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ओडिशा में अबतक की सबसे बड़ी बिजनेस समिट

प्रधानमंत्री का निवेशकों से ओडिशा के विकास में निवेश का आह्वान

ओडिशा की प्रगति केलिए मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी की प्रशंसा!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 January 2025 05:26:26 PM

biggest business summit ever held in odisha

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आज समारोहपूर्वक ‘उत्कर्ष ओडिशा मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव-2025’ और मेक इन ओडिशा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि जनवरी 2025 में यह उनकी ओडिशा की दूसरी यात्रा है, उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस-2025 कार्यक्रम के उद्घाटन केलिए अपनी यात्रा को याद किया। ओडिशा में आजतक के सबसे बड़े व्यापार सम्मेलन को देखते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 में लगभग 5-6 गुना अधिक निवेशक भाग ले रहे हैं। उन्होंने इस भव्य कार्यक्रम के आयोजन केलिए ओडिशा के गणमान्य लोगों और सरकार को बधाई भी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि पूर्वी भारत देशके विकास का इंजन है और ओडिशा इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहाकि डेटा से यहभी पता चलता हैकि जब भारत ने वैश्विक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई थी, तब उसमें पूर्वी भारत का योगदान उल्लेखनीय था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पूर्वी भारत में बड़े औद्योगिक केंद्र, बंदरगाह, व्यापार केंद्र हैं और इसमें ओडिशा की भागीदारी उल्लेखनीय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ओडिशा दक्षिण पूर्वी एशियाई व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र हुआ करता था और बंदरगाह भारत का प्रवेश द्वार थे। उन्होंने कहाकि ओडिशा में आजभी बाली यात्रा मनाई जाती है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की हालकी भारत यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रपति के शब्दकि उनके डीएनए में संभवतः ओडिशा के निशान हैं, बहुत सटीक हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ओडिशा एक ऐसी विरासत का जश्न मनाता है, जो इसे दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ती है, ओडिशा ने 21वीं सदी में अपनी शानदार विरासत को पुनर्जीवित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहाकि सिंगापुर के राष्ट्रपति ने हालही में ओडिशा का दौरा किया था और सिंगापुर के ओडिशा केसाथ संबंधों को लेकर बहुत उत्साहित थे। प्रधानमंत्री ने प्रकाश डालाकि आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) देशों ने भी ओडिशा केसाथ व्यापार और पारंपरिक संबंधों को मजबूत करने में रुचि दिखाई है, इस क्षेत्रमें आजादी केबाद से पहले से कहीं अधिक अवसर खुले हैं। उन्होंने उपस्थित निवेशकों से आह्वान कियाकि ओडिशा की विकास यात्रा में निवेश करने का यह सही समय है और आश्वासन दियाकि उनका निवेश सफलता की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब लोगों की ज़रूरतें पूरी होती हैं तो आकांक्षाएं बढ़ती हैं और बीते दशक ने करोड़ों नागरिकों को सशक्त बनाया है, जिससे देश को लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ओडिशा इस आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने ओडिशा को उत्कृष्ट बताया, जो नए भारत में आशावाद और मौलिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहाकि ओडिशा केपास कई अवसर हैं और यहां के लोगों ने हमेशा बेहतर प्रदर्शन करने का जुनून दिखाया है। गुजरात में ओडिशा के लोगों के कौशल, कड़ी मेहनत और ईमानदारी को देखने के अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि ओडिशा में नए अवसर उभरने केसाथ, राज्य जल्दही विकास की अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने ओडिशा के विकास को गति देने के प्रयासों केलिए मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और उनकी टीम की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि ओडिशा खाद्य प्रसंस्करण, पेट्रोकेमिकल्स, बंदरगाह आधारित विकास, मत्स्य पालन, आईटी, एडुटेक, वस्त्र, पर्यटन, खनन और हरित ऊर्जा सहित विभिन्न उद्योगों में भारत के अग्रणी राज्यों में से एक बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशामें तेजीसे