तरफ जहां महिलाओं को सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशन दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सैनिक स्कूल भी बड़ी संख्या में महिलाओं को सेना में शामिल होने केलिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि यह भारत को सशक्त, देशभक्त, गौरवांवित और अनुशासित युवा नागरिकों केसाथ प्रस्तुत करने के हमारे दृष्टिकोण को साकार करेगा, जो संपूर्ण राष्ट्र की संपत्ति हैं। राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता के पथ पर भारत की तीव्र प्रगति का उल्लेख करते हुए कहाकि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग से स्वास्थ्य, संचार, उद्योग, परिवहन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां हासिल की जा रही हैं। रक्षामंत्री ने सरकार के इस प्रयास को भी दोहरायाकि भारत के युवा राष्ट्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करते हुए अपनी आकांक्षाओं के अनुरूप जीवन में आगे बढ़ेंगे।