आगे बढ़ रहा है और पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहाकि एक दशक में विनिर्माण के क्षेत्रमें भारत की ताकत भी स्पष्ट हो गई है, भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार दो प्रमुख स्तंभों पर टिका है-अभिनव सेवा क्षेत्र और गुणवत्ता वाले उत्पाद। उन्होंने कहाकि देश की तेज प्रगति केवल कच्चे माल के निर्यात पर निर्भर नहीं हो सकती है, इसलिए पूरे इकोसिस्टम को एक नए दृष्टिकोण केसाथ बदला जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि भारत खनिजों को निकालने और उन्हें उत्पाद निर्माण और मूल्य संवर्धन केलिए विदेश भेजने की प्रवृत्ति को बदल रहा है, केवल उन उत्पादों को भारत वापस लाने केलिए। उन्होंने कहाकि इसी तरह अन्य देशों में प्रसंस्करण केलिए समुद्री खाद्य निर्यात करने की प्रवृत्ति को भी बदला जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार यह सुनिश्चित करने केलिए काम कर रही हैकि ओडिशा में संसाधनों से संबंधित उद्योग राज्य के भीतर स्थापित हों और उत्कर्ष ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 इस दृष्टि को साकार करने का एक साधन है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हरित नौकरियों की संभावना भी काफी बढ़ रही है। उन्होंने समय की मांगों और आवश्यकताओं के अनुकूल होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख कियाकि ओडिशा में अपार संभावनाएं हैं और कहाकि देश ने राष्ट्रीय स्तरपर हरित हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा मिशन शुरू किए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ओडिशा में नवीकरणीय ऊर्जा उद्योगों को बढ़ावा देने केलिए महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिए जारहे हैं और हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन केलिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हरित ऊर्जा केसाथ ओडिशा में पेट्रो और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के विस्तार केलिए भी पहल की जा रही है, पारादीप और गोपालपुर में समर्पित औद्योगिक पार्क और निवेश क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं, जो इस क्षेत्रमें महत्वपूर्ण निवेश संभावनाओं को दर्शाता है। नरेंद्र मोदी ने ओडिशा सरकार को राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तेजीसे निर्णय लेने और एक नया इकोसिस्टम विकसित करने केलिए बधाई दी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 21वीं सदी भारत केलिए कनेक्टेड इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का युग है। उन्होंने कहाकि भारत में जिस पैमाने और गति से विशेषीकृत बुनियादी ढांचों का विकास किया जारहा है, वह देश को एक बेहतरीन निवेश गंतव्य बना रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि समर्पित माल ढुलाई गलियारे पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाओं को जोड़ रहे हैं, जिससे समुद्र तक तेजीसे पहुंच उपलब्ध हो रही है। उन्होंने उल्लेख कियाकि देशभर में प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं वाले दर्जनों औद्योगिक शहरों का निर्माण किया जारहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ओडिशा में भी इसी तरहके अवसर बढ़ाए जा रहे हैं और राज्य में रेलवे एवं राजमार्ग नेटवर्क से संबंधित हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहाकि ओडिशा में उद्योगों केलिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने केलिए सरकार बंदरगाहों को औद्योगिक समूहों से जोड़ रही है, मौजूदा बंदरगाहों का विस्तार और नए बंदरगाहों का निर्माण दोनों हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि ओडिशा ब्लू इकोनॉमी के मामले में देश के शीर्ष राज्यों में से एक बनने केलिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत खंडित और आयात आधारित आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने कहाकि वैश्विक उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने केलिए भारत के भीतर एक मजबूत आपूर्ति और मूल्य श्रृंखला बनाई जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डालाकि यह जिम्मेदारी सरकार और उद्योग दोनों की है। नरेंद्र मोदी ने उद्योगों से एमएसएमई और युवा स्टार्टअप का समर्थन करने का आह्वान किया और विकास केलिए अनुसंधान व नवाचार के महत्व पर बल दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योगों को सरकार केसाथ सक्रिय रूपसे भाग लेने और सहयोग करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि एक मजबूत रिसर्च इको-सिस्टम और कुशल युवा कार्यबल सीधे उद्योगों को लाभांवित करेगा। नरेंद्र मोदी ने उद्योग भागीदारों और ओडिशा सरकार से ओडिशा की आकांक्षाओं के अनुरूप आधुनिक इको-सिस्टम केलिए मिलकर काम करने का आग्रह किया, जिससे युवाओं केलिए नए अवसर उपलब्ध हों। उन्होंने कहाकि इससे ओडिशा के भीतर अधिक रोज़गार के अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य में समृद्धि और प्रगति होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनियाभर के लोग भारत को समझने और सीखने केलिए उत्सुक हैं और ओडिशा भारत को समझने केलिए एक बेहतरीन जगह है, जहां हज़ारों साल पुरानी विरासत और इतिहास है। उन्होंने कहाकि यह राज्य आस्था, आध्यात्मिकता, जंगल, पहाड़ और समुद्र का अनूठा मिश्रण पेश करता है। नरेंद्र मोदी ने ओडिशा को विकास और विरासत का मॉडल बताया और कहाकि ओडिशा में जी-20 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और कोणार्क सूर्य मंदिर के चक्र को मुख्य कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। उन्होंने ओडिशा की पर्यटन क्षमता का पता लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां 500 किलोमीटर की तटरेखा, 33 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र और इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत का ध्यान ‘भारत में शादी’ और ‘भारत में उपचार’ पर है और ओडिशा की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण इन पहलों केलिए बहुत सहायक है। भारत में सम्मेलन पर्यटन की महत्वपूर्ण संभावनाओं पर प्रधानमंत्री ने कहाकि दिल्ली में भारत मंडपम और यशोभूमि जैसे स्थल इस क्षेत्र केलिए प्रमुख केंद्र बन रहे हैं। उन्होंने कॉन्सर्ट अर्थव्यवस्था के उभरते क्षेत्रका भी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत में संगीत, नृत्य और कहानी कहने की समृद्ध विरासत और युवा संगीत कार्यक्रम देखने वालों की एक बड़ी संख्या केसाथ कॉन्सर्ट अर्थव्यवस्था केलिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहाकि एक दशक में लाइव कार्यक्रमों की प्रवृत्ति और मांग में तेजीसे वृद्धि हुई है। भारत में लाइव कॉन्सर्ट की संभावनाओं के प्रमाण के रूपमें मुंबई और अहमदाबाद में हालही में कोल्डप्ले कॉन्सर्ट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहाकि प्रमुख वैश्विक कलाकार भारत की ओर आकर्षित हुए हैं, कॉन्सर्ट अर्थव्यवस्था पर्यटन को बढ़ावा देती है और कई नौकरियां पैदा करती है। उन्होंने राज्यों और निजी क्षेत्रसे कॉन्सर्ट अर्थव्यवस्था केलिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और कौशल पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, इसमें इवेंट मैनेजमेंट, आर्टिस्ट ग्रूमिंग, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं, जहां नए अवसर उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अगले महीने भारत पहलीबार विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहाकि यह महत्वपूर्ण आयोजन दुनिया को भारत की रचनात्मक शक्ति दिखाएगा, ऐसे आयोजन राजस्व उत्पन्न करते हैं और हमारी धारणाओं को आकार देते हैं, जिससे अर्थव्यवस्था की वृद्धि में योगदान मिलता है। उन्होंने कहाकि ओडिशा में ऐसे आयोजनों की मेजबानी करने की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि ओडिशा के लोगों ने एक समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प लिया है और केंद्र सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने ओडिशा केप्रति अपना स्नेह व्यक्त करते हुए कहाकि प्रधानमंत्री के रूपमें उन्होंने लगभग 30 बार राज्य और इसके अधिकांश जिलों का दौरा किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि सम्मेलन के दौरान आए निवेश से ओडिशा के व्यवसाय और ओडिशा की प्रगति दोनों ही नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव के उद्घाटन पर ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरिबाबू कंभमपति, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेल एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, उद्योग व व्यापार जगत के प्रमुख उद्यमी, देश-दुनिया के इंवेस्टर्स और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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